चलो फुनिया फुनिया खेलते हैं- XXX Story
- By : Admin
- Category : XXX Story, XXX Story in Hindi
हेलो दोस्तों, मैं परेश हु। पर आप मुझे पायल बुला सकते है। क्योंकि मैं मेल बॉडी में जरुर हु, लेकिन पर दिल और दिमाग से एक नारी हु। ये मेरी पहली कहानी है और एकदम सच्ची है।
ये उन दिनों की बात है, जब मैं पढाई कर रहा था और शाम को रोज नीचे बिल्डिंग में खेलने जाता था। वहां मेरे कई फ्रेंड थे और उनमे से एक था प्रमोद। उसकी ऐज मेरे ही जितनी थी और वो ज्यादातर अकेला ही रहता था।
एकदिन शाम को जब मैं नीचे खेलने आया, तो आलरेडी क्रिकेट स्टार्ट हो चूका था, इसलिए मुझे किसी भी टीम ने नहीं लिया। मैं वहां जाकर बैठ गया और मैच देखने लगा। तभी प्रमोद वहां आया और मुझे कहा – अगर तुम चाहो, तो मेरे साथ खेल सकते हो।
सील पैक चूत मारकर लंड सुस्त पड गया- Virgin Girl
मैंने कहा – क्या खेलना है? उसने कहा – टेरेस पर चलते है, वहां पर खेलेंगे। हम दोनों वहां गये टेरेस पर।। वहां पर एक छोटा सा रूम था वॉचमैन का। हमारा वॉचमैन नीचे वाले रूम में रहता था, तो वो रूम बंद पड़ा रहता था।
हम दोनों वहां पर गये और उसने मुझे अन्दर कर के दरवाजा बंद कर लिया। फिर थोड़ी जगह साफ़ करने लगा। फिर उसने मुझे वहीं जमीन पर बैठाया। वो मेरे सामने बैठ गया। हम दोनों एक दुसरे के आमने – सामने बैठे हुए थे। फिर मैंने उसको पूछा – आखिर खेलना क्या है?
तो उसने बोला – हम फुनिया – फुनिया खेलेंगे।
मैंने कहा – मुझे नहीं आता।
प्रमोद ने कहा – तू जिस जगह से सुसु करता है ना।। उससे हम फुनिया खेलते है।
मैंने बोला – अच्छा, तो उसका क्या करेंगे हम?
प्रमोद बोला – देख कल रात को मैंने मेरी मम्मी को मेरे पापा की फुनिया चूसते देखा था। पापा को बहुत मज़ा आ रहा था। वो अहहहः अहह्ह्हह्ह्ह्ह ह्म्म्मम्म्म्म य्म्मम्म्म्म कर रहे थे। मैं शोक्ड हो कर सुन रहा था।
फिर। ? मैंने पूछा।
वो बोला – फिर पापा ने थोड़ी देर बाद, मम्मी की पुपु चुसना शुरू कर दिया।
मैंने पूछा – ये क्या होता है?
तो बोला – जहाँ से दूध पिलाती है मम्मी, उसे पुपु कहते है।
मैंने कहा – ओके।
प्रमोद बोला – यार परेश, कैसा लगता होगा, फुनिया चूसने से? मज़ा आता होगा क्या?
मैंने कहा – क्या पता? मैंने तो कभी नहीं सुना ऐसा। वो बोला – तो क्या हम एक बार कर के देखे?
मैंने कहा – ट्राई कर सकते है।
प्रमोद एकदम खुश हो गया।
वो बोला – अच्छा मान ले मैं पापा और तू मम्मी, ओके?
मैंने कहा – ओके।
फिर वो बोला – अब तू मेरी फुनिया चूस और मैंने तेरे पुपु।
मैं मान गया और लेकिन मैंने कहा – कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना?
