हलाला के लिए नए शौहर के साथ हमबिस्तर होना पड़ा | Muslim Hindi Sex Kahani
- By : Admin
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हेलो दोस्तों मैं शायरा बानो आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ।
मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ।
आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।
मैं बरेली की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी, जवान और सुंदर औरत हूँ। 24 साल की एक जवान, आकर्षक नवयौवना हूँ। मेरी शादी हो चुकी है और मेरे पति बहुत अच्छे है,
वो मुझसे बहुत प्यार करते है। हम लोगो की सेक्स लाइफ भी बहुत अच्छी है, मेरे पति रोज रात में मेरी चूत मारते है। मेरा जिस्म बहुत ही छरहरा और सेक्सी है।
मेरे ओठ, मम्मे, मेरे रेशमी काले बाल, मेरी छरहरी कमर और चूत सब कुछ बहुत मस्त है।
मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है और रात में नियमित रूप से चूत में मोटा लंड खाना बहुत पसंद है।
मेरे बच्चे अभी नही हुए है। मैं अभी कुछ साल सेक्स और चुदाई का मजा लेना चाहती थी इस वजह से अभी बच्चे नही कर रही हूँ।
शादी ने पहले मेरे कई बॉयफ्रेंड थे जो मेरी कसके चूत बजाते थे। मुझे 16 साल की उम्र से ही चुदाई की बुरी लत लग गई थी।
जैसे ही मैं जवान हुई अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ चुदवाने लगी। दोस्तों अब शादी के बाद तो एक रात भी मेरा लंड के बिना काम नही चलता है।
मेरी सेक्स की इक्षा तो खत्म होने का नाम ही नही लेती है। अपने पति के साथ मैं रोज रात में सम्भोग करती हूँ पर मेरे जिस्म की भूख तो शांत ही नही होती है। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ।
दोस्तों ये बात पिछले साल की है। मेरी माँ की तबियत बहुत खराब थी। मेरे पति जमाल अपने काम पर गये थे।
मैंने घर में ताला लगा लिया और चाबी बगल वाली आंटी को दे दी और अपनी माँ के घर चली गयी। रात में जब मेरे पति घर आये तो मुझे ना पाकर बहुत नाराज हो गये।
उन्होंने मुझे फोन किया और हमारी बहस शुरू हो गयी। मैं उनको बताने लगी की माँ की तबियत बहुत खराब थी इसलिए मुझे बिना पूछे आना पड़ा।
फिर मेरे पति ने मुझे गुस्से में आकर तलाक तलाक तलाक 3 बार बोल दिया। मैं रोने लगी पर अब मेरा तलाक हो गया था। बाद में मेरे पति बहुत पछताये।
अब दुबारा मुझसे शादी करने ले लिए मेरा हलालाहोना जरूरी था। अब मुझे किसी दूसरे मर्द से शादी करनी थी फिर वो मुझे कुछ राते कसके चोदेगा।
फिर वो 3 बार तलाक तलाक तलाक बोलेगा। उसके बाद मैं अपने पति जमाल से फिर से शादी कर सकती हूँ।
दोस्तों मेरे पति जमाल ने किसी आदमी को ढूढने लगे जो मुझसे निकाह कर सके। कुछ लड़के हलाला करने को तैयार थे पर 2 से 3 लाख मांग रहे थे।
एक तो वो मुझे कसके चोदेंगे और उपर से पैसा मांग रहे थे। मेरा पूरा घर इस बात से बहुत परेशान था।
एक दिन मेरे पति का ख़ास दोस्त वासिम घर आया और उसने मेरे पति को परेशान देखा।“अरे क्या हुआ जमाल मियाँ?? और भाभी जान कहाँ है??” वसीम ने पूछा |
“वसीम! भाई आज मैं लोगो से हलाला के लिए पूछने गया था। वो इसके लिए २ से 3 लाख तक मांग रहे है। अब बोलो मैं इतने पैसे कहाँ से लाऊं???”
