अतृप्त पंजाबी भाभी को चोदा- Punjaban ki Chudai
- By : Admin
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नमस्ते दोस्तो, भाभी की चुदाई की इस स्टोरी पर में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मेरे और उसके बीच एक प्यार भरा रिश्ता कायम हुआ।
मैं राहुल हूँ, धनबाद झारखण्ड का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल है। मेरा रंग साफ़ है, मेरी हाइट 6 फ़ीट है और मेरा लंड क़रीब 6 इंच का है।
मैं पिछले कई सालों से hindikahani.co.in पर सेक्स स्टोरीज पढ़ता आ रहा हूँ। आज मैंने सोचा कि अपनी स्टोरी भी लिख डालूं ताकि आप भी उसका आनन्द ले सकें जो मेरे साथ हुआ। मेरी यह स्टोरी मेरे और मेरे घर से कुछ दूर पर रहने वाली एक भाभी की चूत चुदाई की है।
यों तो स्कूल टाइम से मेरी काफी गर्लफ्रेंड रही हैं और काफी के साथ मेरे सम्बन्ध भी हुए हैं। मेरी यह खासियत थी कि जिनके साथ मेरा ब्रेकअप हो जाता था उसके साथ उसके बाद भी सेक्स कभी कभी होता रहता है… मगर हां, उसकी मर्ज़ी से!
और भाभी, जिनका नाम सिमरन (बदला हुआ नाम) है, क़यामत की परी की तरह थी, वो ज्यादातर साड़ी नहीं पहनती थी मगर जिस दिन पहन ले तो समझो पूरे मोहल्ले में तहलका मच जाये।
यहाँ का हर लड़का उसको छूने की तमन्ना रखता था। एक तो गोरा रंग, ऊपर से उसका हुस्न… 32″ के टाइट मम्मे और 36 के चूतड़ और पंजाबन… बस इत्ता ही काफी है यह समझने के लिए कि उसको देख कर किसी का भी मन डोल जायेगा।
बात करीब 5 महीने पहले की है। वो रोज़ मेरे घर के सामने से जाती थी, मैं उसे देखता था पर कभी कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई। मुझे नहीं पता था कि वो भी मुझे देखती है।
एक दिन मैं अपना फेसबुक देख रहा था कि अचानक मुझे उसकी आई डी दिखी। मुझे लगा फेक है… पर मैंने उसे रिक्वेस्ट भेज दिया।
2 दिन तक तो कुछ नहीं हुआ, तीसरे दिन उसने एक्सेप्ट कर ली। मैं भी बात करने लगा पर मुझे शक था कि ये फेक तो नहीं।
मगर जब अगले दिन वो गुजर रही थी तब उसने मुझे देख कर स्माइल किया, तब मुझे यकीं हो गया ये भी वही है।
अब रोज़ मैं इंतज़ार करने लगा और धीरे धीरे हमारी बातें शुरू हो गई… मुझे तो जैसे किस्मत की चाबी मिल गई थी।
अब हम रोज़ बात करने लगे थे और आते जाते भी इशारों इशारों में बातें हो ही जाती थी।
मगर अब मेरे मन में उसको चोदने के ख्याल आने लगे। अब मैं यही सोचता रहता था कि कैसे भाभी को पटाऊँ कि वो मेरे को भी उसके हुस्न का दीदार करवाए।
तब मैंने एक तरकीब निकाली, मैंने उसको बोला- भाभी, आज चलो एक गेम खेलते हैं।
उसने पूछा- कौन सा?
मैंने बोला- सच या डेयर!
तो उसने हामी भर दी।
हमने गेम शुरू किया। पहले तो हमने शुरुआत में ऐसे ही नार्मल गेम खेला। फिर मैं बोला- भाभीजी, मजा नहीं आ रहा, गेम थोड़ी मुश्किल करते हैं।
भाभी बोली- ठीक है।
फिर हमने गेम शुरू किया।
मैंने पूछा- आपने कभी किस किया है?
भाभी ने हंसने का स्माइली भेजी, बोली- हां, शादी के बाद सब करते हैं।
मैं बोला- अरे मैं भूल गया था कि आप शादीशुदा हो।
वो हंसने लगी।
फिर उसने पूछा- फ़्लर्ट कर रहे हो?
मैंने भी मौका देख कर बोल दिया- इतनी सुन्दर लड़की सामने हो तो अपने आप निकल जाता है।
फिर दोनों थोड़ा थोड़ा खुल गए और थोड़ा फ्रैंक होकर भी बात करने लगे।
उसने पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?
