देवर को चोदना सिखाया-1 (Bhabhi Dever Sex)

Bhabhi Dever Sex

मै श्वेता आज आपके सामने अपनी एक कहानी रखने जा रही हूं। आज मेरी उम्र २७ साल है, और मै एक हाउसवाइफ हूं। मेरी शादी आज से तीन साल पहले हुई थी, मेरे पती एक कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी करते है।

सब जीवन खुशहाल चल रहा था कि, तभी मेरे जीवन मे यह घटना हुई। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मुझे मेरे देवर के साथ अपने जीवन के कुछ खास पल बिताने पडे, और मैने कैसे अपने देवर को चुदाई का ज्ञान दिया।

अगर कोई भूल हो जाए, तो मुझे माफ कर देना और कमेंट में बताना कि, आपको यह कहानी कैसी लगी।
मेरे घर मे मै, मेरे पती, मेरी एक साल की बेटी, मेरे देवर, और सास-ससुर रहते है। मेरे देवर अभी शादी के लायक हो गए है, और घर मे उनके लिए रिश्ते आने भी शुरू हो गए थे।

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मेरे देवर और मेरे बीच मे हमेशा हंसी मजाक चलता था। वो मेरी बेटी को लेकर उसे साथ खेलते थे। कभी कभी तो वो मेरी बेटी के साथ ही मेरे लिए भी बाहर से कुछ ला देते, जो कि मुझे बहुत अच्छा लगता था।

मेरे देवर का नाम अभिजीत है, और उसकी उम्र अभी २५ साल की है। उसने अपनी पढाई एक अच्छे नामांकित कॉलेज से पूरी की हुई थी, और अब नौकरी ढूंढने में लगे हुए थे। घर मे मेरे देवर को प्यार से सभी बबलू ही बुलाते थे, और उनको भी यह नाम पसंद था।

एक दिन घर के सभी सदस्य एक नजदिकी रिश्तेदार की शादी में गए हुए थे। वो सब शादी के दो दिन पहले ही वहां गए हुए थे, तो उनको वहां और तीन दिन रुकना था। मेरे उस समय पीरियड्स चल रहे थे, तो मैंने शादी में जाने के लिए मना कर दिया।

और बबलू ने नौकरी के लिए इंटरव्यू का बहाना मारकर शादी के लिए जाने से मना कर दिया। और इस तरह से हमारे पूरे घर मे कुछ दिनों के लिए सिर्फ मै मेरी बेटी के साथ और मेरे देवर बबलू रह गए।

घरवालों के घर से निकलने के थोडी ही देर बाद, बबलू मेरे कमरे में आया, तब मै अपनी बेटी को स्तनों से दूध पिला रही थी।
बबलू ने मेरे कमरे में आकर मुझसे कहा कि, मै आज उनके लिए खाना ना बनाऊं, वो बाहर से ही खाकर आ जाएंगे।

तो रात में मैने अपने लिए कुछ हल्का सा खाने के लिए बना दिया और खाना खाने के बाद घर के सब काम करके मेरी बेटी को सुला दिया। अब मै अपने देवर के आने का इंतजार कर रही थी, तो हॉल में बैठे बैठे टीवी देखते हुए कब मुझे नींद लगी, पता ही नही चला।

जब मेरी आँख खुली, तब मैने देखा बबलू मेरे आगे वाले सोफे पर बैठकर मेरी तरफ ही देखे जा रहा था। मैंने जरा ध्यान से देखने पर पाया कि, मेरा गाउन मेरे घुटनो के ऊपर तक आ गया था, और मेरी टांगे दिख रही थी।

मैने जल्द ही अपना गाउन ठीक किया, और फिर अपने कमरे में सोने के लिए चल दी। पता नही बबलू कब घर मे आकर मुझे निहारने लगे थे, लेकिन एक बार को मुझे उनका इस तरफ निहारना भी पसंद आ गया था।

लेकिन रिश्ते में तो वो मेरे देवर थे, इसलिए मन मारकर मै चुप रह गई। अगली सुबह जल्दी उठकर मैने अपने घर का सारा काम कर दिया, और फिर देवर जी को उठाने के लिए उनके कमरे में गई।

तो उनके कमरे में मैने देखा कि, बबलू पूरी तरह से नंगे होकर सो रहे थे और उन्होंने कोई चादर भी ओढकर नही रखी थी। उनको ऐसी हालत में देखते ही मै उनके कमरे से उल्टे पैरों से वापस आ गई। लेकिन फिर अगले ही पल मेरा मन भी उनको देखने को कर रहा था, तो मै चुपचाप शांती से उनके कमरे में गई।

ध्यान से देवर जी को देखने के बाद पता चला उनका लंड तो सुबह सुबह सलामी दी रहा था। उनका लंड देखकर मै हैरान रह गई, क्योंकि उनका लंड मेरे पती से भी बडा था। लंबाई में भी और मोटाई में भी।

उनके लंड को देखने के बाद तो जैसे मै अपने आप को भूल ही गई, और उनकी तरफ मै आकर्षित हुए चली थी। मेरा मन अब उनके लंड को छूने को हो चला था, लेकिन मै यहां अपनी तरफ से पहल नही कर सकती थी।

