माँ बेटी की एक साथ चुदाई- Antarvasna Sex Story
- By : Admin
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हैल्लो दोस्तों, मैं अमन एक बार आप सभी के सामने अपनी एक और सेक्सी कहानी के साथ आप सभी के सामने आया हूँ। दोस्तों मैं अनीता आंटी और नीलू आंटी को चोद चुका हूँ।
अनीता आंटी की बेटी उम्र मैं थोड़ी छोटी है, लेकिन उसके बड़ी चूच 34 इंच के है, एकदम नीलू आंटी के बड़ी चूच के बराबर। वे भी बिल्कुल पतली दुबली है और इतनी गोरी है कि उसके बड़ी चूच से टपकता हुआ दूध दिखाई ही नहीं देता, क्योंकि उसके बड़ी चूच ही इतने सफेद है।
दोस्तों मेरे को उसकी लड़की को चोदकर जो मज़ा आया वे आज तक किसी कुंवारी बुर की लड़की को चोदकर नहीं आया और रही अनीता आंटी की बात वे थोड़ी सी मोटी है, लेकिन इस वजह से उनके बड़ी चूच भी बहुत बड़े है और मेरा पूरा मुहं उनके बड़ी चूच मैं ही दब जाता है वे हमेशा सेक्सी साड़ी पहनती है और वे हमेशा उनकी नाभि को दिखाती रहती है।
वे पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहनती है जिसे देखकर मैं हमेशा गरम हो जाता था। दोस्तों एक दिन अपनी नीलू आंटी की ब्रा को चाट रहा था और जब आंटी ने मेरे को देख लिया और अब मेरे को चुदवाया। यह कहानी नीलू आंटी ने अनीता आंटी को भी बता दी थी और उन्होंने यह भी बता दिया कि मेरा लण्ड 7 इंच का काला और बुर का बहुत प्यासा है।
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एक दिन अनीता आंटी आई हुई थी और मैं आंटी के घर पर अचार पहुँचाने गया हुआ था और अब जैसे ही नीलू आंटी किचन की तरफ गई तो अनीता आंटी मेरे लण्ड पर हाथ रगड़ने लगी और मेरे को चूमने लगी।
अब मैंने भी उनके चुम्बन का पूरा पूरा साथ दिया और अब आंटी की नीयत देखकर मेरा बड़ा लण्ड और भी बड़ा और तनकर खड़ा होता जा रहा था।
चुम्बन करते हुये आंटी मेरे को बोली कि मैंने सुना है कि तूने नीलू को पटक पटककर चोदा है, कभी मेरे को भी अपना जलवा दिखा? तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे को जोश आ गया और फिर मैं क्या बोलता?
मैंने झट से हाँ कर दी और अब हम दोनों थोड़ी देर तक चुम्बन करते रहे और नीलू आंटी ने हमैं चुम्बन करते हुए देख लिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला, क्योंकि वे तो मेरे को जानती ही थी और इसके बाद मैं नीलू आंटी को उनके बाथरूम मैं ले जाकर चूमने, चाटने लगा और कुछ देर बाद अपना माल उनके मुहं मैं छोड़ दिया और फिर मैं वहाँ से निकल गया।
उस दिन के बाद मैं बहुत दिनों तक अनीता आंटी से नहीं मिला, लेकिन एक शनिवार को जब मैं नीलू आंटी को चोद रहा था तो अनीता आंटी का मेरे पास फोन आने लगा और फिर मैं समझ गया कि उन्हे आज मेरे लण्ड की जरूरत है मैंने उसी वक़्त नीलू आंटी को यह बात बताई और वे अपनी दोस्त की खातिर इतना करने को तैयार हो गई। आंटी ने कहा कि लेकिन मेरे को तो एक बार फ्री कर जा।
अब मैंने झट से अपनी दो तीन उंगली उनकी बुर मैं डाली और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा, आंटी मज़े से उछलने लगी और उनकी गांड को हवा मैं उठाने लगी उनकी आआहह उह्ह्ह्ह माँ मरी की आवाज से मैं समझ गया कि फिर आंटी की बुर का पानी निकल चुका है।
दोस्तों मैं उस समय बहुत जल्दी मैं था इसलिए मैंने उनकी बुर को एक बार भी चाटा नहीं और अब मैं वहाँ से अनीता आंटी के घर के लिए निकल गया और जैसे ही मैं वहाँ पर पहुँचा तो मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई तो आंटी ने ही दरवाज़ा खोला उन्होंने नारंगी कलर की साड़ी पहनी हुई थी।
उनका पेट बहुत सुंदर नज़र आ रहा था और उनका ब्लाउज भी पीछे से बिल्कुल खुला हुआ था और उसमैं से उनकी काली कलर की ब्रा नज़र आ रही थी।
मेरे को देखते ही आंटी ने मेरे लण्ड को पकड़ा और फिर वे मेरे को बोली कि आ गया तू, चल कपड़े उतार और बेड पर चल, आज तू मेरी रांड है। तो मैंने कहा कि क्यों रांड तो आप मेरी हो ना आंटी जी? आंटी ज़ोर से हंसी और मेरा हाथ अपने बड़ी चूच पर रखकर दबाने लगी और फिर मेरा लण्ड तो बहुत लंबा हुआ जा रहा था, बस अब क्या था?