मैं बोला- नहीं।
तब उसने बोला- शादी के बाद क्या होता है, तुम्हें नहीं पता?
मैंने उसे बताया कि मेरी कुछ लड़कियों के साथ सम्बन्ध थे।
तब वो थोड़ी और उत्सुक हो गई, पूछने लगी- तो अब क्या करते हो?
मैंने बोला- मेरी फ्रेंड्स हैं अभी, वो सभी खुश है मेरे से।
तो वो मेरे से ज़िद करने लगी कि अपनी फ्रेंड्स के नाम बताऊँ पर मैंने नहीं बताए और बात पलट दी।
उस दिन चैट पर हमने एक दूसरे का नंबर लिया और गुड नाइट बोल कर ऑफलाइन हो गए।
अगले दिन सुबह मैं उठा तो मेरे मोबाइल पर एक गुड मॉर्निंग मैसेज था। मुझे पता था कि ये भाभी ने भेजा है, फिर भी मैंने पूछा- कौन?
तो उधर से रिप्लाई आया- आपकी नई गर्लफ्रेंड!
मैं समझ गया था कि बात तो बन गई है पर इस सिलसिले को अंजाम तक पहुंचना था।
फिर धीरे धीरे हम लोग मैसेज पर बात करने लगे। हम कभी कभी सेल्फी भी भेजने लगे थे।
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एक दिन मैंने सोचा कि अब बहुत हुआ अब कुछ करना पड़ेगा।
शाम का समय था, भाभी का मैसेज आया- क्या कर रहे हो?
मैं बोला- मुझे अभी बात नहीं करनी!
वो बोली- ठीक है।
फिर रात में मैंने मैसेज किया- कहाँ हो? क्या कर रही हो?
उसका रिप्लाई आया- जाओ रहो बिजी… मेरे को बात नहीं करनी।
मैंने उसको बताया कि मेरा मूड ठीक नहीं था।
फिर मानो उसने जिद पकड़ ली कि बताओ हुआ क्या था?
तब मैंने बताया कि शाम को मेरा फ्रेंड आया था, उसने मुझे ब्लू फिल्म की वीडियो दिखा दी, तब से मुझे अजीब सा लग रहा है, करने का मन कर रहा है।
तो वो हंसने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- जाओ अपनी फ्रेंड्स के पास!
मैं बोला- आपको देखने के बाद अब फ्रेंड्स में मन नहीं लगता।
तो वो बोली- बहुत बदमाश हो गए हो, तुम्हारी मम्मी से तुम्हारी शिकायत करूंगी।
मैंने भी मौका का फायदा उठाने का सोचा, बोला- आप तो मेरी गर्लफ्रेंड हो तो भी आज तक किस भी नहीं किया?
तो वो मुझे फ़ोन पर ही किस भेजने लगी।
मैंने बोला- मेरे को फ़ोन पर नहीं, रियल में चाहिए।
तो उसने बोला- जब मिलेंगे, तब ले लेना।
मैं तो जैसे आसमान में था।
फिर मैंने उसे बोला- मैं आपको डेट पर ले जाना चाहता हूँ।
वो मान गई।
मैं समझ गया अब आग दोनों तरफ लग चुकी है।
फिर हम सुबह मूवी हाल में मिले। वो अलग गई थी, मैं भी अलग।
जब उसको वहाँ देखा, मेरे होश उड़ गए। टीशर्ट और जीन्स में मानो वो कोई 20 वर्ष की लड़की लग रही थी।
खैर दोनों टिकट लेकर सीट पर बैठ गए। मूवी शुरु हुई, मैं उसकी तरफ देखने लगा। शुरुआत में मैं थोड़ा डरा हुआ था तो सिर्फ उसका हाथ पकड़ा।
मगर वो खुद बोल उठी- क्या इत्ती सुबह मुझे मूवी देखने बुलाया है?
