वीर्य की पिचकारी मारी साली पर- Jija Sali ki Chudai
मैं ऑफिस से लौटकर सोफे पर बैठा ही था कि मेरी पत्नी मेरे सामने खड़ी हो गई और कहने लगी बच्चों की छुट्टियां पड़ी है बच्चे कह रहे थे कि उन्हें कहीं घुमाने ले चलो। मैंने अपनी पत्नी पायल से कहा पायल का तुम पहले ही मेरे दिल की बात जान लेती हो पायल कहने लगी आप ऐसा क्यों कह रहे हैं।
मैंने पायल से कहा पायल मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए जयपुर जाना है यदि तुम कहो तो तुम लोग भी मेरे साथ चल पड़ो।
पायल की खुशी का ठिकाना ना रहा और पायल की खुशी इतनी ज्यादा हो गई कि वह कहने लगी चलो कम से कम इस बहाने मम्मी पापा से तो मुलाकात हो जाएगी। पायल के माता-पिता जयपुर में ही रहते हैं और हम लोग दिल्ली में रहते हैं हमारी शादी को 10 वर्ष हो गए हैं।
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पायल कहने लगी हमें जयपुर कब जाना है मैंने उसे कहा बस दो दिन बाद हम लोग जयपुर चलेंगे। तभी मेरी बहन शालिनी भी आ गई और वह कहने लगी भाभी के चेहरे पर कुछ ज्यादा ही मुस्कुराहट दिखाई दे रही है। उसने अपनी भाभी को छेड़ते हुए कहा भाभी क्या बात है तो पायल कहने लगी हां बात तो है ही ना हम लोग जयपुर जो जा रहे हैं।
शालिनी कहने लगी चलिए भैया यह तो अच्छी बात है कि आप लोग जयपुर जा रहे हैं इस बहाने कम से कम भाभी अपने परिवार वालों से तो मिल लेंगे। मैंने जब शालिनी से कहा कि तुम भी हमारे साथ चलो तो शालिनी कहने लगी भैया मैं कहां आप लोगों के बीच में कबाब में हड्डी बनूंगी मैं यही ठीक हूं और मम्मी पापा भी तो घर मे अकेले रह जाएंगे।
मेरे माता-पिता दोनों ही गांव में शादी के सिलसिले में गए हुए थे और वह लोग भी अगले ही दिन आने वाले थे। मुझे इस बात की बहुत खुशी थी कि चलो कम से कम पायल अपने परिवार से तो मिल पाएगी कितने समय बाद वह अपने परिवार से मिलने जा रही थी करीब 10 वर्ष तो हो ही चुका था। हम लोगों ने अपना सामान पूरा पैक कर लिया था पायल ने मुझे कहा कि आप बता दीजिए क्या क्या सामान रखना है।
मैंने पायल से कहा तुम देख लो तुम्हे जो ठीक लगता है तुम वह रख लो पायल कहने लगी ठीक है मैं देख लेती हूं और पायल ने मेरा सामान भी रख दिया था। मेरे कुछ ही कपड़े पायल ने एक छोटे से बैंक में रख दिए थे और हम लोग जब जयपुर के लिए निकले तो उस दिन गर्मी बहुत ज्यादा हो रही थी क्योंकि हम लोग बस से ही जाने वाले थे।
गर्मी इतनी ज्यादा थी कि मुझे लगा की हमे कोई ए सी बस में ही जाना पड़ेगा और मैंने एक ए सी बस में टिकट ले लिया उसके बाद हम लोग चले गए। जब हम लोग गए तो बस में कंडक्टर ने ए सी ऑन कर दिया था और हम लोग आराम से बस में बैठे हुए थे। मेरी पत्नी पायल कहने लगी कि क्या पानी लेले मैंने उसे कहा नहीं रहने दो मेरा मन तो पानी पीने का नहीं हो रहा है लेकिन पायल कहने लगी पानी पीने से आपको अच्छा लगेगा क्योंकि गर्मी तो काफी ज्यादा हो रही थी।
वैसे ए सी में गर्मी का एहसास नहीं हो रहा था लेकिन जब गाड़ी बीच रास्ते में रुकी तो वहां पर सब लोग खाना खाने के लिए उतरे। मैंने पायल और बच्चों से पूछा कि तुम कुछ खाओगे तो वह कहने लगे हमारे लिए आप बाहर से कुछ ले लीजिए।
