बुआ की बेटी को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा
- By : Admin
- Category : Cousin Sex Stories, Bhai Behen ki Chudai
फ्रेंड्स, मेरा नाम बंटी है और मैं एक मेट्रो सिटी से हूँ.
जब मैं 20 साल का था तब मैंने एक पॉर्न स्टोरी पढ़ी थी.
उसमें में भाई बहन की चुदाई की कहानी थी.
उस सेक्स कहानी को पढ़ कर ही मुझे अपने bua ki beti ki chudai करने की लालसा जगी थी.
मेरी सग़ी बुआ मेरे घर के पास ही रहती हैं.
उनको भी दो लड़कियां हैं. वे दोनों बहुत हॉट माल हैं.
उस टाइम पर बुआ की बड़ी वाली लड़की मेरी उम्र की थी.
उसका नाम ज्योति है और छोटी वाली का नाम अमृता है.
वे दोनों एकदम दूध सी गोरी हैं और भरे हुए बदन की हैं.
मतलब जैसी हॉटनेस एक लड़की में चाहिए होती है, उन दोनों में वह बात थी.
ज्योति का फिगर 30-26-32 का था.
वह अक्सर हमारे घर आ जाती थी या मैं बुआ के घर चला जाया करता था.
यह bua ki beti ki chudai ki kahani ज्योति की है.
ज्योति बातचीत में मुझसे बहुत खुली हुई थी.
हम दोनों फिजीकली भी काफी जुड़े हुए थे, मतलब मैं मज़ाक मज़ाक में कभी भी उसकी गांड को दबा देता था.
मगर वह मेरी हरकत को मज़ाक में लेती थी.
बुआ के पड़ोस में एक लड़की थी. उसने मुझे प्रपोज़ किया था और वह भी ज्योति के माध्यम से … तब मैंने ज्योति से कहा कि मुझे वह पसंद नहीं है.
तो उसने मुझसे पूछा- तेरी पसंद क्या है?
मैंने उससे कह दिया- मुझे तेरी जैसी ही लड़की अपनी जीएफ के लिए चाहिए.
इस बात पर वह हंस कर बोली- चल मैं अपनी जैसी ढूंढती हूँ.
यह कह कर उसने मुझे एक नॉटी स्माइल दे दी.
एक दिन जब वह गोविंदा फेस्टिवल के दिन घर आई थी तो मेरे बाजू में बैठ कर मेरे छाती के बालों से खेलने लगी.
मैंने उससे पूछा- तुझे कोई मेरे लिए जीएफ मिली क्या?
उसने कहा- अभी तो नहीं मिली, लेकिन तू बता तूने क्यों नहीं ढूंढी?
मैंने उसकी तरफ देखा और बोला- एक ढूँढी तो है. मगर वह ना बोल देगी … यह मुझे मालूम है. मगर तुम उसे मनाने के लिए मेरी मदद करोगी, यह प्रॉमिस दो.
तो उसने प्रॉमिस कर दिया- चाहे कुछ भी हो जाए, मैं उसको तेरे लिए मनाने में मदद करूँगी.
यह सुनकर मेरा मन खुशी से झूम उठा.
थोड़ी देर बाद मटकी फोड़ने का खेल चालू हो गया.
हम दोनों बाल्कनी से देख रहे थे.
उस वक्त ज्योति मेरे बाजू में ही थी.
मैंने उसके कंधे हाथ रखा हुआ था और वह सामने देखती हुई मुझसे बात कर रही थी.
अचानक से वह मेरे सामने को आकर खड़ी हो गई और मेरे लंड से अपनी गांड चिपका कर खड़ी हो गयी.
मैं उसकी गांड की गर्मी का अहसास करते हुए खुद को मस्ती देने लगा था.
तभी उसने बताया कि उसे उसकी चचेरी बहन के जाना है साफ सफाई करने.
मैंने कारण पूछा तो वह बोली- वह गांव आने वाली है न!
मैंने डिलीवरी बॉय से पूरी रात अपनी चुदाई करवाई
मैंने देखा कि यह तो सही मौका है. यह उधर अकेली रहेगी.
मैंने उससे कहा- चल, मैं भी तेरे साथ चलता हूँ.
उसने झट से हामी भर दी और मैं उसके साथ गांव चला गया.
बहन घर पहुंच कर उसने काम करना चालू कर दिया.
मैंने उसके घर के लैंडलाइन वाले फोन से अपनी एक फ्रेंड को कॉल लगाया और उससे बातें करने लगा.
ज्योति को लगा कि मैं अपनी जीएफ से बात कर रहा हूँ … इसलिए वह मेरे पास आकर बातें सुनने लगी.
मेरी फ्रेंड ने पूछा- तू किसके साथ है?
मैंने कहा- मैं अभी अपनी जीएफ के साथ हूँ.
यह सुनकर पास खड़ी ज्योति हंस पड़ी … और वह भी तेज आवाज में बोली- हां, मैं इसकी जीएफ हूँ.
तब मैंने ज्योति के गले हाथ डाला और अपने पास खींच कर सीने से लगा लिया.
