आआआअहह छ्चोड़ो ना सर उम्म्म्मम प्लीज़ औछ्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो आप आआहह प्लीज़ सर मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दीजिए.……….ये थी डीएवी कॉलेज की इंग्लीश की टीचर जोत वर्मा. इन्होने ने इसी एअर कॉलेज में बतौर इंग्लीश टीचर जाय्निंग की थी. और जब से जाय्निंग की …
नमस्कार मैं राहुल आप सबका फिर से स्वागत करता हूँ. दोस्तों आपने मेरी कहानी के पिछले भाग पत्नी के साथ दो सालियों को भी चोदा 4 में पढ़ा की मैं अपनी पत्नी साथ शादी की पहली होली मनाने अपने ससुराल आया था. और मैंने मेरी पत्नी और मेरी साली तनया …
मेरा नाम ज़रीना है. आज मै आपको अपनी आत्मकथा बताऊंगी जिसमे मैंने बताया है की मैंने बड़ी बेटी होने का किस तरह से फ़र्ज़ निभाया है. मेरी जिन्दगी का सबसे काला दिन वो था जब मेरी अम्मा का इंतकाल हो गया . मै उस समय दसवीं कक्षा की परीक्षा दे चुकी थी . मेरे अलावा मेरे घर में मेरे अब्बा और मेरी दो छोटी बहने थी . मेरी उम्र उस समय 18 वर्ष की थी . मैंने घर की सभी जिम्मेदारियों को उठा लिया . मेरे लिए अब अधिक पढ़ना मुश्किल हो गया . लेकिन मैंने ठान लिया की अपनी दोनों छोटी बहनों को मै उन्हें अम्मा की कभी कमी महसूस नहीं होने दूंगी . मेरी अम्मा के मौत के बाद से मेरे अब्बा काफी दुखी रहने लगे थे . वैसे तो वो पहले हम तीनो बहनों को काफी मानते थे और जब भी समय मिलता था तो हम लोगों को बाहर घुमाने ले जाते थे . लेकिन अम्मा की मौत के बाद सब कुछ बदल चुका था. वो अब घर पर काफी कम समय बिताते थे .वो एक कम्पनी में कलर्क की नौकरी करते थे . उनकी आमदनी ज्यादा नहीं थी . बस घर का खर्च निकल जा रहा था . पुश्तैनी घर में हम लोग रह रहे थे . किसी तरह से घर चल रहा था . लेकिन हम लोग इसमें खुश रहा करते थे . अम्मा की मौत के 3 महीने के बाद एक दिन मेरी दूर की रिश्ते की मौसी मेरे यहाँ आई . वो बगल के ही मोहल्ले में रहती थी . उस दिन उनके 18 साल के बेटे का जन्मदिन था . वो हमलोग को जन्मदिन में ले जाने के लिए आई थी . लेकिन घर पर बहूत काम था. मै तो जा ही नहीं सकती थी . तब वो मेरी दोनों छोटी बहनो को ले जाने की जिद करने लगी . मैंने कहा कि आप अब्बा से फोन पर बात कर लें . मौसी ने अब्बा से फोन पर बात की और जिद कर के मेरी दोनों छोटी बहनों सुहानी और आयशा को अपने घर ले जाने की अनुमती ले ली . बोली – आज रात दोनों मेरे यहाँ ही रहेगी और सुबह उन दोनों को पहुँचा दूंगी . जब मैंने अपनी बहनों को तैयार होने के लिए उनके कमरे में भेज दिया तो मौसी ने धीरे से मुझसे कहा – तुम्हारे अब्बा दुबारा शादी करना चाहते हैं . Read More:- हलाला के लिए नए शौहर के साथ हमबिस्तर होना पड़ा | Muslim Hindi Sex Kahani ये सुन कर मेरे तो होश उड़ गए . अब्बा की उम्र लगभग 45 साल थी . इस उम्र में वो शादी क्यों करेंगे ? शादी करने के बाद परिवार में और भी खर्च बढ़ जाएगा . सौतेली माँ आने के बाद मेरा और मेरी दो छोटी बहनों का क्या होगा . उन्हें तो स्कूल भी नहीं जाने दिया जाएगा . ये सभी बातें सोच कर मै परेशान हो गयी . मैंने मौसी से पूछा – मौसी घर का काम तो मै कर ही देती हूँ . खाना -पीना से लेकर अपनी बहनों की देख