तंग चूत में बड़ा लण्ड का सफर ट्रेन में- Train Me Chudai

नज़ीला भाभी की जबरदस्त चुदाई | Muslim Bhabhi Ki Chudai
Train Me Chudai

सभी चूत वालियों और लंड वालों को मेरे खड़े लंड का सलाम। चलियें अब ज्यादा बोर नहीं करूँगा आप लोगों को भी, मुझे पता हैं की आप भी सेक्स कहानी पढना चाहते हो जल्दी जल्दी से।!

मैंने अपना बी।टेक २०१३ में कम्प्लीट किया हैं। और फिर वही जॉब के लिए इधर उधर, यह साली जिन्दगी। मैंने अपने जॉब के लिए बहुत एजंसी और कंसल्टेंट्स को अपनी डिटेल दी हुई थी।

यह बात फेब्रुआरी २०१४ की हैं। मैं अपने बर्थ-डे की तैयारी में लगा हुआ था। साला तभी एक एजंसी से कॉल आया की मुझे दिल्ली जाना हैं इंटरव्यू के लिए। मैं बहुत मूडलेस हो गया लेकिन जॉब का सवाल था इसलिए बर्थडे को छोड़ के दुसरे ही दिन मैंने ट्रेन पकड ली।

ट्रेन के सफर में अनजान कपल की चुदाई | XXX Hindi Story

ट्रेन पूरी खाली थी, ७२ लोगो की कैपेसिटी के सामने मुश्किल से १५ लोग थे ट्रेन में। शायद ठण्ड की वजह से लोगों ने केंसल कर दिया होगा। मैं अकेला बोर हो रहा था इसलिए मैं मोबाइल के ऊपर ही सेक्स की कहनी पढने लगा।

ट्रेन सही समय पर स्टेशन से छूटी। मैं स्टोरी में डूब सा गया था उस वक्त। मुझे लगा की अभी मुठ मार लेनी चाहिए क्यूंकि स्टोरी पढ़ते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था। वैसे भी टेंशन थी बर्थडे ख़राब होने की, और मुठ मार लेने से अच्छी अच्छी टेंशन दूर हो जाती हैं मेरी तो। कहानी पढ़ते पढ़ते कब कानपुर आ गया पता ही नहीं चला।

यहाँ से भी कुछ लोग ट्रेन में चढ़े। मैं अपनी सिट पर ही बैठा था। जैसे ही ट्रेन ने कानपुर छोड़ा मैं उठ के बाथरूम में गया। अंदर जाके मैं अपने लंड को हिलाने लगा। चलती ट्रेन में पहली बात मुठ नहीं मार रहा था मैं। लेकिन मुझे पता नहीं था की दरवाजा ख़राब हैं और कड़ी सही नहीं लगी थी। मैं लंड हिला ही रहा था की दरवाजा खुल गया।

३०-३२ साल की एक औरत ने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया। वो फट से दरवाजा बंध कर के चली गई। मैंने मुठ मारना बंध नहीं किया। मुझे लगा की वो चली गई और फिर थोड़ी मिलेंगी।

मैं मुठ मार के वापस आया और हाथ धो के अपनी सिट पर जा बैठा। सिट पर बैठते ही मेरी नजर सामने पड़ी, बाप रे वही लेडी यहाँ भी थी। मैं उस से नजरें नहीं मिला पा रहा था। थोड़ी देर बाद उसने मुझे मेरा नाम पूछा और बातें करने लगी।

उसने अपना नाम माधवी बताया। देखने में बड़ी मस्त थी यार वो। उसका फिगर तो मैंने नहीं नापा लेकिन उसके बूब्स मस्त बड़े बड़े थे। बात करते करते मैं उसके बूब्स ही देख रहा था। उसने पूछा, क्या देख रहे हो? मैं डर गया और कुछ नहीं बोला। उसने फिर पूछा, बाथरूम में क्या कर रहे थे तुम?

उसने कहा, क्यूँ करते हो यह सब तुम? मैंने कहा, जी मेरा बर्थडे हैं जिसकी मैंने बहुत तयारी की थी लेकिन अब मुझे इंटरव्यू के लिए जाना पड़ रहा हैं। टेंशन थी, जिसे दूर करने के लिए यह कर रहा था मैं। उसने मुझे हाथ मिला के बर्थडे विश किया और मेरे गाल पर धीरे से किस भी कर ली। इसे से तो मैं जैसे की पूरा पगला ही गया।

रात के 11 बजने को थे। सभी पेसेंजर चद्दर, कंबल ओढ़ के सोने लगे थे। सिर्फ हम दोनों ही जाग रहे थे ट्रेन के इस डिब्बे में। मुझे तो नींद आने से रही थी। वो भी चोर नजरो से मेरे लंड को देख रही थी।

मैंने सोचा की बेटे मौका अच्छा हैं। मैं उठ के उसकी बगल में जाके बैठ गया। मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे सहलाने लगा। मुझे डर था की कहीं वो भडक ना उठे, लेकिन वो चुप रही। शायद उसे भी मजा आ रहा था ऐसा करने से। वो मेरी और बढ़ी और अपने होंठो से मुझे होंठो पर किस देने लगी।