तो मैने एक तरकीब चलाई, और मैने अब देवर जी को जगाने की ठान ली। तो मै उनके पास जाकर बैठ गई, और आराम से उनको कंधे पर हाथ रखकर हिलाकर उठाने की कोशिश करने लगी। थोडी देर बाद ही देवर जी की नींद खुली, और नींद खुलते ही वो पास में पडी चादर अपने ऊपर ओढकर अपने बदन को छिपाने की नाकाम कोशिश करने लगे थे।

उनकी इस कोशिश को देखकर मुझे हंसी आने लगी थी, लेकिन मैने अपने आप को रोकते हुए उनको जगाया और फिर वहां से निकल आई। कुछ देर बाद, देवर जी मेरे पास आए और सुबह के लिए माफी मांगने लगे। उन्होंने कहा, “रात में गर्मी बहुत लग रही थी,तो मैने अपने कपडे उतार दिए।

और सुबह आपको यह सब देखने को मिला। मुझे इसके लिए माफ कर दीजिए भाभी।”
तो मैने उन्हें कहा, “माफी मत मांगिए मुझसे, मुझे तो इसमें मजा आया, आपका शरीर बहुत ही गठीला है।”
इस पर देवर जी शर्माने लगे। तो मैने कहा, “मैने तो अब आपका सब कुछ देख लिया, तो अब आपके पास शर्माने के लिए कुछ नही है।”

इस पर देवर जी ने भी जवाब देते हुए कहा, “भाभी आपने तो मुझे देख लिया, अब मै भी आपको उसी हालत में देखना चाहता हूं।”

मुझे भी तो यही चाहिए था, लेकिन फिर भी थोडे नखरे करना जरूरी था, इसलिए मैंने उसे मना कर दिया। मेरे मना करते ही वो मेरे पास आया, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

बाहों में भरकर वो मुझे अपने से चिपकाने लगा और मै उससे दूर हटने की कोशिश करने लगी, लेकिन इस कोशिश में मुझे मेरी गांड की दरार में देवर का लंड घिसता हुआ महसूस हो रहा था। अभी भी देवर जी मान ही नही रहे थे, वो बोल रहे थे कि, “वो अब मुझे तभी छोडेंगे जब मुझे भी उसी अवस्था मे देख लेंगे।”

तभी मेरी बेटी के रोने की आवाज आने लगी, वो उठ चुकी थी। लेकिन बबलू अब भी मुझे नही छोड रहे थे, ऊपर से पीछे मेरी गांड पर उनका लंड हिचकोले खाते वक़्त हर बार एक झटका सा मार जाता था।

तो मैने उनकी शर्त मान ली, और जल्द ही उनसे अलग होकर अपनी बेटी के पास आ गई। बेटी को शांत करके देवर के पास दे दिया और मै घर के कामों में लग गई। घर के काम होने के बाद जैसे ही मै नहाने जाने लगी, देवर जी ने मुझे रोक लिया और कहने लगे कि, वो अभी मुझे उस अवस्था मे देखना चाहते है।

मुझे शर्म आ रही थी, लेकिन मन तो देवर जी के मोटे लंड से चुदने का था। तो मैने देवर जी से कहा, “आप पहले नंगे हो जाओ, मुझे शरम आ रही है।”

मेरे इतना कहने की देरी थी, देवर जी दो मिनट के अंदर पूरी तरह से नंगे हो गए। अब उनका लंड सोया हुआ था, लेकिन तब भी बहुत बडा लग रहा था।

देवर जी खुद नंगे होने के बाद मेरे पास आ गए, और फिर मेरे हाथों से टॉवल और मेरे नहाने के बाद पहनने वाले कपडे लेकर वहीं पास में रख दिए। मुझे देवर जी का इस तरह से मुझे छूना अच्छा लग रहा था।

फिर देवर जी ने मेरी आंखों में देखते हुए मेरे चेहरे को अपनी हथेलियों में भरते हुए मेरे गालों पर चुम लिया। फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर में डालकर मुझे अपनी ओर खींचकर मेरे होठों को अपने होठों से मिला दिया। अब वो आराम से मेरे होठों का रसपान करने लगे थे।

वो बडे ही मजे से मेरे होंठ चूस रहे थे। तभी उन्होंने मेरे होठों से नीचे आकर मेरे गले पर चूमना शुरू कर दिया। अब मेरे देवर ने मुझे अपने से पूरा सटा लिया था, और हम दोनों एक-दूसरे से चिपके हुए थे।

अब तो मै भी बहकने लगी थी, मुझे भी यह सब अच्छा लगने लगा था, तो मैने अपने देवर को रोकने की कोशिश भी नही की। देवर जिस तरह से मेरे साथ यह सब कर रहे थे, इसे देखकर लगता था कि, इसने तो बहुत सी लडकियों को चोदा होगा। अब देवर जी मेरे कपडे उतारने लगे।
आगे की कहानी अगले भाग में लिखूंगी।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।

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