जेठ जी ने तेल लगा कर मेरी गांड मारी | Rishto Main Chudai
- By : Admin
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मुझे इस बात का कभी अंदाजा नहीं था कि मैं कभी अपने जेठ जी के साथ सेक्स करुँगी. वो तो मेरे पति से भी अच्छा चोदते हैं. चलिए आपको अपनी कहानी बताती हूँ. ये मेरी जिंदगी के बहुत यादगार कहानी है. मैं आशा करती हूँ कि आपको मेरी ये कहानी पसंद आएगी.
जेठ जी ने मुझे तेल लगाकर चोद दिया
मैं शहर में रहती हूँ इसलिए मैं बहुत बार अपने पड़ोस की औरतों के साथ बाजार करने और ब्यूटीपार्लर जाती रहती हूँ. जब भी मैं उनके साथ जाती थी तो वो औरतें मेरे जेठ जी के बारे में बहुत बातें करती थी. जेठ जी नाम अमन है लेकिन मैं उनका नाम नहीं ले सकती हूँ क्योंकि मैं उनको जेठ जी बुलाती हूँ.
उनका पर्सनालिटी थोड़ा अच्छा है इसलिए वो हमारे घर के एक प्रकार से मालिक की तरह रहते हैं. यहाँ तक कि मेरे पति भी उनसे पूछ कर ही कोई काम करते हैं और मैं भी उनसे पूछ कर ही घर से बाहर जाती हूँ.
जेठ जी के बारे में पड़ोस की औरतों से सुनकर मुझे ये लगता था कि उनका चक्कर मेरे जेठ जी के साथ चलता है. लेकिन उनमें से कोई भी खुलकर कुछ नहीं बताती थी.म मुझे भी अपने जेठ जी में रूचि आने लगी थी.
मेरी जेठानी कुछ दिन के लिए अपने माइके गयी हुई थी. उनकी माता जी की तबियत ठीक नहीं थी.
बाद में पता चला कि जेठानी जी कुछ दिन और अपने मायके रुकेंगी. मेरे पति तो सुबह ही ऑफिस के लिए निकल जाते थे.
मैं जेठ जी को खाना खिलाती थी. जेठ जी के कपड़े कभी कभी मुझे साफ़ करने पड़ते थे.
जेठ जी देर से खाना खाते थे तो मैं उनके रूम में खाना लेकर जाती थी.
उनकी बॉडी अच्छी है. कभी कभी जेठ जी को देख कर मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगता था..
और वो भी कभी कभी मुझे देखकर मुस्कुरा देते थे.
इसका अंदाजा मुझे था कि जेठजी के लंड का साइज़ मेरे पति से बड़ा होगा क्योंकि वो शरीर से ताकतवर हैं
जेठ जी की आँखें भी कुछ कहना चाहती थी क्योंकि जब भी मैं उनको देखती थी और वो मुझे देखते थे तो लगता था कि वो मेरे से कुछ कहना चाहते हैं लेकिन मुझसे खुलकर कह नहीं पाते थे.
मैं रात को साड़ी निकाल कर नाइटी में सोती हूँ और इस ड्रेस में जेठ जी के सामने नहीं जाती हूँ.
एक दिन जेठ जी थोड़ा ज्यादा काम करके आ गए थे और उनके सर में दर्द हो रहा था.
वो मुझे अपने कमरे में बुलाने लगे और मेरे से दवाई मांगने लगे.
मैं एक टेबलेट लेकर उनके रूम में गयी और उन्होंने मुझे नाइटी में देख लिया. उनको मेरी चूची का साइज़ पता चल गया होगा.
मुझे बाद में याद आया कि मैं नाइटी में हूँ तो जल्दी से अपने रूम में आ गयी.
उस दिन के बाद से जेठ से मुझे अलग निगाहों से देखने लगे.
जेठ जी और मैं एक दिन घर में अकेले थे और मेरे पति ऑफिस गए थे.
मैं कपड़े धो रही थी और पीछे से जेठ जी मुझे देख रहे थे; ये बात मुझे पता नहीं थी.
आज वो मजाकिया अंदाज में मेरे से बात करने लगे.
मैं कपड़े धोने में व्यस्त थी तो उनकी तरफ देख नहीं रही थी लेकिन उनकी बातें सुनकर हंस रही थी.
हम लोगों की बातें चलती रही.
और जेठ जी बोलने लगे- तुमको तो कपड़े धोते धोते थकान हो जाती होगी. तुम कहो तो मैं तुम्हारी मालिश कर दूँ?
ये बात सुनकर मुझे ये बात मालूम हो गया कि जेठ जी मुझे पसंद करते हैं.