मैं आंटी जी को चूमने लगा और मैं उनको बिस्तर पर लेटाकर मैंने उनकी ब्रा को फाड़ डाला। मैं उनकी बुर को भी मसलने लगा जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर ज़ोर से गरम गरम साँसें भर रही थी आअहह आआआहनन्न उफ्फ्फ्फ़ मैं जब भी उनकी बुर मैं अपनी जीभ डालकर हिलाता तो आंटी एकदम से मस्त हो जाती थी।
और मेरा मुहं अपनी बुर पर दबाने लगती और इन सबसे मेरा लण्ड भी बहुत कड़क होता जा रहा था। अब बहुत देर तक बुर को चाटने के बाद मैंने आंटी से कहा कि फिर आपकी बारी है और अब मैंने अपना लण्ड उनके मुहं की तरफ कर दिया।
फिर आंटी ने मेरे लण्ड को गुस्से से दबोचा और बोली कि बहनचोद क्या मेरे को अपना लण्ड चुसवाएगा तू? और मेरे लण्ड को वे बहुत जोश मैं आकर चूसने लगी और फिर मेरे को उनकी हवस से पता चल रहा था कि उन्हे बहुत टाईम से किसी का लण्ड नहीं मिला था ।
और उनके मुहं को चोदते चोदते जब मैं मुहं मैं झड़ गया तो मैंने अपना वीर्य आंटी के मुहं से गर्दन और बड़ी चूच पर डाल दिया। आंटी उस वीर्य को चाटने लगी और बोली कि बस बिना चोदे ही झड़ गया क्या साले?
दोस्तों आंटी का यह बात कहने का तरीका मुझमैं और भी जोश भर रहा था। अब आंटी ने अब से मेरे बड़ा लण्ड को चूसना शुरू किया और जैसे ही मेरा बड़ा लण्ड खड़ा हुआ तो आंटी उठी और अपनी बुर मैं मेरा बड़ा लण्ड घुसा दिया।
उनकी बुर बहुत सालों की चुदाई के बाद बहुत ढीली हो चुकी थी, इसलिए मेरा बड़ा लण्ड उनकी बुर मैं बहुत आराम से अंदर घुस गया और बीस मिनट तक हिलाने के बाद मैंने मौका देखकर आंटी से कहा कि आंटी चुदाई मैं मेरे को बिल्कुल भी मज़ा नहीं आ रहा है प्लीज एक बार मेरे को आपकी गांड मैं डालने दो ना?
