नमस्कार दोस्तों मै श्वेता आज आपके सामने अपनी कहानी का अगला भाग लेकर फिर एक बार हाजिर हूं। पिछले भाग में आपने पढा था कि, किस तरह से मेरे देवर जी ने मुझे अपनी ओर आकर्षित कर लिया था और अब हम दोनों अपनी रासलीला रचने के लिए तैयार थे। …
मै श्वेता आज आपके सामने अपनी एक कहानी रखने जा रही हूं। आज मेरी उम्र २७ साल है, और मै एक हाउसवाइफ हूं। मेरी शादी आज से तीन साल पहले हुई थी, मेरे पती एक कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी करते है। सब जीवन खुशहाल चल रहा था कि, …
नमस्ते दोस्तो। मेरा नाम श्रेयांश (उम्र २३) है। मैं आप लोगों को इस कहानी के माद्यम से मेरे साथ दो दिन पहले हुई घटना के बारें में बताने वाला हूँ। मेरे पिताजी की किराने की दुकान है। मैं अपने पिताजी के साथ मिलकर दुकान संभालता हूँ। सिर्फ़ दोपहर को पिताजी …
नमस्कार दोस्तो। मेरा नाम मनीषा (उम्र १९) है। मैं बिहार की रहने वाली हूँ। मेरा एक छोटा-सा परिवार है जिसमें सिर्फ़ मेरे भाभी-पिताजी हैं। मेरे पिताजी अपना खुद का डेयरी फार्म (दुग्धालय) चलाते हैं। मेरी भाभी का नाम विद्या वर्मा (उम्र ३४) है। भले ही मेरी भाभी का नाम विद्या …
नमस्ते मित्रों। मेरा नाम मनोहर (उम्र १९) है। मैं कानपुर का रहने वाला हुँ। कुछ दिनों पहले, मैंने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार अपना लौड़ा मेरी आँखों के सामने हो रही चुदाई को देखकर हिलाया था। मेरे पिताजी के कारण मुझे वह अद्भुत अनुभव मिला था। दरअसल हुआ यूँ कि, …
मेरा नाम अविनाश है मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता हूं मेरे पास 20 से 30 बच्चे ट्यूशन पढ़ने के लिए आते हैं मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मेरा कॉलेज जब खत्म हुआ तो उसके बाद से ही मैं बच्चों को ट्यूशन देने लगा लेकिन मुझे एक दिन एक ट्यूशन …
जय ने मुझे आवाज देते हुए अंदर रूम में बुलाया और वह कहने लगे ममता कल मुझे बनारस जाना है तो मैं वहीं पर कुछ दिनों तक रहने वाला हूं। मैंने जय से कहा कि आप अपने ऑफिस के काम से वहां जा रहे हैं जय मुझे कहने लगे हां …
पति और पत्नी के बीच की नोक झोंक तो अक्सर होती रहती है अनमोल और मेरे बीच में भी अक्सर नोकझोंक होती रहती थी मुझे लगता था कि अनमोल मेरी हर एक बात मानते हैं लेकिन कभी-कबार वह गुस्सा हो जाया करते थे। अनमोल हंसमुख खुशमिजाज हैं लेकिन वह अपने …
हम मुम्बई में किराए पर एक घर मे रहते हैं घर का किराया बहुत अधिक है और मेरे पिता को मेरे कॉलेज की फीस भी भरनी होती है। पिताजी एक क्लार्क थे पिताजी के पास कभी-कभी पैसों की समस्या इतनी अधिक हो जाती है कि वह घर का किराया भी …
मोहन और मैं नौकरी की तलाश में थे हम दोनों पटना के रहने वाले हैं और हम लोग कुछ समय पहले दिल्ली नौकरी की तलाश में आए थे। मुझे लगा था कि शायद जल्द ही हम लोगों को दिल्ली में नौकरी मिल जाएगी लेकिन यह इतना भी आसान नहीं था …