मैं कपड़े धो रही थी तो जेठ जी पीछे से मेरी गांड देख रहे थे.
पति जी भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी थे तो हम लोग सेक्स कम ही कर पाते थे.
मैं कपड़े धोने के बाद सुखाने के लिए छत में लेकर जाने लगी तो जेठ जी ने मेरे हाथ से बाल्टी ले ली और वो छत पर कपड़े सुखाने के लिए चले गए.
उनका हाथ और मेरा हाथ पहली बार एक दूसरे से मिला था. जब वो मेरे हाथ से बाल्टी जबरदस्ती ले रहे थे तो हम दोनों लोग का हाथ एक दूसरे से मिल रहे थे.
मैं रसोई में काम करने चली गयी और जेठ जी कपड़े सुखाने के बाद रसोई में आ गए और पीछे से मेरी पीठ को सहलाने लगे.
इससे पहले कि मैं कुछ उनसे कहती कि वो मेरे पीठ को और कंधों की मालिश करने लगे और कहने लगे- तुमने इतने सारे कपड़े धोये हैं, थक गई होगी.
मैं भी थक गई थी और उनके मालिश से मुझे बहुत आराम मिला.
तो मैं उनके बाँहों में आ गई थी और वो पीछे से मेरी मालिश कर रहे थे.
हम दोनों गर्म होने लगे थे. घर में कोई नहीं था इसलिए हम दोनों को किसी बात का डर नहीं था.
जेठ से मालिश करते हुए मुझे अपने कमरे में ले गए और मेरी चूची को दबाने लगे.
मैं भी मूड में आ गयी और सिसकारियाँ लेने लगी.
वो मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी चूची को दबा रहे थे.
मैं भी उनके बालों को खींच रही थी.
उन्होंने मेरी साड़ी को निकालना शुरू किया.
मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी.
मेरी इन मादक आवाजों से जेठ जी भी मूड में आ रहे थे. वो मेरी साड़ी को निकाल रहे थे और साथ ही मेरी गांड को दबा रहे थे.
मुझे ये बात पता भी नहीं चली कि मैं जेठ जी के साथ ये सब कर रही हूँ. हम दोनों लोग का रिश्ता ही बदल गया था.
उन्होंने मेरी साड़ी को निकल दिया और उसके बाद उन्होंने मेरी ब्लाउज को निकाल दिया.
मैं उनके सामने ब्रा में आ गयी थी और उसके बाद जेठजी ने मेरा पेटीकोट भी निकाल दिया.
अब मैं जेठ जी के सामने ब्रा और पेंटी में थी.
मुझे नंगी देख कर उनका लंड उनकी पैन्ट में खड़ा होने लगा. मैं ब्रा और पेंटी में बहुत सेक्सी लग रही थी.
जेठ जी के लंड को देखकर मेरी चूत में पानी आने लगा.
तभी उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दिया और मेरी चूची को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे.
मेरे अन्दर इतना सेक्स आ गया था कि मैं जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
वो मेरी चूची को दबाते हुए उसको अपने मुंह में लेकर चूसने लगे.
हम दोनों की वासना बढ़ती जा रही थी.
जेठ जी चूची को बहुत देर तक चूसने के बाद वो मुझे चुम्बन देने लगे.
हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में थे.
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जेठ जी ने मुझे बताया कि उनकी पत्नी मायके गई हुई है इसलिए वो अपने लंड को हिलाकर शांत करते हैं.
इधर मेरे पति को अपने काम से फुर्सत ही नहीं मिलती है मुझे चोदने के लिए … इसलिए मैं आज उनके बड़े भाई के सामने थी.
मुझे अपने जेठ जी का लंड बड़ा लग रहा था.
जेठ जी ने बातों बातों में मुझे बताया कि वो मुझे कई दिनों से चोदना चाहते थे.
हम दोनों लोग बात करते करते हंसने लगे और एक दूसरे को चुम्बन देने लगे.
जेठ जी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी पीठ को चूमने लगे.
मैं सिसकारियाँ लेने लगी. मेरी कामुक आहें निकलने लगी.
फिर जेठ जी ने मेरी पेंटी भी निकाल दी और मैं उनके सामने एकदम नंगी हो गयी थी.
उन्होंने मेरी पीठ को चूमने के बाद मुझे सीधा लिटाया और मेरी बड़ी बड़ी चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे.
मेरी चूत गीली हो गयी. मेरी चूत से पानी निकल रहा था और मोटे लम्बे लंड का इंतजार कर रही थी.
उनके चूची मसलने और चूसने के अंदाज मैं बहुत गर्म हो गयी थी और सिसकारियाँ लेने लगी थी- आह उह्ह … आह उह्ह जेठ जी … आराम से करिए
जेठ जी भी कामुक हो गए थे और वो अपने कपड़े निकलने लगे.