मेरे पति बोले और फूट फूट कर रोने लगे।मेरे पति ने अपने दोस्त को सारी बात बतायी की किस तरह गुस्सा होकर उन्होंने मुझे 3 बार तलाक तलाक तलाक बोल दिया।
मेरे पति रोने लगे। वो बहुत परेशान थे। “भाई मैं तुम्हारी बीबी के साथ हलाला करूँगा। कोई पैसे नही” वसीम बोला | मेरे पति बहुत खुश हो गये।
आखिर 3 दिन बाद वो पाक घडी आ गयी। काजी ने मेरा और वसीम का निकाह करा दिया। दोस्तों हलाला में औरत की शादी किसी दूसरे मर्द से कर दी जाती है।
फिर वो नया मर्द औरत के साथ जिस्मानी सम्बन्ध बनाता है और उसे कुछ रांते टांग उठाकर पेलता है। हलाला होने के लिए औरत का उसके नये शौहर से जिस्मानी रिश्ता होना जरूरी है।
इसके बिना दूसरा निकाह पूरा नही होता। उसके बाद वो नया शौहर कुछ दिन बाद औरत को तलाक दे देता है।
अब वो औरत अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है। ये पूरी रस्म हलाला की होती है। वसीम के साथ मेरा निकाह हो गया था।
अब मैं उसकी बीबी बन गयी थी। मुझे उसके साथ कुछ राते गुजारनी थी और कसके चुदवाना था। मेरे पति जमाल खुश थे की मुझे उसका दोस्त की कसके चोदेगा।
वरना किसी दूसरे मर्द से मैं निकाह करती तो पता नही वो कैसे मेरी चूत मारता। इसलिए मेरे पति बहुत खुश थे।रात में मैं जमाल के पास आ गयी थी।
आज हमारी सुहागरात थी। हम दोनों काफी शरमा रहे थे। वसीम मुझे भाभी जान कहकर बुला रहा था। फिर धीरे धीरे हम किस करने लगे। मैं लाल रंग का सलवार कुरता पहन रखा था।
धीरे धीरे वासिम मुझसे प्यार करने लगा। वो दोनों लेट गये और वसीम मेरे होठ चूसने लगा।“भाभी जान! तुम तो चौदहवी का चाँद हो???” वसीम बोला
“वसीम! अब मैं तुम्हारी बीबी हूँ। तुम मुझसे बस प्यार की बाते करो। मेरी जवानी और खूबसूरत सिर्फ तुम्हारी है वसीम” मैंने कहा
फिर उसने मुझे अपने सीने पर लिटा लिया और किस करने लगा। वसीम देखने में भी काफी सेक्सी और हट्टा कट्टा बॉडी का था।
मुझे वो काफी हॉट लग रहा था। धीरे धीरे हम प्यार करने लगे। वो मेरे सूट के उपर से मेरे मम्मे दबाने लगा। दोस्तों चूचियां 38” की थी और बहुत सेक्सी और हॉट गोल गोल और रसीली थी।
मेरा नया शौहर वसीम अब मेरे दूध सूट के उपर से दबाने लगा। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। मुझे मजा आ रहा था। वसीम मेरे दूध को हाथ से दबा और सहला भी रहा था।
कुछ देर बाद उसने मुझे नंगी हो जाने को कह दिया।
“भाभी जान जल्दी से नंगी हो जाओ” मेरे नये शौहर से हुक्म दिया। धीरे धीरे मैंने सब कपड़े निकाल दिए। सूट निकाल दिया।
अपनी सलवार का नारा खोला और निकाल दिया। फिर मैंने खुद ही अपनी ब्रा और पेंटी उतार दी। मैं नंगी होकर बिस्तर पर लेट गयी थी।
मैं पूरी तरह से नंगी थी। अब मैं अपने नये शौहर के साथ हमबिस्तर होने जा रही थी। वसीम अब मुझे कसके चोदना जा रहा था। शाम को ही मैंने अच्छी तरह अपनी झांटे बना ली थी। आज मैं उसके साथ हमबिस्तर होने जा रही थी।
“वसीम!! आज मेरी जान! आओ मुझसे प्यार करो” मैंने कहा
वसीम ने अपना कुरता पजामा उतार दिया। फिर उसने बनियान और अंडरवियर उतार दिया और मेरे पास बिस्तर में आ गया।
उसने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे गाल, गले, आँख, कान, नाक सब जगह मुझसे चूमने लगा। मैं भी उससे प्यार कर रही थी।
मैं खुश थी की मेरे पति जमाल के जिगरी दोस्त वसीम के साथ मेरा हलाला हो रहा था। मैंने वासिम को अपना सब कुछ दे दिया।
वो मेरी कमर, जांघ और पुट्ठो को सहला रहा था। वो मुझे मेरे खूबसूरत सेक्सी जिस्म पर हर जगह किस कर रहा था। धीरे धीरे मेरा भी चुदने का दिल करने लगा।