भाल भी कर देती हूँ . फिर अब्बा दूसरी शादी क्यों कर रहे हैं ? मौसी ने कहा – मर्द को सिर्फ खाना -पीना ही नहीं चाहिए . उसे शारीरिक सुख यानी सम्भोग सुख भी चाहिए . तुम सम्भोग का मतलब तो जानती हो ना ? मौसी से मुझे इस तरह के खुले शब्दों में उत्तर की आशा नहीं थी . लेकिन मौसी ने वही कहा जो हकीकत था. मैंने धीरे से सर झुका कर कहा – हाँ जानती हूँ . मौसी ने कहा – सम्भोग का सुख तो केवल औरत का शरीर ही दे सकता है ना ?. मैंने कहा – हाँ . मौसी ने कहा – इसलिए तुम्हारे अब्बा शादी करना चाहते हैं . कह के मौसी मेरी दोनों बहनों को ले कर अपने घर चली गयी . जाते जाते बोली – कल शाम तक दोनों को वापस छोड़ आऊँगी . वैसे भी कल रविवार है. कल स्कूल भी बंद है. मेरे दिमाग में मौसी के द्वारा मेरे अब्बा की शादी की बातों से काफी चिंता उमड़ पड़ी . मै नहीं चाहती थी की अब्बा शारीरिक सुख के लिए दूसरी शादी करें , जिसके कारण हम तीन बहनों की जिंदगी खराब हो जाए और घर में हमेशा झंझट बना रहे . लेकिन एक मर्द को शारीरिक सुख भी तो चाहिए. यदि मैं जोर जबरदस्ती कर के अपने अब्बा को शादी से रुकवा भी दूँ तो क्या गर्म मर्द का भरोसा ? हो सकता है कि अब्बा किसी बाजारू औरत के चक्कर में पड़ जाएँ. तब तो और भी खराबी होगी. इसलिए मैंने एक कठोर फैसला लिया कि अगर अब्बा को शारीरिक सुख चाहिए तो वो मै उन्हें दूंगी लेकिन उन्हें शादी नहीं करने दूँगी . मैंने ठान लिया कि मै आज की ही रात अपनी कुर्बानी दूंगी ताकि ये घर और मेरी बहनों की जिंदगी तबाह होने से बच जाए . रात को अब्बा घर पर आये . सभी का हाल चाल पूछ कर खाना पीना खा कर वो अपने कमरे में सोने चले गए . रोज़ रात को सोने से पहले उन्हें एक गिलास दूध पीने की आदत थी . पहले माँ रोज़ एक गिलास दूध दिया करती थी . माँ की मौत के बाद दूध देने की ज़िम्मेदारी मेरी थी . मुझे आज अपनी कुर्बानी देनी थी . इसकी पूरी तयारी मैंने कर ली थी . जब अब्बा घर में नहीं थे तो मैंने शाम में ही उनके कमरे में से वियाग्रा की गोली चुरा कर अपने पास रख ली थी . शायद वो इस गोली का इस्तेमाल मेरी अम्मा के साथ सम्भोग करने के लिए किया करते थे . मै इतनी भी बच्ची नहीं थी कि इस वियाग्रा का मतलब ना समझूं . लड़कियों को दसवीं पास करते करते इन सभी बातों का भी ज्ञान हो जाता है. खैर ! मैंने उस वियाग्रा की गोली पीस कर दूध में मिला दिया और चम्मच से अच्छी तरह से मिला दिया . घर के सभी बत्ती बंद कर के मैंने अपने कपडे बदले और पतली सी नाईटी पहन कर दूध का गिलास ले कर अब्बा के पास पहुची . अब्बा भी अपने कपडे बदल चुके थे और वो सिर्फ लुंगी पहने हुए थे . वो गर्मियों में सिर्फ लुंगी पहन कर ही सोते थे . मैंने उनको दूध दिया . उन्होंने बिना कुछ पूछे वो दूध पी लिया और बोले – जरीना, अब तुम जा कर सो जाओ . मैंने कहा – अब्बा आज आयशा और सुहानी भी यहाँ नहीं हैं और मुझे अकेले सोने में डर लगता है. क्या मै आपके साथ सो जाऊं? अब्बा ने हँसते हुए कहा – अरे , इतनी बड़ी हो गयी हो . और तुम घर के सारे काम भी कर लेती हो लेकिन अब भी तुम डरती हो ? चलो कोई बात नहीं , मेरे साथ ही सो जाओ . ज़रा ये लाईट बंद कर देना . मैंने रूम की लाईट बंद कर दी . अब रूम में