यह बात सुनकर आंटी ने मेरी तरफ देखा और मेरे को एक चुम्बन दिया। अब वे झुकी और मेरा बड़ा लण्ड बुर से निकालकर अपनी गांड मैं डालने लगी।
दोस्तों माँ कसम, गांड चुदाई मैं जो मज़ा है वे किसी और छेद मैं बड़ा लण्ड को डालकर चोदने मैं नहीं है। मैं आंटी को चोद रहा था और अपने बड़ा लण्ड को जबरदस्ती उनकी गांड मैं ठोक रहा था और चुदाई के पूरे पूरे मज़े ले रहा था।
तभी उसी समय उनकी दरवाजे पर लगी घंटी बजी तो आंटी बहुत डर गई और वे कहने लगी कि लगता है प्रिया आ गई? दोस्तों प्रिया उनकी बेटी थी। वही हॉट, सेक्सी, कमसिन वर्जिन लोंडिया जिसका ज़िक्र मैंने कुछ देर पहले किया था।
फिर आंटी अपने कपड़े उठाने लगी, लेकिन उनकी ब्रा को तो मैंने फाड़ दिया था उन्होंने बिना ब्रा के ही अपनी साड़ी को पहन लिया और जैसे ही उन्होंने प्रिया के लिए दरवाज़ा खोला और उसने अपनी मम्मी को बिना ब्रा के एक पराए मर्द के साथ देखा तो वे फिर सब कुछ समझ गई कि यहाँ पर सेक्स चल रहा है और क्योंकि प्रिया वर्जिन थी इसलिए उसकी बुर भी हर वक़्त गीली ही रहती थी और फिर उसमैं भी चुदने की तड़प थी।
अब अच्छा मौका देखते ही उसने अपनी माँ से तेज आवाज मैं पूछा कि मम्मी यहाँ पर क्या चल रहा था? तो आंटी बात को इधर उधर घुमाने लगी, लेकिन वे उसके सामने ना कामियाब रही।
अब प्रिया बोली कि या तो यह लड़का फिर हम दोनों को चोदेगा या अब मैं आज शाम को सब कुछ सच सच पापा को बता दूँगी कि मेरी माँ कितनी बड़ी रंडी है और उसकी बुर को कोई भी लण्ड चोदकर चला जाता है, क्योंकि वे बहुत बड़ी चुदक्कड़ है? दोस्तों अनीता आंटी को इतनी देर तक चोदते चोदते मेरा लण्ड फिर बहुत थक चुका था, लेकिन प्रिया कि यह बात सुनकर मेरा लण्ड अब से खड़ा होने लगा।
अनीता आंटी पहले थोड़ा बहुत हिचकिचाई, लेकिन उनके पास फिर और कोई रास्ता भी तो नहीं था। वे चुपचाप आई और अपने कपड़े उतार कर प्रिया के पास गई और उसके मुहं पर अपने बड़ी चूच रगड़ने लगी।
प्रिया भी फुल मज़े ले रही थी और यह सब देखकर मैं प्रिया को चुम्बन करने लगा। मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी मैं डाल दिया और उसकी बुर के दाने को रगड़ने लगा। जिसकी वजह से उसकी बुर का माल मेरे हाथ पर लग रहा था। वे फिर पूरी तरह गरम होकर मेरे को चुदने को तैयार थी।
मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और प्रिया के मुहं मैं दे दिया और अनीता आंटी को उसकी बुर चाटने को कहा। आंटी पूरे मज़े से अपनी बेटी की वर्जिन बुर को मेरे लण्ड से चुदने के लिए भिगोने लगी और यह सब होता देखकर मेरा लण्ड सख़्त होता जा रहा था।
अब मैंने प्रिया को गोद मैं उठाया और उसे उल्टा करके उसकी बुर मैं अपना लण्ड डाल दिया, लेकिन उसकी बुर बहुत ज़्यादा टाईट थी इसलिए मेरा लण्ड इतनी आसानी से जा ही नहीं रहा था। वे बार बार इधर उधर फिसल रहा था।
तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया तो उसकी बुर की सिल टूट गई और मेरे लण्ड पर उसकी बुर का खून लग गया, लेकिन मैं अब भी नहीं रुका।
मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना चालू रखा और प्रिया भी बहुत ज़ोर से दर्द होने के कारण चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ देर बाद मैं वे भी अपनी बुर के दर्द को भुलाकर अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी। अब अनीता आंटी भी उनकी चुदाई को देख देखकर अपनी बुर रगड़ रही थी और अपना माल निकालने की कोशिश मैं लगी हुई थी।
अब अगले आधे घंटे तक मैं प्रिया को लगातार धक्के देकर ठोकता रहा और अनीता आंटी की बुर को पीता रहा और चूसता रहा।
ऐसे ही चोदते चोदते मैंने पहले प्रिया को चोदकर फ्री किया और अब अपना लण्ड हिलाकर दोनों माँ बेटी के मुहं मैं अपना वीर्य छोड़ दिया। अब मैंने कुछ देर थोड़ा आराम करके उन दोनों को एक बार अब से बारी बारी से चोदा और उन दोनों को शांत किया।
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