मैंने बच्चों के लिए चिप्स ले लिए मैंने जब पायल से पूछा कि तुम क्या लोगी तो पायल कहने लगी आप देख लीजिए मैंने उससे कहा तुम बताओ तो सही कि तुम क्या लेने वाली हो। पायल ने मुझे बताया और कहने लगी मुझे आप आइसक्रीम ला दीजिएगा क्योंकि गर्मी काफी ज्यादा थी इसलिए आइसक्रीम खाने का गर्मी में ही एक आनंद है।
मैं बस से नीचे उतर गया बच्चों के लिए मैंने चिप्स ले लिए थे और बच्चों के लिए मैंने आइसक्रीम भी ले ली उसके बाद जब मैं बस में बैठा हुआ था तो हम लोग आइसक्रीम खा रहे थे। बगल में बैठी एक छोटी सी बच्ची हमें देख रही थी मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा मैंने सोचा कि उस बच्ची को भी आइसक्रीम ले कर दे देता हूं मैंने उस बच्ची को भी आइसक्रीम लेकर दे दी फिर वह आइसक्रीम खाने लगी।
उस वक्त उसके साथ कोई भी नहीं था मैं इधर उधर देखने लगा तो मुझे कोई दिखाई नहीं दिया मुझे इस बात की बहुत ज्यादा खुशी थी कि मैंने उस बच्ची को आइसक्रीम दी।
कुछ देर बाद उसके माता-पिता भी आ गए मैंने उनसे कहा भैया आप कहां चले गए थे वह कहने लगे बस भैया खाना खाने चले गए थे। मैंने उन्हें कहा बच्ची को अपने साथ क्यों नहीं ले गए वह कहने लगे बच्ची काफी परेशान कर रही थी इसलिए हम लोग उसे वहां पर लेकर नहीं गए।
मुझे उन्हें देखकर लगा कि ना जाने कैसे लोग हैं अपने बच्चों को भी प्यार नहीं करते मैंने उसके बाद उन्हें कुछ नहीं कहा। मैं जब जयपुर पहुंच गया तो वहां पर मैंने पायल से कहा थोड़ा मेरी भी मदद कर दो पायल ने एक बैग उठा लिया था और मेरे पास काफी सामान था हम लोग वहां से मेरे ससुराल चले गए।
जब हम लोग वहां गए तो मेरी सासू मां और ससुर जी इंतजार कर रहे थे वह कहने लगे तुम लोगों को आने में काफी देर हो गई। मैंने उन्हें कहा रास्ते में काफी जाम लग रहा था और रास्ते में काफी परेशानी भी हो रही थी। उस दिन तो मेरी पत्नी के चेहरे पर बड़ी खुशी थी और अगले दिन मुझे अपने काम के सिलसिले में जाना था तो मैं सुबह के वक्त चला गया और शाम को लौट आया।
मैं जब शाम को लौटा तो मेरी पत्नी ने मेरे लिए गरमा गरम समोसे बना रखे थे मुझे समोसा बड़े पसंद है। मैं जब शाम को लौटा तो पायल कहने लगी मैंने आपके लिए समोसे बनाए हैं जब पायल ने मुझे यह बात कही तो मैंने उससे कहा कि तुमने मेरे लिए कब समोसे बनाये। पायल कहने लगी बस आज ही बनाये मैं सोच रही थी कि तुम्हारे लिए समोसे बनाऊं लेकिन समय ही नहीं मिल पा रहा था परन्तु आज मैंने तुम्हारे लिए समोसे बनाये।
मैंने पायल से कहा तुम मेरा कितना ध्यान रखती हो और यह कहते ही पायल ने मुझे गले लगा लिया, इतने सालों बाद भी हम दोनों के बीच ऐसा ही प्यार बरकरार है जैसा कि पहले था सब कुछ पहले के जैसा ही है। मेरे फोन पर शालिनी का फोन आया और वह कहने लगी भैया आप लोग पहुंच तो गए ना।
मैंने शालिनी से कहा हां शालिनी हम लोग पहुंच गए थे मैं तुम्हें फोन करना भूल गया और आज सुबह मैं अपने काम पर चला गया था। शालिनी कहने लगी भैया आप मेरे लिए वहां से क्या लेकर आ रहे हैं मैंने शालिनी से कहा पहले वापस तो आने दो तभी तो कुछ लेकर आऊंगा।
शालिनी मुझसे कहने लगी भैया मैं आप लोगों को बहुत मिस कर रही हूं मैंने उसे कहा बस कुछ दिनों बाद तो हम लोग वापस आ ही रहे हैं मैंने फिर फोन रख दिया। अगले ही दिन पायल की ममेरी बहन जिसका नाम कल्पना है वह भी आ गई। पायल कल्पना से मिलकर बड़ी खुशी हुई क्योंकि काफी समय बाद उससे पायल से मुलाकात हो रही थी।
