रास्ते मैं चुदाई, अनजान व्यक्ति अनजान रास्ता Untold Sex Hindi Kahani
- By : Admin
- Category : Desi Sex Kahani, First Time Sex, Sex Stories, XXX Story
Desi Sex Kahani
ये कहानी तब की है जब मे 11 क्लास मे पढ़ता था . मे अपने चाचा जी के घर
पर पढ़ाई कर रहा था क्योंकि मेरा घर गाँव मे था और वाहा कोई अच्छा स्कूल
नही था इसलिए मेरे चाचा मुझे अपने साथ अपने घर ले आए थी. उनका घर काफ़ी
बड़ा था. अब मुझे मिलाकर घर मे चार मेंबर हो गये थी . पहले और घर के बड़े
चाची जी और चाची जी और उनकी एक लोति संतान अंजलि दीदी जिनकी उम्र उस वक्त
23 थी और चोथा था मे ( अनुज ).
अंजलि दीदी बहुत खूबसूरत थी उनकी हाइट 5′ 5″ , स्लिम , गोरा रंग और जो
मुझे सबसे ज़्यादा पसंद थी वो थी उनके रेशमी लंबे बाल जो कि उनकी लो बेक
तक आते थे. कुल मुलाकर अंजलि दीदी किसी फिल्म आक्ट्रेस से काम नही लगती
थी. वो मुझे बहुत प्यार्कर्ती थी इसकी वजह शायद ये भी थी कि उनके कोई
अपने छोटे भाई बहन नही थे. सो मेरे घर मे आने से वो अब अकेला महसूस नही
करती थी . अंजलि दीदी एम.कॉम कर रही थी उनकी मैथ बहुत अच्छी थी . सो वो
मुझे अक्सर मैथ मे हिल्प कर दिया करती थी. मेरे स्कूल मे मेरे ज़्यादा
फ्रेंड नही थे सिर्फ़ गिने चुने दोस्त थे. राज भी उनमे से एक था ..वो
पढ़ाई लिखाई मे कम और गुंडा गर्दि मे ज़्यादा लगा रहता था …उसकी मेरी
दोस्ती तब हुई थी जब मे स्कूल मे नया आया था. मे नया नया गाँव से आया था
सो ज़्यादा पता नही था सहर के लोगो के बारे मे इसलिए कुछ सीनियर लड़को ने
मुझे स्कूल मे पकड़ कर मेरे पैसे छीनने चाहे ..मे बहुत डर गया था..पर
मैने उन्हे पैसे देने से इनकार कर दिया ..तब एक लड़के ने मेरा गिरेवान
पकड़ कर मुझे मुक्का मारना चाहा कि तभी कही से राज आ गया वो लंबा चौड़ा
था ..उसको देख कर उन लड़को ने मुझे छोड़ दिया..तब से ही हम दोस्त थे…
मेरा स्कूल बाय्स स्कूल था सो एक दिन क्लास मे जब मे लंच टाइम मे लंच कर
रहा था तो राज मेरे पास आया और बोला ..” अबे क्या अकले अकेले खा रहा है …
मैने उसको बोला ले भाई तू भी खा ले …वो हस्ने लगा और बोला जल्दी खाना खा
तुझे एक अच्छी चीज़ दिखाता हू….उसका चेहरा चमक रहा था..मुझे भी उत्सुकता
थी ज़ल्दी खाना खाया और फिर बोला ” हा. राज बता क्या बात है’ तब राज ने
इधर उधर देखा ..क्लास मे और कोई नही था ..उसने अपने बेग मे हाथ डाला और
के छोटी सी किताब निकाल ली…मैं बड़े ध्यान से उसे देख रहा था….जैसे ही
उसने वो किताब खोली मेरे रोंगटे खड़े हो गये ..उस किताब मे जो फोटो थी
उनमे लड़कियो की नंगी तस्वीरे थी….मेरा चेहरा लाल हो गया था शरम से. मुझे
देख राज हंस पड़ा. और बोला.” अबे चुतिये क्या हुआ ..तेरी गांद क्यो फॅट
रही है…” मैने अपनी ज़िंदगी मे पहली बार ऐसे फोटो देखी थी .. मैने कहा
राज कोई देख लेगा यार..अगर पकड़े गये तो बहुत पिटाई होगी..तब राज बोला तू
तो बड़ा फटू है साले इतनी मुस्किल से तो इस किताब का जुगाड़ किया है मैने
..फिर वो उसके पन्ने पलट ने लगा ..दूसरे पन्नो मे एक आदमी खड़ा था और एक
लड़की उसका लंड अपने मूह मे ले रही थी..मुझे बहुत डर लग रहा था पर अब
मेरी इच्छा और बढ़ गई थी मे उस बुक को पूरा देखना चाहता था…तभी स्कूल बेल
बजी जिसका मुतलब था कि लंच टाइम ख़तम हो गया है ..राज ने उस किताब को
वापस अपने बेग मे रख लिया क्योंकि बाकी बच्चे क्लास मे आने लगे थे…मुझे
बड़ा गुस्सा आया क्योंकि मुझे उस किताब की बाकी फोटो भी देखनी थी ..पर
क्या करता क्लास अब बच्चो से भर चुकी थी और साइन्स का टीचर क्लास मे एंटर
हो चुका था.