पूरी तरह अन्धेरा हो चुका था . एक बार तो मेरी रूह कांप उठी लेकिन जैसे ही मेरे सामने मेरी दोनों छोटी बहनों का चेहरा आया मैंने दिल को कड़ा किया और घर की सुख की चाहत में मैंने अल्लाह से दुआ माँगा कि आज मै अब्बा को शादी नहीं करने के लिए मना ही लूंगी चाहे मुझे इसके लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े . ये सोच कर मै अब्बा के बगल में लेट गयी . मै जानती थी कि वियाग्रा 1 घंटे के बाद अपना असर शुरू करेगा . मैंने 1 घंटे तक इंतज़ार किया . और सोने का नाटक करती रही . 1 घंटे बाद मैंने महसूस किया कि अब्बा मेरे कमर पर हाथ फेर रहे थे. मैंने भी धीरे धीरे मैंने अपनी नाईटी को अपने कमर तक उठा लिया . धीरे धीरे मै अब्बा के शरीर से सट गयी . मेरे अब्बा पर अब धीरे धीरे वियाग्रा का असर शुरू हो रहा था. लेकिन वो इस से अनजान थे . मैंने जान बुझ कर अपनी एक टांग अपने अब्बा के शरीर पर रख दिया . अब्बा ने किसी तरह का प्रतिरोध नहीं किया . वो मेरी चिकनी टांग पर अपने हाथ रख कर धीरे धीरे सहलाने लगे. मेरी हिम्मत थोड़ी और जागी . मै अब्बा के शरीर से पूरी तरह चिपक गई. अब्बा ने अपनी बांह में मुझे लपेट लिया . मैंने अपने चूची का दवाब उनके बदन पर बढ़ाना शुरू किया .अब्बा मेरी जाँघों को सहला रहे थे . कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद मैंने अपनी चूची को उनके शरीर पर रगड़ना शुरू किया. और अपने बुर को उनके जांघ पर घसने लगी. उन्हें भी अब मेरा स्पर्श अच्छा लग रहा था. अब मैंने अपनी टांगों को इस तरह से उनके कमर पर रखा कि मेरा बुर उनके लंड से सट सके . या, अल्लाह ! उनका लंड पूरी तरह से खड़ा था और मेरी चूत के ऊपर चुभ रहा था. मैं अपने चूची को अब्बा के सीने में जोर से सटा रही थी. मेरी सांस तेज़ हो चली थी और दिल जोर जोर से धड़क रहा था . अब्बा ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर रखा और मेरे बदन को कस कर अपनी शरीर की तरफ खीचने लगे और मेरी चूची को अपने सीने से जोर से दबाने लगे. मैंने किसी तरह का प्रतिरोध नही किया . अब हम एक दुसरे से आलिंगन थे लेकिन कपडे पहने हुए ही थे . मैंने अपना बुर से उनके लंड पर दवाब बनाना शुरू किया . मैंने जान बूझ कर पेंटी और ब्रा नहीं पहना था . अब्बा ने मेरी जांघो पर हाथ फेरना चालू किया . और हाथ फेरते फेरते मेरी नंगी गांड पर हाथ फेरने लगे . अब मै समझ गयी कि अब्बा अब मेरे वश में आ सकते हैं . मैंने जान बुझ कर जागने का नाटक किया और धीरे से कहा – अब्बा मुझे गुदगुदी हो रही है. अब्बा ने कहा – कुछ नहीं होगा. तेरी मालिश कर देता हूँ. जरा अपनी नाइटी ऊपर तो कर मैंने कहा – ठीक है अब्बा. कह कर मैंने अपनी नाईटी को अपनी चूची के ऊपर तक उठा दिया . अब मेरी नंगी चूची सीधे उनके छाती से सट रही थी . अब्बा ने पीठ को इस तरह से दाबना शुरू किया कि वो मुझे अपनी तरफ सटाने लगे . जिस से मेरी चूची उनके छाती में दब रही थी . इधर मेरी बुर उनके कमर पर सट रही थी . अब्बा पर वियाग्रा का असर हो चुका था . उन्होंने कहा – सुन, तू अपने ये कपडे पूरी तरह उतार .