उनका मोटा लम्बा लंड देख कर मैं डर गई लेकिन मुझे सेक्स करने की आदत थी इसलिए बाद में मुझे अच्छा लगने लगा.
जेठ जी के लंड को मैं हिलाने लगी और वो अपने मजे में सिसकारियाँ लेने लगे.
उनका लंड मैं जोर जोर से हिलाने लगी और उनके लंड से पानी निकलने लगा.
जेठ जी ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा और मैं उनका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.
मेरे लंड चूसने के स्टाइल से उनको बहुत मजा आ रहा था.
अब जेठ जी मेरी चूत को चाटना चालू किये और मेरी चूत से पानी निकल रहा था.
मैं सिसकारियाँ लेने लगी.
जेठ जी मेरी चूत को चाटने लगे और साथ में रुक रुक कर मेरी चूत को अपने दाँतों से हल्का हल्का काट रहे थे.
इससे मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.
वे मेरी चूत में उंगली करने लगे जिससे मेरी चूत से पानी निकलने लगा.
उनके लंड से लार टपक रहा था और मेरी चूत से पानी निकल रहा था.
जेठ जी दुबारा से मुझे अपना लंड चूसने के कहे और मैं उनका लंड चूसने लगी और इस तरह से उनके लंड से पानी निकल गया.
उसके बाद मैं उनके लंड को हिलाने लगी और उनका लंड दोबारा पूरा खड़ा हो गया था.
जेठ जी को सेक्स का बहुत अनुभव था. वो अपने लंड को मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगे जिससे मुझे सिहरन होने लगी.
वो मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने के बाद मेरे होंठों को चूसने लगे.
जेठजी अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे और मेरी चूत में उनका लंड चला गया. जिससे मैं कामुक हो गयी और आहें भरने लगी.
वो मेरी चूत को अपने लंड से चोद रहे थे, मैं उनसे चुदवा रही थी और वो मेरी चूत में धक्का दे रहे थे.
जेठ जी कुछ देर के बाद अपना पूरा लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगे.
इस बार मुझे और भी मजा आ रहा था. उनका पूरा लंड मेरी चूत में जा रहा था जिससे मैं चिल्लाने लगी.
उनका लंड बहुत बड़ा था. मुझे चुदवाने में मजा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था.
मैं चिल्लाने लगी और वो चोदने लगे.
वो मेरे होंठ को चूसने लगे जिससे मैं शांत हो गयी और वो मेरी चूत को चोदने लगे.
उनकी चुदाई से मुझे बहुत अच्छा लगा.
हम दोनों का जिस्म पसीने से भीग गया था. वो बहुत ताकत से मुझे चोद रहे थे. उनका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जा रहा था. मेरी चूत से पानी निकल रहा था.
उनका लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और कभी कभी वो मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चुम्बन दे रहे थे.
सेक्स में जेठजी का अनुभव बहुत अच्छा है.
इतनी अच्छी चुदाई से मैं आज बहुत खुश हो गयी.
घर में कोई नहीं था इसलिए खुलकर मैं और मेरे जेठ जी चुदाई कर रहे थे. हम दोनों लोग चुदाई करते हुए झड गए.
कुछ देर के बाद जेठ जी ने चुदाई का तरीका बदल दिया, वे मुझे पीछे से चोदने लगे.
वो मेरी कमर पकड़ कर अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगे.
कभी कभी वो अपने जीभ से मेरी चूत चाट ले रहे थे.
उनको कई तरीके से चुदाई करने आता था.
हम दोनों एक बार झड़ने के बाद बहुत देर तक आपस में चूमाचाटी करते रहे.
इस बार मैंने उनके ऊपर आकर भी मजे किये.
साथ में हम दोनों लोग बीच बीच में एक दूसरे के गुप्तांग भी सहला रहे थे.
इसके बाद जेठ जी का लंड खडा हो गया और उन्होंने मुझे दोबारा छोड़ना शुरू किया.
इतनी अच्छी चुदाई के बाद मैं दुबारा झड़ गयी.
हम दोनों सेक्स करने के बाद एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.
थोड़ी देर बाद जेठ जी को सोता छोड़ मैंने अपने कपड़े पहन लिए और रसोई में काम करने चली गयी.
तब से मेरे पति के ऑफिस जाने के बाद दोपहर में हम दोनों जेठ बहू सेक्स करने लगे थे.
अब जेठानी जी आ गयी हैं तो हमारी चुदाई रुक गयी.
अब तो जब जेठ जी मुझे छोड़ेंगे तो आपको बताऊंगी.
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