उस दिन जब मे छुट्टी होने के बाद घर गया तब घर पर चाची ही थी . चाचा जी
तो ऑफीस से शाम को आते थे और अंजलि दीदी 4 बजे कॉलेज से आती थी . खैर
मैने खाना खाया और अपने कमरे मे थोड़ा आराम करने के लिए चला गया ( मे
आपको ये बता दू अंजलि दीदी और मेरा कमरा एक ही था बस बेड अलग थे
).गर्मियो के दिन थे सो मुझे नींद आ गयी..मुझे सपनो मे भी वोही तस्वीरे
..वो नंगी लड़किया..उनकी बूब्स..नज़र आ रही थी..कि तभी मुझे कुछ गिरने की
आवाज़ आई ..मैने अपनी आँखे खोली तो देखा की दीदी के बेड पर कुछ बुक्स
पड़ी है जिसका मुतलब सॉफ था कि दीदी घर आ चुकी है…तभी मेरी नज़र अपने
पाजामे पर गयी..उसका टेंट बना हुआ था ..मेरा लंड उन फोटो को याद करते
करते खड़ा हो चुका था..वो तो अच्छा था कि मे उल्टा सोया था नही तो दीदी
उसको देख सकती थी..मे उठ कर बैठा ही था कि अंजलि दीदी कमरे मे आए उन्होने
पिंक सूट और ब्लॅक सलवार पहने हुए थी . ” और मिस्टर जाग गये तुम….कितना
सोते हो..” अंजलि दीदी अपना दुपट्टा उतार कर स्टडी टेबल पर रखते हुए
बोली….मे अभी भी थोड़ा नींद के नशे मे था …दुपपता उतारने से उनके बूब्स
और उभर कर बाहर आ गये थे..और मेरे नज़र सीधी उनपर गयी…वैसे तो मे दीदी को
काई बार विदाउट दुपपता देख चुका था फिर पता नही आज उनके बूब्स देखते ही
मेरा दिमाग़ उन नंगी लड़कियो के बूब्स को दीदी के बूब्स से कंपेर करने
लगा और मेरे लंड ने ज़ोर से झटका लिया..ऐसा मेरे साथ पहले बार हुआ था…”
दीदी बहुत थक गयी थी..पता नही कब नींद लग गयी मुझे.” मैने दीदी की तरफ
देखा जो कि अपने बेड पर बैठ गयी थी..तभी दीदी ने कुछ ऐसा किया के मेरे
लंड ने दोसरा झटका मारा दीदी ने अपने जुड़े की पिन खोली और उनकी लंबे
सेक्सी रेस्मी बाल खुल गये फिर दीदी ने उनको आगे किया और मुझे देखते हुए
बोली ” क्या हुआ मिस्टर. ऐसे क्या देख रहा है तू..” मेरा तो चहरा एक दम
से लाल हो गया मुझे ऐसा लगा जैसे की मे चोरी करते हुए पकड़ा गया हू… मे
घबरा कर बोला..एमेम…ह्म्म…का .कुकुच ..नही दीदी …वो आपके बाल …” मेरा गला
सुख चुका था. दीदी हस्ते हुए अपने बेड से उठ कर मेरी बगल मे बैठ गयी.
मुझे उनके बदन पर लगे डीयोडरेंट की खुशुबू आ रही थी..और साथ मे डर भी लग
रहा थी कि कही दीदी मेरे पाजामे की तरफ ना देख ले…खैर ऐसा कुछ नही हुआ और
दीदी ने मुझे गाल पर एक किस दिया और बाहर जाने लगी..मे उन्हे जाते हुए
देख रहा था..उनकी लंबे बाल उनकी कमर पर बड़े सेक्सी तरीके से लहरा रहे
थे..और मुझे चिड़ा रहे थे…
” अबे वो किताब कैसे लगी थी तुझे…मज़ा आया था.” राज मुझे चिड़ाते हुई
बोला. हम क्लास मे पिछले डेस्क पर बैठे थे.
