दूध वाले ने की सामूहिक चुदाई- Group Sex Stories
- By : Admin
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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंजिली है और मैं ४३ इयर की हु और मैं नॉएडा में रहती हु और पेशे से एक स्कूल टीचर हु। मेरे पति एक इंजिनियर है और वो काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहते है। मैं नॉएडा में अपने स्कूल के चक्कर में अकेले रहती हु, क्योंकि मेरी ससुराल बहुत दूर है नॉएडा से। मै थोड़ी सी शर्मीली किस्म की औरत हु।
लेकिन, मुझे सेक्स कहानिया पढना और लोगो से ऑनलाइन सेक्स की बातें करता बहुत पसंद है और मुझे मज़ा आता है, जब लोगो मुझे देख कर गंदे – गंदे कमेंट पास करते है। आज जो मैं आपके साथ शेयर कर रही हु, वो मेरे साथ आज से ७-८ साल पहले हुए था, जब मैं घर में अकेले थी और मेरे पति काम से बाहर गये हुए १५ दिनों के लिए। ये बात मैंने आज तक किसी को नहीं बताई है; यहाँ तक अपने पति को भी नहीं।
लेकिन, जब भी मुझे उस बात की याद आती है, तो मैं सिहर उठती हु। दोस्तों, सर्दियों की बात है और आप लोग जानते ही है, सर्दियों में अँधेरा जल्दी होता है और लोग अपने घरो में जल्दी दुपक जाते है।
सामूहिक चुदाई ने ठंडी की चूत की चुदास- Group Sex Stories (Muslim Sex Story)
मैं घर में अकेले थी और टीवी देख रही थी। मुझे टीवी थोड़ा तेज आवाज़ में देखने की आदत है, ये बात मेरे पड़ोसियों को भी मालूम थी। हमारे घर एक दूध वाला दूध देने आता था। मुझे नहीं मालूम था, कि उसकी नज़रे मेरे कामुक शरीर पर थी। ओह।। सॉरी।। आपको अपने बारे में बताना तो मैं भूल ही गयी।
मेरी हाइट ५।४ फिट है और मेरा रंग एकदम गोरा और फिगर भी कमाल का है। मैं ३६सी के साइज़ का ब्रा पहनती हु। मेरी गांड ३८ की है और कमर ३२ की। कुल मिलाकर मुझे देख कर किसी भी मर्द का एकदम से खड़ा हो जाए और मुझे यकीं है, मेरे कॉलोनी वाले मुझे याद करके मुठ मारते है। चलो अब मैं आपको कहानी सुनाती हु। रात ज्यादा नहीं हुई थी, ९ ही बजे थे।
लेकिन बाहर के सन्नाटा देख कर लगता था, कि रात के १ बजे हो।। कोई नहीं था। मैंने बालकनी में खड़ी थी और टीवी की आवाज़ भी तेज थी। अचानक से डोरबेल बजी, मैंने दरवाजा खोला, तो देखा – मेरे दूध वाला राजू खड़ा हुआ था। उसने बोला – बीबी जी, आप से कुछ बात करनी है। मैंने कहा – आओ और वो अन्दर आ गया और मैंने दरवाजा खुला ही छोड़ दिया।
मैं उसके लिए पानी लेने किचन में गयी और जब बाहर आई, तो देखा उसके साथ २ और मुस्टंडे नंगे खड़े है और अपने लंड को हिला रहे है। उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया था। उनको देख कर मेरे हाथ से पानी का गिलास छुट गया और मैं कमरे की ओर भागी। तो राजू और एक आदमी तेजी से भागे और मुझे पकड़ लिया और अन्दर कमरे में ले गये।
उन्होंने मुझे पलग पर पटका और मेरी साड़ी उतार दी और मेरी ब्लाउज फाड़ दी और मेरा पेटीकोट भी। अब मैंने पलंग पर केवल ब्रा और पेंटी में उनके सामने पड़ी हुई तो अपने पेरो को सिकोड़ कर पीछे सिमट रही थी। पीछे से वो तीसरा आदमी भी आ गया और उसके हाथ में दूध लाने वाली डोलची थी। वो तीनो हस रहे थे और मैं डरी हुई थी।
फिर उन तीनो में से दो ने मुझे पकड़ा और तीसरे ने सारा दूध मेरे ऊपर डाल दिया। एक आदमी भाग कर किचन में गया और शहद की बोटल ले आया और वो भी पूरी मेरे ऊपर उड़ेल दी। अब मेरा शरीर पूरा का पूरा दूध और शहद में डूबा हुआ था। वो मेरे मेरे ऊपर आ गये। एक मेरे बूब्स के पास, एक मेरे पेरो के पास और दूसरा मेरे पेट पर।
राजू मेरे बूब्स पर था और उसने अपने दातो से मेरी ब्रा को खीच कर खोल दिया और अपनी जीभ से मेरे बूब्स पर गिरे शहद को चाटने लगा। वो दोनों भी मेरे पेट और मेरे पेरो पर गिरे शहद को चाट रहे थे। दोस्तों, मेरे साथ वो जबरदस्ती जरुर कर रहे थे, लेकिन आप यकीं मानो।। जो मज़ा मुझे आ रहा था, वो मैं शब्दों में बांया नहीं कर सकती।