मै अच्छी तरह से मालिश कर देता हूँ. मैंने वो नाइटी को अपने सर होते हुए निकाल दिया . अब मै पूरी तरह से नंगी थी . अब्बा ने एक हाथ से मुझे लपेटा और अपने शरीर पर मुझे लिटा दिया . उन्होंने मेरी पीठ से ले कर गांड को इतनी जोर से दबाने लगे कि मै उनकी देह में बिलकूल चिपक सी गयी. वो कभी मेरी पीठ दबा रहे थे तो कभी मेरी चुत्तद. मेरी चूची उनके सीने में दब कर पकोड़ा हो रही थी. मै उनके मज़बूत पकड़ में थी . मैंने अपने बुर को उनके खड़े लंड पर टिका रखा था . तभी उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर जोर जोर से मेरी गालों को चूमने लगे. मैंने सिर्फ उनका साथ दे रही थी. उनका लंड मेरी चूत पर किसी राड कि तरह चुभ रहा था. पता नहीं क्यों मेरे अब्बा ने अभी तक अपनी लुंगी नही खोली थी . शायद उन्हें अभी भी ये अहसास हो रहा था कि वो मेरी बेटी है. वो मेरी गाल से ले कर मेरी कमर तक के हर भाग को मुंह से चूस रहे थे मानो किसी भूखे शेर को कई दिन के बाद ताज़ा गोश्त खाने को मिला हो. मैंने भी उनका साथ देना चालु कर दिया. थोड़ी देर बाद ही वो मेरे कमर पर हाथ फेरते फेरते मेरी दोनों टांगो को अगल बगल फैला लिया जिस से मेरा बुर उनके सामने आ गया. अब उनका हाथ मेरी कमर के नीचे से होते हुए मेरी बुर को छूने लगा. अब्बा मेरी मेरी बुर के बालों को सहलाने लगे. …
शुरुआत- सुंदरियों का परिचय यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति “बादशाह” के खंड हिन्दुस्तान के समृद्ध शासन का समय था। अखंड हिन्दुस्तान के खलीफा महान तैमूर महान के वंशजो में से एक जिसका हिन्द की राजधानी दिल्ली में शासन था। इनके की पूर्वजो ने दुनिया के अब तक के सबसे …
“ये मैं कहा हूँ. मैं तो अपने कमरे में नींद की गोली ले कर सोई थी.मैं यहा कैसे आ गयी ? किसका कमरा है ये ?” आँखे खुलते ही आलिया के मन में हज़ारों सवाल घूमने लगते हैं. एक अंजाना भय उसके मन को घेर लेता है. वो कमरे को …
मैं अपनी साड़ी लपेट चुकी थी और बालो को आखिरी स्वरुप दे रही थी की तभी सासु माँ की आवाज़ आयी की तैयार हुई की नहीं, सब लोग आ चुके होंगे ज्यादा देर नहीं करते अब। मैं तुरंत कंघा नीचे रखते हुए बोली हो गया बस और कमरे से बाहर …
यह सैम है, 29 साल का, ऊर्जावान, मिलनसार आदमी, मुंबई से। मुझे सभी प्रकार की योनियाँ युवा और बूढ़ी पसंद हैं और मिल्फ़्स के लिए विशेष आकर्षण भी। मेरा कद 5’11” है, और मेरा लिंग भी सामान्य 6 इंच का है लेकिन बहुत मोटा है। इसके अलावा, मैं महिलाओं की …
आगरा के पास एक गाँव लखनपुर के जमींदार दशरथ सिंह चौहान अपनी पत्नी सुनीता और दो बेटों के साथ रहते थे.बड़ा बेटा विवेक पिता के जमींदारी और खेती बाड़ी के काम काज में अपना हाथ बंटाता था और दूसरा बेटा गौरव अभी अभी आगरा से बी कॉम की पढाई पूरी …
कड़ी रात का समय है। नीलू- “अहह… धौरेऽऽ अहह… अहह… अहह… तुम दोनों ओड़ा धीरे नहीं कर सकते क्या? अहह.. आह्ह..” जय- साली धौरे करने में क्या मजा, जो तेज करने में है। राज- हो रे नीलू तू मज़े कर। तेरी चूत और गाण्ड में लौड़ा डालने में जो मज़ा …
मेरा नाम अदिति है, और मैं एक 34 वर्षीय गृहिणी हूँ। मैंने 29 साल की उम्र में अपने पति अमित से शादी कर ली। लगभग 3 महीने पहले, हमें एक सुंदर बच्चे का आशीर्वाद मिला था। और अब हम एक पूरा परिवार थे। कहानी शुक्रवार की सुबह से शुरू होती …