” कितनी बार मूठ मारा था तूने ..बोल बोल…शर्मा मत..” वो फिर बोला
“मैने ऐसा कुछ नही क्या” मे बोला
“अबे चूतिए वो तो सिर्फ़ फोटो थी …बोल उनकी मूवी देखे गा…ज़ल्दी बोल..”
ये सुन कर मेरे लंड मे हर्कात से होने लगी. और ना चाहते हुए भी मेरे मूह
से निकला ” क..कहा..देखेंगे “
वो तू मुझ पर छोड़ दे ..चल स्कूल के बाद मेरे साथ चलना और.मैने हा मे सिर
हिला दिया.
स्कूल की छुट्टी होते ही राज मुझे स्कूल के पास वाले साइबर केफे ले
गया..हमने कोने वाली एक सीट ली ..कंप्यूटर को राज ओपरेट कर रहा था ..जिस
तरह से वो कंप्यूटर चला रहा था उससे पता लगता था कि वो इस काम मे काफ़ी
एक्ष्पर्त है..मैने उसे कई बार इस साइबर केफे से आते जाते देखा था…तभी
उसने कोई साइट खोली और सामने नंगी लड़कियो की तस्वीर आनी शुरू हो गयी..
ये सब देखते ही मेरा गला सूख गया मे ये सब पहली बार देख रहा था..फिर राज
ने किसी लिंक पर क्लिक किया और कुछ सेकेंड बाद एक क्लिप प्ले होने लगी
..उसमे एक आदमी एक लड़की के उप्पर चढ़ा हुआ था..लड़की झुकी हुई थी और वो
आदमी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था….ये देखते ही मेरा लंड ना जाने क्यू
मेरी पॅंट मे खड़ा हो गया ..
” इसको चुदाई कहते है ..देख कैसे चोद रहा है लड़की की चूत को…..”
मे कुछ बोल नही रहा था मेरी आँखे तो कंप्यूटर स्क्रीन से चिपक गयी थी
..मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. ..और मन मे ये डर भी था कि कही कोई हमे
पकड़ ना ले ये सब देखते हुए..
पर पढ़ाई कर रहा था क्योंकि मेरा घर गाँव मे था और वाहा कोई अच्छा स्कूल
नही था इसलिए मेरे चाचा मुझे अपने साथ अपने घर ले आए थी. उनका घर काफ़ी
बड़ा था. अब मुझे मिलाकर घर मे चार मेंबर हो गये थी . पहले और घर के बड़े
चाची जी और चाची जी और उनकी एक लोति संतान अंजलि दीदी जिनकी उम्र उस वक्त
23 थी और चोथा था मे ( अनुज ).
अंजलि दीदी बहुत खूबसूरत थी उनकी हाइट 5′ 5″ , स्लिम , गोरा रंग और जो
मुझे सबसे ज़्यादा पसंद थी वो थी उनके रेशमी लंबे बाल जो कि उनकी लो बेक
तक आते थे. कुल मुलाकर अंजलि दीदी किसी फिल्म आक्ट्रेस से काम नही लगती
थी. वो मुझे बहुत प्यार्कर्ती थी इसकी वजह शायद ये भी थी कि उनके कोई
अपने छोटे भाई बहन नही थे. सो मेरे घर मे आने से वो अब अकेला महसूस नही
करती थी . अंजलि दीदी एम.कॉम कर रही थी उनकी मैथ बहुत अच्छी थी . सो वो
मुझे अक्सर मैथ मे हिल्प कर दिया करती थी. मेरे स्कूल मे मेरे ज़्यादा
फ्रेंड नही थे सिर्फ़ गिने चुने दोस्त थे. राज भी उनमे से एक था ..वो
पढ़ाई लिखाई मे कम और गुंडा गर्दि मे ज़्यादा लगा रहता था …उसकी मेरी
दोस्ती तब हुई थी जब मे स्कूल मे नया आया था. मे नया नया गाँव से आया था
सो ज़्यादा पता नही था सहर के लोगो के बारे मे इसलिए कुछ सीनियर लड़को ने
मुझे स्कूल मे पकड़ कर मेरे पैसे छीनने चाहे ..मे बहुत डर गया था..पर
मैने उन्हे पैसे देने से इनकार कर दिया ..तब एक लड़के ने मेरा गिरेवान