मैं समझ गया… मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा। मगर अभी भी मेरे हाथ उसकी पीठ को सहला रहे थे।
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उसने अपने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ अपनी चूची पर रख दिया। मैंने भी अब उसको अपने आगोश में ले लिया। एक हाथ से उसको पकड़ कर चूम रहा था तो एक हाथ से उसकी गोल गोल चूची को दबा कर आनन्द ले रहा था। उसकी चूची बहुत ही नर्म और स्पंजी थी, मैं बहुत जोरों से उसकी चूची को दबा रहा था। वह भी हाथ से मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी।
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फिल्म का पहला भाग हमने ऐसे ही निकाल दिया। लेकिन इंटरवल के बाद मैंने उसके टीशर्ट को ऊपर कर उसके ब्रा में से उसकी चूची आज़ाद की और उसे खुल कर चूसने लगा।
मुझे तो लग रहा था मानो कोई सपना देख रहा हूँ।
वो भी अपने हाथों से मम्मों को पकड़ कर मुझसे अपने दूध चुसवा रही थी।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
फिर उसने मेरे को सीट पर पीछे धकेल दिया और खुद झुक गई बड़े प्यार से मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और सहलाते सहलाते हाथ पैंट के अंदर ले गई और मेरे लंड को जोर से दबा दिया।
मैं भी चिहुंक उठा, बोला- आराम से!
तो वो हंसने लगी।
फिर उसने मेरे लंड बाहर निकाला और अपने मुंह में ले लिया। कुछ ही पलों में वो मेरे लम्बे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चूसने लगी। मैं भी लंड चुसवाने में मस्त हो गया और राजधानी एक्सप्रेस की तरह उसके मुँह में अपने लंड को आगे पीछे पूरी ताकत से पेलने लगा।
कुछ देर तक लंड को उसके मुँह में पेलने पर मैं झड़ने को हो गया था और फिर आखिर में मैं झड़ ही गया।
मेरे झड़ते ही उसने मेरा सारा माल अपने मुँह में ले लिया। तब तक मूवी भी अपनी आखिरी दौर पर थी तो हम दोनों ने अपने आप को सही किया और थोड़ी देर प्यार भरी बातें की।
मूवी खत्म होते ही दोनों ने एक दूसरे को किस किया और अपने अपने घर को चल दिए।
शाम को भाभी का मैसेज आया- थैंक यू!
मैं बोला- भाभी, आज के लिए मुझे थैंक यू बोलना चाहिए।
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फिर हम दोनों में फोन सेक्स चैट होने लगी। अब हम रोज़ एक दूसरे से बातें करते थे, अपनी नंगी तस्वीरें भेजते थे एक दूसरे को!
अब दोनों बस अपनी सेक्स की इच्छा को पूरा करने का मौका ढूंढने लगे। इसी बीच कभी कभी किश और चूसना चुसाना चलते रहता था।
एक दिन हमे मौका मिल ही गया। उसकी सास को किसी काम से अपनी बहन के यहाँ जाना पड़ा तो उसके पति छोड़ने साथ ही गए, भाभी घर पर अकेली रह गई।
उसने मुझे फ़ोन कर अपने घर बुला लिया। मैंने भी घर पर बोल दिया कि मैं दोस्त के घर पढ़ने जा रहा हूँ तो 3-4 घंटे मुझे डिस्टर्ब न करें।
मैं उसके घर पहुंच गया। उसने दरवाजा खोला और जैसे ही वो दरवाज़ा बंद की मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।
मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा और अपने दोनों हाथ से उसके दोनों चुचे पकड़ कर मसलने लगा, वो सिसकारियां लेने लगी।
हम दोनों ऐसे करते करते उसके कमरे में दाखिल हुए, फिर मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसको जोर जोर से किस करने लगा, एक हाथ मैं उसकी बूर के ऊपर लेजा कर सहलाने लगा। वो तो मानो पागल ही हो रही थी।
फिर मैंने उसके बदन से सारे कपड़े निकाल फेंके, अब वो बिना कपड़ों के मेरे सामने पड़ी थी, ऐसा लग रहा था कि स्वर्ग से कोई अप्सरा आई हो… सफ़ेद सुडौल चुचे, उभरी हुई गांड और उसमें मदमस्त करती हुई उसकी चुत जिस पर एक भी बाल नहीं था। ऐसा लग रहा था मानो ये फूल का गुलदस्ता बना ही मेरे लिए था।
फिर मैं अपने कपड़े उतारने लगा। वो मुझे मना करने लगी और मुझे बिस्तर पर बैठाया और प्यार से मेरे कपड़े उतारे। वो जो भी कपड़ा उतारती, वहाँ एक प्यारी किस करती थी।
मैं उसकी इस अदा पर मोहित हो गया।