मैं उससे करीब 8 वर्षों बाद मिला था वह भी पायल से मिलकर बहुत खुश थी। वह उस दिन घर पर ही रुकने वाली थी उसकी शादी को 6 वर्ष हो चुके हैं और उसके 4 वर्ष का एक छोटा लड़का है। वह हमारे साथ बैठ कर बातें कर रही थी तभी मैंने कल्पना से कहा तुम्हारे पति से मेरी मुलाकात एक ही बार हो पाई है।
वह कहने लगी अरे जीजा जी वह कहां कहीं जाते हैं वह तो सिर्फ अपने घर पर ही रहते हैं उन्हें किसी से भी मतलब नहीं रहता। मैं कल्पना के साथ मजाक कर रहा था आखिरकार वह मेरी साली जो थी मैं जब उसे छेड़ रहा था तो वह मुझे कहने लगी जीजा जी आप काफी मजाक करते हैं।
मैंने उसे कहा मैं तो और भी कुछ करता हूं। वह मेरी तरफ देखने लगी उसने मेरे छाती पर अपने हाथ को रखा और कहने लगी जीजा जी आप और क्या करते हैं। मैं उसके गदराए बदन के आगे अपने आपको बेबस पाता और आखिरकार मैंने उसे कह दिया चलो तुम्हें बताता हूं। वह मुझे कहने लगी जीजा जी लगता है आपके साथ आज रात बितानी पड़ेगी।
मैंने उसे कहा मुझे मौका तो दो तभी तो तुम्हें पता चलेगा कि तुम्हारे जीजा जी तुमसे कितना प्यार करते हैं। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तब तक पायल भी आ गई पायल कहने लगी जीजा और साली की क्या बाते चल रही है। मैंने पायल से कहा कुछ भी तो नहीं बस ऐसे ही एक दूसरे का हालचाल पूछ रहे थे लेकिन कल्पना की आंखों में जो सेक्स का नशा चढ़ा हुआ था वह मुझे ही उतारना था।
मुझे नहीं मालूम था कि कल्पना रात के वक्त मुझसे मिलने के लिए आ जाएगी जब कल्पना मुझसे मिलने के लिए आई तो मैंने कल्पना के नरम और गुलाबी होठों का रसपान काफी देर तक किया जैसे ही मैंने कल्पना से कहा कि तुम भी मेरे लंड को चूसो।
कल्पना कहने लगी चलो जीजा जी आपकी इच्छा भी पूरी कर देते हैं उसमें जब अपने होठों से मेरे लंड को छुआ तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरे लंड को निगल जाएगी। वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी उसे बड़ा मजा आ रहा था और काफी देर तक उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर किया।
ऐसा करते हुए उसे करीब 2 मिनट हो चुका थे 2 मिनट बाद उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर थी। उसने अपने दोनों पैरों को खोल लिया और मुझे कहने लगी चलिए जीजा जी मुझे भी तो दिखाइए आपके अंदर कितनी ताकत है? जब उसने मुझे कहा तो मैंने भी अपने मोटे लंड को उसकी योनि के अंदर डाल दिया।
मेरा लंड इतनी तेजी से उसकी योनि के अंदर घुसा कि उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकली और उसी के साथ मेरा मोटा लंड उसकी योनि में अंदर जा चुका था। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया और उसे काफी देर तक चोदा, मैं नीचे लेटा कर उस चोदता लेकिन जब मैंने उसे गोद में उठा कर चोदना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी मैं अब नहीं रह पाऊंगी। वह झड़ चुकी थी लेकिन 10 मिनट बाद मेरे वीर्य की पिचकारी उसके मुंह की शोभा बना।
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