उसका हाथ मेरी पेंट पर था और मैं अपना हाथ उसके बूब्स पर ले जा चूका था। मैं उसके उभरे हुए बूब्स दबाने लगा और वो मेरे लंड को प्रेशर देने लगी। उसने अपना हाथ पेंट में डाला और लंड को पकड के हिलाने लगी। हम डर भी रहे थे की कई कोई हमें देख ना लें। मैंने उसे कान में कहा की मैं बाथरूम में जाता हूँ आप भी पीछे आ जाओ दो तिन मिनट में।

मैं बाथरूम में चला गया और मेरे पीछे पांच मिनिट में वो भी आ गई। मैंने दरवाजा सही बंध किया और अपनी बेल्ट से उसे अंदर से बाँध भी दिया। मैं अपने कपडे निकाल के नंगा हो गया। वो मेरे लंड को ही देख रही थी।

उसकी साडी और ब्लाउज निकाल के मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चुसना चालू किया। उसने पीछे हाथ कर के जैसे ही ब्रा खोली मैं पागल हो गया। यार क्या बड़े बड़े बूब्स भरे थे उसने अपनी ब्रा के अंदर। उसने भी सभी कपडे खोल दिए और नंगी हो गई। वो अब टॉयलेट की सिट पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी।

बाप रे बहुत ही जबरदस्त मजा आ रहा था मुझे तो। वो लंड को पूरा अंदर ले के ऐसे चूस रही थी की बस लंड खा लेंगी अभी मेरा। मैं उसका माथा पकड के अपने लंड की और खिंच रहा था।

फिर मैंने कमर हिला के अपने लंड के झटके उसके मुहं में मारने चालु कर दिए। वो भी लंड को बहार निकाल के हिलाने लगी और फिर उसे मुहं में लेके चूसने लगी। उसने ऐसे ही पांच मिनिट और मेरी लण्ड चुसाई की।

अब मैंने उसकी टाँगे खोली और एक टाँग को अपने कंधे पर रख दी। फिर मैंने निचे से उसकी चूत को चाटने लगा। वो आह आह करती जा रही थी और मैं जबान को चूत में और भी अंदर तक उतार रहा था।

उसके हाथ मेरे बालों में थे जिन्हें वो मसल रही थी और मुझे जोर जोर से चूत की और दबा रही थी। उसकी चूत झड़ गई और मैं उठ खड़ा हुआ।

अब मैंने उसका एक पग टॉयलेट सिट पर रखवाया और पीछे से अपना लंड उसकी तंग चूत में डालना चाहा। अभी सुपाडा ही अंदर गया था की उसने आह आह करके लंड को बहार निकाल दिया।

बहुत मोटा हैं ये तो, बहुत दर्द हो रहा हैं मुझे।

आप इसे और चूस लो, फिर दर्द नहीं होंगा।

वो फिर मेरे लंड को मुहं में डाल के चूसने लगी। उसे दो मिनिट और लंड चुसाके फिर मैंने उसे वही उलटी पोजीशन में खड़ा किया। मैंने उसकी चूत पर ढेर सारा थूंक लगाया और फिर अपना सुपाड़ा अंदर डाला।

उसकी आह निकल गई। अब की वो लंड को बहार निकाले उसके पहले ही मैंने एक झटका मार के लंड अंदर आधे से ज्यादा पेल दिया।

उसके मुहं से आह निकल पड़ी, अरे बाप रे बहुत दर्द हो रहा हैं, बहुत मोटा हैं तुम्हारा तो।!

अपने लंड की तारीफ़ सुनना किसको अच्छा नहीं लगता। अब मैं उसके बूब्स पकड के उसकी चूत में लंड को पूरा घुसेड़ने लगा। पूरा लंड अंदर डाल के मैं पीछे से उसकी गरदन और कंधे के ऊपर किस करने लगा।

वो भी बड़ी मस्त हो गई ऐसा करने से। और मेरे झटके चालू करने से पहले ही वो खुद अपनी गांड को हिलाने लगी। मैंने अब उसकी गांड पर हाथ रख दिया और मैं उसकी चूत में अपने लंड को जोर जोर से अंदर बहार करने लगा।

वो अपनी गांड हिला हिला के चुदवाने लगी। मुझे उसकी टाईट चूत के अंदर चोदने में जो मजा आ रहा था वो कैसे बताऊँ आप लोगों को।!

वो गांड हिलाती रही और मैं उसकी चूत में लंड मारता रहा। पुरे पंद्रह मिनिट चूत चुदाई हुई उसकी। वैसे भी एकबार मुठ मार चूका था इसलिए जल्दी निकलना मुश्किल था।

वो भी अपनी गांड को जोर जोर से हिला के मेरे लंड का पानी निकालने पे तुली थी और मैं भी अपना लंड उसकी चूत में ठोक ठोक के अपना पानी निकालने पर तुला हुआ था। तभी मेरे लंड ने पिचकारी मारी और मैंने फट से लंड चूत से बहार निकाल लिया। मैंने अपना सब वीर्य उसकी गांड पर ही छिडक दिया। उसके मुहं से संतोष वाली आह निकल पड़ी।

हमने कपडे पहने और बारी बारी बाथरूम से बहार आ गए। फिर हम एक ही सिट पर एक कंबल में घुस गए। ठंडी की उस रात में उस लेडी ने मेरा लंड दो बार कंबल में ही चूसा। और एक बार मैंने उसे पीछे से कंबल के अंदर ही चोदा। दिल्ली उतरने पर उसने अपना दिल्ली का पता और मोबाइल नम्बर दिया। उसने कहा की जब भी मैं दिल्ली आऊ उसे कॉल करूँ।।!

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