मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूं मेरा नाम सिमरन है मेरे जीवन में मैंने कई सपने देखे लेकिन मेरे माता-पिता की वजह से मेरे सपने कभी पूरे हो ही नहीं पाए क्योंकि वह लोग चाहते हैं कि मैं शादी कर के अपना घर बसा लूं। मेरी पढ़ाई को अभी पूरे …
मैं एक दिन अपने दोस्त के घर गया मैं पहली बार ही उसके घर जा रहा था मुझे पता नहीं था कि उसका घर कौन सा है इसलिए हिचकिचाते हुए मैंने एक अपार्टमेंट की घंटी बजायी दरवाजा एक महिला द्वारा खोला गया था जिसे मैंने बाइक को पार्किंग लगाने के …
दिव्या मुझे कहती है कि भाभी जल्दी से तुम तैयार हो जाओ मैंने दिव्या को कहा बस थोड़ी देर बाद मैं तैयार हो जाऊंगी। दिव्या के कहने पर मैं उसके साथ शॉपिंग करने के लिए जा रही थी मैं तैयार हो चुकी थी और मैं शॉपिंग करने के लिए दिव्या …
मेरी बहन सुमन घर आई हुई थी उसके साथ उसके दोनों बच्चे भी थे मैंने सुमन को कहा सुमन अभी तो मैं ऑफिस के लिए निकल रहा हूं लेकिन तुमसे शाम को मुलाकात करता हूं। सुमन मुझे कहने लगी ठीक है भैया आप शाम को मुझसे मिल लीजिएगा और फिर …
ट्रैफिक सिग्नल पर मैंने अपनी गाड़ी रोकी मैंने देखा सिग्नल अभी खुला नहीं था सिग्नल की लाल बत्ती ऑन थी और मैं सोचने लगा कि कैसे मैं सुनीता से बात करूं। मेरी शादीशुदा जीवन में उथल-पुथल के बाद सुनीता मेरे जीवन में आई थी और वह मेरी अच्छी दोस्त बन …
रोज की तरह मैं सुबह जल्दी उठ गई थी जब मैं उठी तो मैंने बच्चों को उठाया और मैं बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने लगी कुछ देर बाद मैं नाश्ता बनाने के लिए रसोई में चली गई। मेरे पति अभी तक उठे नहीं थे लेकिन जब वह उठे …
मैं अपने घर से रेलवे स्टेशन रात के 9:00 बजे पहुंच चुका था और मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था ट्रेन थोड़ी देर में आने ही वाली थी। मैं जिस सीट पर बैठा हुआ था उसी सीट में आकर एक लड़की बैठी वह बहुत ही खूबसूरत थी मैं उसे …
मैं कार चलाते वक्त फोन पर बात कर रहा था और मेरा ध्यान सिर्फ फोन पर बात करने पर ही था। मैं अपने दोस्त से फोन पर बात कर रहा था तभी आगे से अचानक से एक बुजुर्ग व्यक्ति आ गये मैं गाड़ी संभाल नहीं पाया और गाड़ी उनसे जाकर …
मैं अपने ऑफिस से घर लौटा ही था कि मैंने देखा मेरा दोस्त गौतम मेरा इंतजार कर रहा था मैंने गौतम से कहा कि आज तुम काफी दिनों बाद मुझे मिल रहे हो। वह मुझे कहने लगा कि हां राघव आज सोचा कि तुमसे मुलाकात कर लूं इतने दिन हो …
राघव और मैं हमारे ऑफिस के कैंटीन में बैठे हुए थे हम लोग उस वक्त लंच कर रहे थे मैंने राघव से पूछा राघव सब कुछ ठीक तो चल रहा है तो वह मुझे कहने लगा कि सोहन तुम्हें क्या बताऊं कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। वह बहुत …