पकड़ कर मुझे मुक्का मारना चाहा कि तभी कही से राज आ गया वो लंबा चौड़ा
था ..उसको देख कर उन लड़को ने मुझे छोड़ दिया..तब से ही हम दोस्त थे…
मेरा स्कूल बाय्स स्कूल था सो एक दिन क्लास मे जब मे लंच टाइम मे लंच कर
रहा था तो राज मेरे पास आया और बोला ..” अबे क्या अकले अकेले खा रहा है …
मैने उसको बोला ले भाई तू भी खा ले …वो हस्ने लगा और बोला जल्दी खाना खा
तुझे एक अच्छी चीज़ दिखाता हू….उसका चेहरा चमक रहा था..मुझे भी उत्सुकता
थी ज़ल्दी खाना खाया और फिर बोला ” हा. राज बता क्या बात है’ तब राज ने
इधर उधर देखा ..क्लास मे और कोई नही था ..उसने अपने बेग मे हाथ डाला और
के छोटी सी किताब निकाल ली…मैं बड़े ध्यान से उसे देख रहा था….जैसे ही
उसने वो किताब खोली मेरे रोंगटे खड़े हो गये ..उस किताब मे जो फोटो थी
उनमे लड़कियो की नंगी तस्वीरे थी….मेरा चेहरा लाल हो गया था शरम से. मुझे
देख राज हंस पड़ा. और बोला.” अबे चुतिये क्या हुआ ..तेरी गांद क्यो फॅट
रही है…” मैने अपनी ज़िंदगी मे पहली बार ऐसे फोटो देखी थी .. मैने कहा
राज कोई देख लेगा यार..अगर पकड़े गये तो बहुत पिटाई होगी..तब राज बोला तू
तो बड़ा फटू है साले इतनी मुस्किल से तो इस किताब का जुगाड़ किया है मैने
..फिर वो उसके पन्ने पलट ने लगा ..दूसरे पन्नो मे एक आदमी खड़ा था और एक
लड़की उसका लंड अपने मूह मे ले रही थी..मुझे बहुत डर लग रहा था पर अब
मेरी इच्छा और बढ़ गई थी मे उस बुक को पूरा देखना चाहता था…तभी स्कूल बेल
बजी जिसका मुतलब था कि लंच टाइम ख़तम हो गया है ..राज ने उस किताब को
वापस अपने बेग मे रख लिया क्योंकि बाकी बच्चे क्लास मे आने लगे थे…मुझे
बड़ा गुस्सा आया क्योंकि मुझे उस किताब की बाकी फोटो भी देखनी थी ..पर
क्या करता क्लास अब बच्चो से भर चुकी थी और साइन्स का टीचर क्लास मे एंटर
हो चुका था.
उस दिन जब मे छुट्टी होने के बाद घर गया तब घर पर चाची ही थी . चाचा जी
तो ऑफीस से शाम को आते थे और अंजलि दीदी 4 बजे कॉलेज से आती थी . खैर
मैने खाना खाया और अपने कमरे मे थोड़ा आराम करने के लिए चला गया ( मे
आपको ये बता दू अंजलि दीदी और मेरा कमरा एक ही था बस बेड अलग थे
).गर्मियो के दिन थे सो मुझे नींद आ गयी..मुझे सपनो मे भी वोही तस्वीरे
..वो नंगी लड़किया..उनकी बूब्स..नज़र आ रही थी..कि तभी मुझे कुछ गिरने की
आवाज़ आई ..मैने अपनी आँखे खोली तो देखा की दीदी के बेड पर कुछ बुक्स
पड़ी है जिसका मुतलब सॉफ था कि दीदी घर आ चुकी है…तभी मेरी नज़र अपने
पाजामे पर गयी..उसका टेंट बना हुआ था ..मेरा लंड उन फोटो को याद करते
करते खड़ा हो चुका था..वो तो अच्छा था कि मे उल्टा सोया था नही तो दीदी
उसको देख सकती थी..मे उठ कर बैठा ही था कि अंजलि दीदी कमरे मे आए उन्होने
पिंक सूट और ब्लॅक सलवार पहने हुए थी . ” और मिस्टर जाग गये तुम….कितना
सोते हो..” अंजलि दीदी अपना दुपट्टा उतार कर स्टडी टेबल पर रखते हुए
बोली….मे अभी भी थोड़ा नींद के नशे मे था …दुपपता उतारने से उनके बूब्स
और उभर कर बाहर आ गये थे..और मेरे नज़र सीधी उनपर गयी…वैसे तो मे दीदी को