ज्योति भी मुझे हग करके चिपक गई थी.
कुछ देर बाद वह अपना काम करने चली गयी.
मैंने फोन रखा और ज्योति के पास चला गया.
ज्योति ने पूछा कि तूने ऐसा क्यों बोला- मैं तेरी जीएफ हूँ?
मैंने बोला- देख, कोई नहीं है बोलूँगा … तो फ्रेंड मुझ पर हंसने लगती, इसलिए मैंने ऐसा कह दिया था.
ज्योति बोली- मुझे तू बताने वाला था कि तुझे कोई लड़की पसंद आई है!
मैंने कहा- हां मगर मुझे सिर्फ़ उसे प्रपोज़ करना नहीं था, उसे चोदना भी था.
वह ‘चोदना’ शब्द सुनकर हंसने लगी.
वह बोली- चल मैं उस काम में भी तेरी मदद करूंगी.
मैंने देखा कि माहौल बन सकता है, तो मैंने कहा कि मैं वॉशरूम जाकर आता हूँ.
मैं घर के वॉशरूम में गया और उधर अपनी पैंट व अंडरवियर निकाल कर तौलिया पहन लिया.
फिर टॉयलेट में दरवाजा लॉक किए बिना ही कमोड पर बैठ गया.
अब मैं ज्योति नाम से लंड हिला रहा था मेरी आंखें बंद थीं.
उतने में ज्योति ने दरवाजे की झिरी में से मुझे हिलाते हुए देख लिया.
थोड़ी देर बाद मैं बाहर आया और बेड पर बैठ गया.
वह मेरे पास आई और उसने बोला- कौन है बता ना!
मैंने थोड़ा नाटक करने की कोशिश की- छोड़ यार, कोई नहीं है!
वह बोली- बता न!
मैं- अगर मैंने बोला तो तू मुझे मदद करेगी न … पक्का?
उसने उतावलेपन से हां कहते हुए पूछा- बताओ ना प्लीज़!
मैंने थोड़ा ड्रामा करते हुए कहा- वह तू है!
इस बात पर वह भी हंसने लगी … और बोली- तू पागल ही है!
मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे ‘आई लव यू’ कहा.
उसे भी मैं अच्छा लगता था … तो उसने स्माइल दी और कहा- ये हमारे बीच नहीं हो सकता है.
मैंने उससे कहा कि जरूर हो सकता है अगर हम दोनों इसको सीक्रेट रखें!
वह मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उससे कहा- मुझे भी जीएफ नहीं ढूँढनी पड़ेगी और तुम्हें ब्वॉयफ्रेंड.
यह कह कर मैंने उसे किस किया.
उसने भी मेरा साथ दिया और bua ki beti ki chudai kahani बनने लगी.
वह मेरे साथ लंबे चुंबन में लग गई.
हम दोनों 15 मिनट तक किस करते रहे.
मैंने कहा- मुझे तुम्हारे निप्पल चूसने है!
उसने एक झटके में अपनी कुर्ती उतार दी और सिर्फ ब्रा में खड़ी हो गयी!
उसके गोरे गोरे और टाइट बूब्स देखते ही मेरा औजार खड़ा हो गया.
मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा … वह आंखें बंद करके मज़ा ले रही थी.
मैंने भी अपना तौलिया खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा.
उसने यह देख कर एक बड़ी मुस्कान दी और वह भी अपनी कमर को मेरे लौड़े पर घिसने लगी.
मैंने उसका पजामा उतार दिया और उसे बेड पर लेटा दिया.
अब मैं उसके साथ मज़े लेने वाला था.
मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत चाटने लगा.
जल्दी ही उसकी गोरी चूत सफेद से लाल हो गयी थी.
मैंने समय खराब ना करते हुए उसकी चूत में लंड लगाया और जब तक वह कुछ समझ पाती मैंने लंड चूत में पेल दिया.
अचानक से लंड घुसने से वह ज़ोर से चिल्ला दी.
मैंने झट से उसका मुँह बंद करके दो कड़क धक्के लगाते हुए पूरे लंड को चूत में अन्दर तक सैट कर दिया.
मेरी बहन चिल्ला रही थी, मगर मेरे अन्दर के जानवर ने कुछ नहीं सुना.
मैं उसके निपल्स चूस रहा था … और उसे धकापेल चोद रहा था.
मैंने अपनी पड़ोसन आंटी की चुदाई की भूख मिटाई
कुछ ही देर में वह मस्त होने लगी और मेरे साथ चुदाई का मजा लेने लगी.
पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ गया … और तब तक वह भी शांत हो चुकी थी.
उसके बाद हम दोनों ने बहुत बार सेक्स किया और अकेलापन पाते ही सेक्स कर लेते थे क्योंकि हम दोनों पर कोई शक नहीं करता था.
हम दोनों अपनी छुट्टियों में गांव चले जाते थे जहां मेरी एक और बुआ थीं.
उनका नाम संगीता है.
उन बुआ के पति चार साल पहले ही गुजर चुके थे.