वो मेरे पुरे शरीर को चाट रहे थे और तीन – तीन जीभे मेरे नंगे जिस्म पर चल रही थी। मेरी चूत में इतनी खुजली होने लगी थी, कि अगर वो तीनो एक साथ लंड घुसा दे, तो भी ना बुझे। अगले १५ मिनट में उन्होंने मेरे शरीर के सारे शहद को चाट लिया और अब तक मैं भी बहुत ज्यादा गरम हो गयी थी।
मैंने मछली की तरह तड़पने लगी थी और मेरी आँखों में वासना साफ़ नज़र आने लगी थी। अब मैं अपने जिस्म को उनसे छिपा भी नहीं रही थी। राजू बोला – देख, साली रंडी को भी अब मज़ा आने लगा और वो अब चुदने के लिए पूरी गरम हो गयी है। वो झूठ नहीं था। अब मैं वास्तव में चुदवाना चाहती थी और इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं आया था।
फिर राजू मेरे पेरो को आ गया और मेरे पेरो को पकड़ लिया और अपनी जीभ से मेरे पेरो को चाटने लगा और उसकी जीभ धीरे – धीरे मेरी चूत की तरफ बड़ने लगी। वो दोनों आदमी ने मेरे बूब्स का मोर्चा संभाला और मेरे एक – एक बूब्स को पकड़ कर दबाने लगे और उनके निप्पल को अपने दातो में पकड़ कर काट रहे थे।
वो लोग मेरे शरीर को अपने नाखुनो से रगड़ रहे थे और नोच भी रही थे। राजू अब तक मेरी चूत पर आ चूका था और उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी और वो मेरे चुतड को पकड़ कर मेरी चूत को मस्ती में चाट रहा था। अब मैं पूरी तरह से बस में नही थी और मैंने उन दोनों आदमियों के बालो में हाथ डाल दिए और उनको खीचने लगी और नोचने लगी।
मेरे पैर मस्ती में मचल रहे थे। राजू बोला – अब और देर नहीं करते है। कहीं कोई आ गया तो। फिर वो तीनो खड़े हुए और राजू सबसे पहले अपना लंड हिलाता हुआ, मेरी चूत के पास आया और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा। मैं एकदम से तड़प उठी और मेरे मुह से निकला आआआअ। ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्ह। मर गयी। आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह।
राजू ने देखा, कि मौका अच्छा है और एक ही झटके में मेरी चूत में अपना लंड उतार दिया। मेरे मुह से अहहहः अहहहः निकल रही थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी। वो दोनों लोग अब मेरे पास आये और मुझे उनके लंड पकड़ने के लिए बोला। उन मे से एक ने अपना लंड मेरे मुह में डालना चाहा, तो मैंने मुह घुमा लिया और राजू ने कहा छोड़ ना।
फिर राजू ने कुछ देर चोदने के बाद, अपने लंड को बाहर खीच लिया और फिर बाकी दोनों ने भी बारी – बारी से अपने अपने लंड मेरी चूत में डाले और मुझे से अपनी मुठ मरवाई। एक आदमी मेरी चूत में लंड डाले थे और बाकी दो लंड मेरे हाथ में थे। दोस्तों, सोचिये कितना मजेदार सीन होगा वो एक लड़की के लिए।
फिर उन सबने अपने लंड निकाल लिए और मेरे मुह के ऊपर आ गये और एकसाथ अपना सारा वीर्य मेरे मुह पर छोड़ दिया। बहुत ही गरम और बहुत ही सारा। मेरा पूरा मुह, आँख, कान, बाल पर उनका वीर्य था।
उन लोगो ने अपने लंड को हिला कर अपना वीर्य झाडा और कमरे से निकल गये। वो कपड़े पहन कर वापस से भाग गये और दरवाजे को हलके से बंद कर दिया। मैंने उसी तरह हलकी बेहोशी में बिस्तर में पड़ी रही।
मेरे शरीर पर उनके नोचने के निशान थे और मेरी चूत पूरी लाल होकर सूज गयी थी। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैंने सुबह तक ऐसे ही पड़ी रही। फिर सुबह हुई और मैं नहाई और स्कूल से छुट्टी ले ली।
वो तो अच्छा था, कि पति के आने में टाइम था और मुझे २-३ दिन लगे, पूरी तरह से ठीक होने में। राजू उन दिन के बाद, दूध देने नहीं आया और मैं भी उसको घटना को भूलने की कोशिश करने लगी।
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