फिर मुझे एक मूवी का दृश्य याद आया मैं उसी हालत मैं गया और उसके फ्रिज से बर्फ ले आया।
वो मेरे सामने बिस्तर पर लेटी पड़ी थी, मैं बर्फ को अपने होठों से पकड़ कर उसके पूरे शरीर पर घुमाने लगा, कभी उसके मम्मे के ऊपर फिराता, तो कभी उसके नाभि पर रखता।
वो सिहर जाती पर उसे मज़ा भी बहुत आ रहा था।
आखिर मैं एक बर्फ का टुकड़ा उसकी चुत के ऊपर मसलने लगा, वो सिसकारियां लेने लगी।
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गये। वो वासना में मस्त होने लगी और उसने 69 में होते हुए मेरे लंड को काटना चालू कर दिया। अब कभी वो मेरे लंड को जोर से काटती और एकदम गले तक ले लेती और हांफने लगती।
इधर मैंने भाभी की चूत में इतनी तेज रफ्तार से उंगली करना शुरू दिया था कि वो एकदम से मचल उठी थी, अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. वो बार-बार मेरे लंड को हाथ में लेती.. तो कभी मुँह में भर के चूसने लगती।
इसी दौरान मैं एक बार मैं उसके मुँह में झड़ गया.. वो मेरा सारा माल पी गई और फिर हम एक दूसरे किस करने लगे।
अब मेरा भी मन नहीं मान रहा था और अब भाभी की भी चुदाई की इच्छा कर रही थी। मैंने नीचे जाकर उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर लेकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर घिसने लगा। फिर भी थोड़ा तड़पाने के बाद मैंने अपने लंड पर कन्डोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रख कर धीरे से धक्का लगा दिया लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि उसमें घुस ही नहीं रहा था।
तब मैंने उससे क्रीम माँगी.. तो वो मुझ पर हँसते हुए ताने मारने लगी।
थोड़ी देर के बाद उसने बगल की टेबल की दराज में क्रीम की डिब्बी होने का कहा।
मैंने अपने लण्ड पर ढेर सारी क्रीम लगाई और उसकी चूत पर भी ढेर सारी क्रीम लगा दी।
अब मैंने फिर से उसकी दोनों टांगों को उठा कर कन्धों पर डाला और उसकी चूत में अपने लण्ड को पेलने लगा।
इस बार की ठोकर से बड़े आसानी से पहले मेरे लण्ड का सुपारा गया.. फिर अगले धक्के में थोड़ा लण्ड और अन्दर घुस गया.. और फिर अगले झटके में मैंने पूरा लौड़ा जड़ तक घुसा दिया।
दोस्तो, लौड़े को भाभी की चूत के अन्दर जाने के बाद मुझे जो मज़ा मिला.. उसे मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता।
अन्दर से अजीब तरह का खिंचाव महसूस कर रहा था, जो मुझे बहुत आनंदित कर रहा था।
मैंने लौड़े को कुछ देर ऐसे ही अन्दर पड़े रहने दिया और उसको अन्दर से महसूस करने लगा।
उधर भाभी ज़ोर-ज़ोर से अपनी चूतड़ों को उठा-उठा धक्के दिए जा रही थी। अब मैं भी उसके धक्कों में साथ देने लगा।
उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ आ रही थीं.. जो मेरे शरीर को ऊर्जा और उत्तेजना दे रही थीं।
बाद में मैं उसको घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी बुर चोदने लगा।
वह कराहने लगी और पूरा आनन्द लेने लगी। इस पोज में वह भी आगे-पीछे होकर मेरा भरपूर साथ दे रही थी।
कुछ ही पल बाद वह कहने लगी- और और तेज करो मुझे मजा आ रहा है।
तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने उससे बोला- भाभी, अब मैं झड़ने वाला हूँ।
वो बोली- अन्दर मेरी चूत में ही झड़ना.. काफ़ी मज़ा आ रहा है.. अपने छोटू को बाहर मत निकालना मेरी जान!
थोड़ी देर में मेरी और उसकी साथ में ही छूट होने लगी.. अन्दर ही कुछ गीलापन महसूस होने लगा और इस तरह मैंने पड़ोसन भाभी को चोदा और हम दोनों एक साथ खल्लास हो गए।
कुछ देर हम दोनों बेसुध पड़े रहे, फिर जब होश आया तो मैंने उससे कहा- अब भाभी, नंगी ही किचन में जाकर चाय बनाइए और मुझे पिलाइए।
वो हँसते हुए मान गई और मेरी आँखों के सामने नंगी भाभी बाथरूम गई और फ्रेश होकर रसोई की ओर चल दी।
उस दिन के बाद मैंने बहुत बार भाभी को चोदा जब भी मौका मिलता था तो!
उम्मीद है आप सबको मेरी यह भाभी की चुदाई की सच्ची कहानी पसंद आई होगी। मुझे जरूर मेल करें कि आपको कहानी कैसी लगी|
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