वो बोला – बिलकुल नहीं। मम्मी – पापा भी तो करते है ना। कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
मैंने पूछा – तू कहीं सुसु ना कर दे, जब मैं तेरी फुनिया चुसू।
वो बोला – नहीं कभी नहीं। अगर सुसु आएगी, तो मैं तुझे बोल दूंगा। तो मुह में से निकाल देना।
मैंने कहा – ओके। चल फिर करते है। अब प्रमोद ने अपनी हाफ पेंट की ज़िप खोली और उसे खोला। तो उसकी छोटी सी फुनिया बाहर मेरे सामने आ गयी।
मुझे देख कर अच्छा लगा। फिर उसने मुझे बोला – ले पी ले।। पी ना।। फिर मैं झुका और मैंने उसकी फुनिया को मुह में ले लिया और उसको चुसना शुरू कर दिया।
वोवोवो।। इतना अच्छा और टेस्टी लगा। मुझे और प्रमोद तो बस अहहहः अहहहह्ह ह्ह्ह्हह्ह ह्म्म्मम्म य्म्म्मम्म किये जा रहा था। और मैं लोलीपोप की तरह बस चूस रहा था।
मैंने थोड़ी सांस लेने के लिए, फुनिया को निकाला और प्रमोद ने मेरा सिर पकड़ कर फिर से फुनिया को मेरे मुह में डाल दिया और मैं चूसता रहाकरीब १५ मिनट के बाद, प्रमोद ने मुझे हटा दिया और मैंने जी भर कर सांस ली। प्रमोद पागल सा हो गया था और मेरी तरफ देख रहा था।
मैंने पूछा – कैसे लगा? वो बोला – इतना मज़ा आता है यार। कैसे लगा फुनिया को चूस कर? मैंने कहा – सच कहू यार।। मुझे अब तक इतना अच्छा और टेस्टी कभी कुछ नहीं लगा। प्रमोद ने मुझे अपनी खीचा और मेरे लिप्स को किस किया और फिर मेरे गालो को।
मैंने पूछा – ये क्या है प्रमोद? वो बोला – पापा ने मम्मी को ऐसे किस भी किया था, जब मम्मी पापा की फुनिया चूस रही थी। फिर मैंने उसको पूछा – अच्छा, अब तू वो करेगा, जो तेरे पापा तेरी मम्मी को करते है?
वो बोला – हाँ।
फिर उसने मुझे कहा – चल अपनी शर्ट उतार दे जरा।
मैंने शर्ट उतार दी और प्रमोद मेरे पास आया। फिर उसने मुझे सुला दिया और मेरे ऊपर आ गया। फिर से लिप तो लिप किस किया और उसने मेरे गालो को चूमा।
फिर उसने नीचे जा कर मेरे निप्पल को चुसना शुरू किया। हाऐईईईईईइ राम।। मुझे लगा, ख़ुशी से मैं पागल हो जाऊंगा। इतना अच्छा लग रहा था। मानो कोई वहां मीठा सा करंट दे रहा हो।
१५ मिनट तक प्रमोद ने बारी – बारी से मेरे दोनों निप्पल चूसा। फिर हम अलग होए और कपड़े पहने। उस शाम अलग होते होए, हमने फिर से एक दुसरे को किस किया। फिर तो हमारा ये रोज का हो गया और हम हर रोज शाम को टेरेस पर मिलते थे और ऐसे ही प्यार करते थे।
धीरे – धीरे वो मेरा हस्बैंड पर मैं उनकी वाइफ हो गयी। हमारा प्यार और भी मजबूत होने लगा और एकदिन उसने मुझे सरप्राइज ही दे दिया। वो अपनी बहन की फरोक ले कर आया और मुझे कहा – इसे पहन ले मेरे लिए।
मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने उसको कहा – बाहर जाओ, पहन लू, तो आ जाना। जाते ही मैंने अपने कपड़े उतारे और वो लाल रंग के फरोक पहन ली। फिर मैंने प्रमोद को बुलाया। वो अन्दर आया, तो उसने मुझे गले से लगा लिया और किस किया।
हम दोनों ने फिर से लम्बी किस की। अब अपने आप को एक लड़की मान चूका था और प्रमोद को मेरा हस्बैंड। हम रोज़ मिलते, टेरेस रूम में।
वहां मैं फरोक पहन कर उसकी वाइफ होने का फील करती और हम दोनों जीवन के बेस्ट दिन बिता रहे थे। लेकिन फिर वो दिन आया, जब प्रमोद ने एक शाम को मुझे बैठाया और कहा – यार, कल रात को मैंने पापा को उनकी फुनिया को मम्मी की टांगो के बीच में डालते हुए देखा था। उस दिन हमने असली सेक्स के बारे में जाना। आगे की कहानी और बातें कभी और अगली कहानी में।
No Comments