फिर वासिम मेरे दूध को हाथ में लेकर सहलाने लगा। मैं“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” कहने लगी।
वसीम बड़ी कोमलता से मेरे दूध सहला रहा था। मुझे अच्छा लग रहा था। धीरे धीरे वो मेरे दूध दबाने लगा। दोस्तों मेरे दूध बहुत खूबसूरत थे।
मेरी निपल्स के चारो तरफ गोल गोल काले सेक्सी गोले बहुत हॉट लग रहे थे। फिर वसीम मेरे दूध मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगा।
मैं गर्म होने लगी और “…..ही ही ही……अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” |
की कामुक आवाजे निकालने लगी। वासिम जल्दी जल्दी किसी मासूम बच्चे की तरह मेरी रसीली चूचियां पी रहा था। मुझे मजा आ रहा था।
मैं ऐश कर रही थी। वो मेरी निपल्स पर दांत से काट लेता था। मैं उससे कटवा रही थी। आज रात मैं उसे भरपूर मजा देना चाहती थी।
वासीम मेरी एक चूची पी लेता फिर छोड़ देता और दूसरी चूची मुंह में ले लेता और जल्दी जल्दी किसी मासूम बच्चे की तरह चूसता।
धीरे धीरे मुझे सेक्स और वासना का नशा चढ़ गया था। मेरी चूत में जोर की खुजली होने लगी थी। मैं अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी थी।
वसीम मेरी चूची को किसी मुसम्मी की तरह दबा रहा था। मेरे मम्मे मसलने के कारण लाल रंग के हो गये थे। मैं जल्दी जल्दी अपनी चूत में ऊँगली करने लगी। अब मैं जल्दी से चुदना चाहती थी। वसीम का मोटा लंड खाकर मैं आज रात ऐश करना चाहती थी।
“वसीम!! जान आओ मेरी चूत में जल्दी से अपना मोटा लंड डाल दो….और और फाड़ दो मेरी इस रसीली चूत को आज” मैंने कहा
उसके बाद वासिम मेरे पैर की तरफ आ गया। वो मेरे पैर की ऊँगली चाटने और सहलाने लगा। फिर मेरी जाँघों को सहलाने लगा।
फिर उसने मेरी चूत में अपना 10” का मोटा लंड डाल दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगा। मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की गर्म गर्म आवाजे निकाल रही थी।
वसीम अपने मोटे लंड से मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था। दोस्तों मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। मेरे पहले पति का लंड सिर्फ 5” का था। पर वासीम का लंड तो डबल लम्बा था।
वो जल्दी जल्दी मेरा गेम बजा रहा था। मुझे दर्द हो रहा था। लग रहा था की किसी ने मेरी चूत में मोटा सरिया डाल दिया दो। लग रहा था की कहीं वसीम का लंड मेरे चुद्दी को फाड़कर मेरे पेट में न घुस जाए।
करीब 20 मिनट वसीम ने मुझे चोदा। उसके बाद मेरी चूत का मक्खन निकलने लगा। फिर मेरी चूत अच्छे से चिकनी हो गयी। अब वसीम का लंड आराम से मेरी चुद्दी में फिसलने लगा।
मुझे मजा आने लगा। मैं“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” बोलकर किसी जंगली बिल्ली की तरह चुदवा रही थी। मैं पुरे नशे में आ गयी थी।
मैं बार बार अपनी कमर उठा रही थी। अब तो वसीम भी पुरे तेवर में आ गया था। वो मुझे जोर जोर से पेल रहा था। वो मेरी चूत पर काफी मेहनत कर रहा था। हम दोनों के बदन से गर्मी निकल रही थी।
हम दोनों चुदाई में पसीना पसीना हो गये थे। मेरी चूत में तो आग लग चुकी थी। मेरी चूत में सैलाब आ गया था।
वसीम किसी जंगली कुत्ते की तरह मुझे बजा रहा था। जो बिजली की रफ्तार से मेरी चूत बजा रहा था। उसकी स्पीड से मुझे डर लग रहा था की कहीं तो मेरी चूत ही ना फाड़ दे।
फिर वसीम ने 50 60 तेज धक्के दिए और मेरी चुद्दी में ही माल छोड़ दिया। वो मुझ पर गिर पड़ा। मैं उसके होठ चूसने लगे।