काई बार विदाउट दुपपता देख चुका था फिर पता नही आज उनके बूब्स देखते ही
मेरा दिमाग़ उन नंगी लड़कियो के बूब्स को दीदी के बूब्स से कंपेर करने
लगा और मेरे लंड ने ज़ोर से झटका लिया..ऐसा मेरे साथ पहले बार हुआ था…”
दीदी बहुत थक गयी थी..पता नही कब नींद लग गयी मुझे.” मैने दीदी की तरफ
देखा जो कि अपने बेड पर बैठ गयी थी..तभी दीदी ने कुछ ऐसा किया के मेरे
लंड ने दोसरा झटका मारा दीदी ने अपने जुड़े की पिन खोली और उनकी लंबे
सेक्सी रेस्मी बाल खुल गये फिर दीदी ने उनको आगे किया और मुझे देखते हुए
बोली ” क्या हुआ मिस्टर. ऐसे क्या देख रहा है तू..” मेरा तो चहरा एक दम
से लाल हो गया मुझे ऐसा लगा जैसे की मे चोरी करते हुए पकड़ा गया हू… मे
घबरा कर बोला..एमेम…ह्म्म…का .कुकुच ..नही दीदी …वो आपके बाल …” मेरा गला
सुख चुका था. दीदी हस्ते हुए अपने बेड से उठ कर मेरी बगल मे बैठ गयी.
मुझे उनके बदन पर लगे डीयोडरेंट की खुशुबू आ रही थी..और साथ मे डर भी लग
रहा थी कि कही दीदी मेरे पाजामे की तरफ ना देख ले…खैर ऐसा कुछ नही हुआ और
दीदी ने मुझे गाल पर एक किस दिया और बाहर जाने लगी..मे उन्हे जाते हुए
देख रहा था..उनकी लंबे बाल उनकी कमर पर बड़े सेक्सी तरीके से लहरा रहे
थे..और मुझे चिड़ा रहे थे…
” अबे वो किताब कैसे लगी थी तुझे…मज़ा आया था.” राज मुझे चिड़ाते हुई
बोला. हम क्लास मे पिछले डेस्क पर बैठे थे.
” कितनी बार मूठ मारा था तूने ..बोल बोल…शर्मा मत..” वो फिर बोला
“मैने ऐसा कुछ नही क्या” मे बोला
“अबे चूतिए वो तो सिर्फ़ फोटो थी …बोल उनकी मूवी देखे गा…ज़ल्दी बोल..”
ये सुन कर मेरे लंड मे हर्कात से होने लगी. और ना चाहते हुए भी मेरे मूह
से निकला ” क..कहा..देखेंगे “
वो तू मुझ पर छोड़ दे ..चल स्कूल के बाद मेरे साथ चलना और.मैने हा मे सिर
हिला दिया.
स्कूल की छुट्टी होते ही राज मुझे स्कूल के पास वाले साइबर केफे ले
गया..हमने कोने वाली एक सीट ली ..कंप्यूटर को राज ओपरेट कर रहा था ..जिस
तरह से वो कंप्यूटर चला रहा था उससे पता लगता था कि वो इस काम मे काफ़ी
एक्ष्पर्त है..मैने उसे कई बार इस साइबर केफे से आते जाते देखा था…तभी
उसने कोई साइट खोली और सामने नंगी लड़कियो की तस्वीर आनी शुरू हो गयी..
ये सब देखते ही मेरा गला सूख गया मे ये सब पहली बार देख रहा था..फिर राज
ने किसी लिंक पर क्लिक किया और कुछ सेकेंड बाद एक क्लिप प्ले होने लगी
..उसमे एक आदमी एक लड़की के उप्पर चढ़ा हुआ था..लड़की झुकी हुई थी और वो
आदमी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था….ये देखते ही मेरा लंड ना जाने क्यू
मेरी पॅंट मे खड़ा हो गया ..
” इसको चुदाई कहते है ..देख कैसे चोद रहा है लड़की की चूत को…..”
मे कुछ बोल नही रहा था मेरी आँखे तो कंप्यूटर स्क्रीन से चिपक गयी थी
..मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. ..और मन मे ये डर भी था कि कही कोई हमे
पकड़ ना ले ये सब देखते हुए..
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