संगीता बुआ की शादी काफ़ी देर से हुई थी और उनके पति भी कुछ खास नहीं थे. तो वे अपने जीवन में कुछ खास सुख नहीं ले पाई थीं.
मैंने ज्योति से कहा- हम दोनों गांव संगीता बुआ के पास चलते हैं. उधर वे अकेली ही रहती हैं … तो हम दोनों को भी सेक्स करने के लिए अच्छा साधन हो जाएगा.
वह भी खुश हो गई.
इधर मेरे मन में बुआ को चोदने का प्लान बन रहा था.
उस वक्त दीवाली का त्यौहार आने वाला था.
ज्योति और मैंने गांव जाने की ज़िद की तो पापा हमारी बस की टिकट निकाल दी.
अब बस के स्लीपर कोच में मैंने ज्योति के साथ तो मानो हनीमून ही मना लिया था.
ज्योति को रात में चलती बस में एक बार रगड़ा तो वह भी मस्त हो गई थी.
हम दोनों सुबह सुबह गांव में पहुंचे और बुआ के घर आ गए.
बुआ हम दोनों को देख कर बहुत खुश हुईं और वे बोलीं- अच्छा हो गया कि तुम दोनों आ गए.
उस समय बुआ बाजार जा रही थीं.
तो उन्होंने हम दोनों को फ्रेश होने के लिए कहा.
उनकी बात सुन कर हम दोनों भी खुश हो गए.
जैसे ही बुआ बाहर गईं, मैंने दरवाजा और खिड़कियां बंद कर दीं और ज्योति से बोला- चल, साथ में नहाते हैं.
वह भी तैयार थी और खुश भी क्योंकि यहां आते ही हम दोनों को सेक्स करने को मिल रहा था.
जैसे ही हम दोनों ने नहाते हुए एक शॉट खत्म किया, वैसे ही ज्योति बोली- मजा आ गया यार … अब कब करेंगे?
मैंने कहा- रात में!
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वह बोली- बुआ के बाजू में सोना पड़ेगा, इधर अलग कमरा नहीं है तो सेक्स कैसे करेंगे?
मैंने कहा- शाम को गांव में घूमने जाएंगे तब बताऊंगा.
शाम को हम घूमने निकले, तब मैंने कहा- अगर बुआ को मैं सैट करने के लिए तुझसे कुछ बोलूँ और यदि तुम वैसे करोगी … तो हम दोनों मजे से सेक्स कर लेंगे!
वह बोली- ओके.
मैंने उसे बुआ की लाइफ के बारे में बताया और कहा- बुआ को भी ज़रूरत है.
मैंने ज्योति को अपना प्लान बताया, तो वह भी तैयार हो गयी.
रात में खाना खाकर जब हम सब सोने जा रहे थे.
मैं घड़ी में टाइम ही देख रहा था कि कब सोने मिलने वाला है.
बुआ का घर काफ़ी छोटा था.
उनका एक ही कमरा था.
कमरे के लगा हुआ एक खुला आंगन था, जिसमें टॉयलेट बना था।
हम सब ज़मीन पर गद्दी डालकर सो गए.
मैं, मेरे बाजू में ज्योति और बाद में बुआ.
ठंडी के दिन थे तो हम कंबल लेकर सोए थे.
थोड़ी देर बातें करते करते सब सो गए.
मैंने ज्योति को पहले बोल दिया था कि नाइटी के अन्दर कुछ नहीं पहनना.
थोड़ी देर बाद मैं वॉशरूम जाने को उठा और चेक किया कि बुआ जाग तो नहीं रही हैं!
वे सो रही थीं.
मैं सोते वक़्त ज्योति के कंबल में चला गया.
ज्योति भी सो गयी थी.
मैंने ज्योति की नाइटी के बटन खोले और उसके मम्मों को दबाने लगा.
ज्योति जाग गयी और मज़ा लेने लगी.
बुआ की पीठ हमारी तरफ थी.
मैंने ज्योति को नाइटी ऊपर करने के लिए कहा.
उसने धीरे से नाइटी ऊपर की … और हम दोनों ने सेक्स करना चालू कर दिया.
ज्योति की चूत में उंगली डालते ही वह चिल्ला दी.
मुझे लगा कि इससे तो बुआ जाग जाएंगी तो मैं अपने बिस्तर पर आकर सो गया.
बुआ उठीं और उन्होंने ज्योति की तरफ देखा तो ज्योति ने भी सोने का नाटक किया.
बुआ ने ज्योति का कंबल हटाया और उसकी नाइटी से बाहर आए हुए बूब्स देखे और ऊपर को चढ़ी हुई नाइटी देखी.
बुआ उठ कर बाथरूम चली गईं.
हम दोनों भी डर गए थे कि अगर बुआ कल पूछेंगी तो क्या बोलेंगे!
उस रात कुछ नहीं हो सका.
दोस्तो, ज्योति के साथ चुदाई का खेल तो कैसे भी करके हो ही जाना था.
पर संगीता बुआ को किस तरह से चोदा, यह सेक्स कहानी में अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
bua ki beti ki chudai कहानी आपको कैसी लगी?
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