मैं अब भी हांफ रही थी और “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल रही थी।
वसीम भी मेरे होठ चूसने लगा। आज उसने मुझे शानदार तरह से चोदा और चरम सुख का मजा दिया था। फिर हम दोनों नंगे नंगे ही सो गये थे।
सुबह जब मैं उठी तो मेरी चूत में दर्द हो रहा था। मैं खिड़की के पर्दे हटाए तो सूरज निकल आया था। धूप की रोशनी वसीम पर पड़ी। वो जग गया और उसने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। फिर हम किस करने लगे।
“भाभी जान!! रात में मजा आया तुमको???” वसीम हंसकर बोला
“तुमने ने मेरी माँ ही चोद दी थी रात में…. यकीन नही तो खुद देख लो” मैंने उसको अपनी चूत दिखाई।
वसीम ने रात में मुझे करीब सवा घंटे तक चोदा। मेरी चूत में अब भी दर्द था और नीली पड़ गयी थी। फिर वासीम ने मुझे लिटा दिया और चूत चाटने लगा।
दोस्तों अब मेरा नया शौहर वसीम ही था। फिर मैं बाथरूम में जाकर नहाने चली गयी। जल्दी जल्दी मैं वसीम को नाश्ता बनाकर खिलाया और वो अपने काम पर चला गया।
तभी मेरे पहले पति जमाल का फोन आ गया।
“कैसी हो बेगम?? रात में हलाला पूरा हो गया??? वसीम ने तुमको चोदा की नही???” मेरे पति ने मुझसे पूछा
“बहुत उसने तो रात पर मुझे सोने नही दिया। रात पर मुझे चोदता रहा। मेरी चूत में अभी तक दर्द है” मैंने पति से कहा
“जान जरा अपनी मुनिया रानी के दीदार तो करवाओ” मेरे पति बोले
दोस्तों मैने जल्दी से अपनी चूत को ऊँगली से फैलाया और फोटो खीचकर अपने पहले पति जमाल को व्हाट्सअप कर दी। मेरे पति ने मेरी चूत की फोटो देखकर मुठ मार ली। रात में मेरा वसीम घर आया। आते ही मैं उससे चिपक गयी।
“कहाँ थे सुबह से तुम??? कैसे शौहर हो?? एक बार मेरी याद भी नही आई??” मैंने मुंह फुलाकर कहा
“अरे गुलबहार !! देखो मैं क्या लाया हूँ” वसीम ने अपने बैग से एक बड़ा सा डिलडो और वाईब्रेटर निकाला।
उसे देखकर मैं बहुत हैरान हो गयी थी। वसीम जब हाथ मुंह धोकर आया तो मैंने उसे खाना खिलाया। फिर हम दोनों बेडरूम में चले गये।
कुछ देर तक टीवी देखने के बाद हम दोनों नंगे हो गये। वसीम ने डिलडो में तेल लगाकर मेरी चूत में अंदर तक सरका दिया। फिर उनसे वाईब्रेटर ऑन कर दिया।
वो घुर्र घुर्र करने लगा। वसीम ने मेरे चूत के दाने पर थरथराता वाईब्रेटर रख दिया। मैं कांपने लगी। क्यूंकि वाईब्रेटर बहुत जोर जोर से घुर्र घुर्र कर रहा था।
मेरे चूत के दाने को बार बार हिला रहा था और कम्पन कर रहा था। मुझे बहुत अधिक सेक्स उतेज्जना और चूत में सनसनी हो रही थी।
मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” कर रही थी। मुझे अजीब सा लग रहा था। वसीम अब मेरी चूत में डिलडो अंदर बाहर करने लगा। मेरी तो गांड ही फट रही थी।
एक तरफ डिलडो और दूसरी तरफ थरथराता और जहाज की तरह गड़गड़ाता वाईब्रेटर मेरी चूत में तबाही मचा रहा था।
वसीम भी जल्दी जल्दी मेरे भोसड़े में डिलडो चला रहा था। दोस्तों कुछ देर में मुझे लगा की मुझे बाथरूम होने वाली है।
फिर कुछ देर बाद मेरी चूत का पानी पिचकारी की तरह पिच्च पिच्च होकर निकलने लगा। उसके बाद वसीम ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे पेलने लगा।
उसने पौन घंटे मेरे कसके पेला फिर चूत में माल छोड़ दिया। वसीम के साथ मैं 15 दिन तक हमबिस्तर हुई। फिर उसने मुझे तलाक दे दिया। फिर मेरी शादी मेरे पहले पति जमाल से दोबारा हो गयी। अब हम दोनों खुश है और कभी झगड़ा नही करते है।
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