भल्ला सर की बीवी को लंड दिया – हिंदी चुदाई कहानी
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भल्ला सर हमारे कंपनी के नए सी ए थे और उनके आने से अच्छी खासी टाइटनेस हो गई थी सिस्टम में, अब किसी भी फाइनेंसियल अप्रूवल पर उन्ही के साइन होते थे। मेरे एकाउंट्स हमेशा से गड़बड़ थे तो सबसे पहले मेरी ही खिंचाई हुई, भल्ला सर ने मेरी तो मेरी बल्कि मेरे बोस्सेस की भी जमकर ले ली थी,
और इसी लिए हर कोई भल्ला से बदला निकालना चाहता था। एक दिन मुझे पता लगा की भल्ला सर मेरी किसी फाइल को अगले वीक बुरी तरह उधेड़ने वाले हैं तो मैंने उन्हें मक्खन लगाने की सोची और इसीलिए मैं उनके घर एक स्कॉच की बोत्टेल ले कर वीकेंड पर पहुँच गया।
वहां जा कर पता लगा की भल्ला सर तो फ्राइडे को बैग ले कर ही निकले थे कि उन्हें किसी ऑफिसियल टूर पर जाना है, मैंने ऑफिस के एडमिन वाले से पूछा तो उसने कहा की भल्ला जी की कोई टिकेट या होटल बुकिंग नहीं हुई टूर के लिए।
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मुझे गार्डन में खड़े हो कर फ़ोन पर बातें करते देख भल्ला सर की बीवी ने अन्दर बुलवाया, वो भल्ला सर की उम्र और शक्ल के मुकाबले कहीं ज्यादा जवान और सेक्सी थीं।
उन्होंने मुझे सोफे पर बिठाया और पूछा “तुम इनके ऑफिस में ही हो” तो मैंने कहा “जी हाँ, वो एक्चुअली भल्ला सर मेरी किसी फाइल को म्मोंदय को देखेंगे तो उनसे उसी सिलसिले में मिल्न्ने आया था। मैडम मेरी जॉब खतरे में पड़ जाएगी”।
भल्ला सर की वाइफ जोर से हँसी और बोली “सबसे पहले तो मेरा नाम सुमिता है और तुम मुझे वही बुला सकते हो, और दुसरे अगर तुमने मुझे बता दिया की तुम्हारे भल्ला जी ऑफिसियल टूर पर कहाँ गए हैं तो तुम्हारी हेल्प मैं कर दूंगी”।
मैंने कुछ सोच कर कहा “मैडम ऊप्स सुमिता जी वो क्या है न एक्चुअल में भल्ला जी की कोई टिकेट या होटल बुकिंग हमारे एडमिन ने तो नहीं करवाई है” बस ये सुन्नते ही सुमिता जी का पारा गरम हुआ और वो चिल्लाने लगी “वो भल्ला हरामी फिर अपनी उसी रखैल के पास गया होगा जिस से छुड़वा कर मैं यहाँ लाई थी”।
मेरे तो होश उड़ गए की इतनी पढ़ी लिखी और अच्छे घर की औरत ऐसे कैसे बोल सकती है, सुम्मिता जी की आवाज़ सुनकर उनका नौकर भी दौड़ा आया फिर सुमिता जी ने संभल कर नौकर को कहा “तुम अब घर जा सकते हो”।
नौकर को जाते देख मैं भी जाने लगा तो सुमिता जी ने कहा “तुम कहाँ जा रहे हो, तुमने तो मुझे सच बताया है तुम्हारी थोड़ी हेल्प तो मैं कर ही सकती हूँ” ये कहकर वो अन्दर गई और एक फाइल लेकर आई और बोली “भल्ला ने ऑफिस बॉय के साथ ये फाइल भिजवाई थी और कहा था इम्पोर्टेन्ट फाइल है मैडम को दे देना”।
मैंने फाइल देखि तो मेरे दिल में गिटार बजने लगा क्यूंकि यही वो फाइल थी, मैंने कहा “सुमिता जी अगर आप बुरा नना मानें तो मैंने इस फाइल में से दो तीन चीज़ें सुधार दूँ” वो हँसकर बोली तुम इस फाइल को जला भी दोगे तो भी बुरा नहीं मानूंगी”।
मैंने तुरंन्त वो फाइल ली और अपने बैग में से लैपटॉप निकाला और लैपटॉप में से देख देख कर चार पांच चीज़ों को सुधार दिया जिनकी वजह से लोचा बढ़ सकता था, बाकि की फाइल सुधारने के लिए मैंने लैपटॉप पर ही काम किया और भल्ला जी के घर के प्रिंटर से ही प्रिंट्स ले लेकर उस फाइल में अटैच कर दिए।
भल्ला जी की बीवी सुमिता मुझे ये सब करते देख मुस्कुरा रही थी और जब मैं अपना काम निपटा कर निकलने लगा तो उन्होंने मेरे कंधे पर अपना हाथ रखा और कहा “तुम भल्ला जी से ख़ाली हाथ ही मिलने आए थे ? आई मीन टू से तुम्हारे लिए कोई कुछ करे तो उसके बदले में कुछ तो होना चाहिए।”
मैंने सकपकाते हुए उन्हें कहा “सुमिता जी वो मैं उनके लिए एक स्कॉच की बोतल लाया था पर वो गाड़ी में पड़ी है” तो वो बोली “ले क्यूँ नहीं आते, फ्राइडे है कहिन्न तो पार्टी करोगे ही मेरे साथ ही कर लो”।
मैं हालाँकि थोडा घबरा रहा था लेकिन फिर भी बोतल उठा ही लाया और तब तक सुमिता ने ग्लासेज बर्फ वगेरह का इंतज़ाम कर दिया था, मैं और सुमिता मिल कर स्कॉच निपटाने लगे। सुमिता को दो ड्रिंक में ही चढ़ गई थी शायद वो रेगुलरली नहीं पीती रही होगी, मैंने कहा “सुमिता जी” तो वो नाराज़ हो गई और बोली “सुमिता बोलने में जुबान घिसती है क्या, बल्कि तुम मुझे अब से सुमी बुलाओगे”।
मैंने उनकी हालत भांपकर कहा “ठीक है सुमी, आई थिंक तुम्हे चढ़ गई है और अब मुझे चलना चाहिए” तो सुमी मेरे करीब आ गई और उसने अपनी एक टांग मेरी टांग पर रख दी, वो अब लगभग मेरी गोद में ही चढ़ी हुई थी मेरे हाथों से उसने मेरा ड्रिंक लिया उस में से एक सिप पिया और गिलास के रिम पर अपनी जीभ ऐसे सेक्सी तरीके से फिराई की मेरा तो लंड खड़ा हो गया और अन्दर ही अन्दर तड़पने लगा।
सुमी ने मेरे लंड की हालत को भांप लिया था और अब वो मेरे होठों के करीब आ गई जिस से उसकी स्कॉच से भरी साँसें मेरे नथुनों से टकराने लगी, मैंने एक ही साँस में अपना गिलास खत्म किया और सुमी के होठों पर एक लम्बा किस किया।
सुमी के चुचे जो अब तक शांत पड़े थे अब तन चुके थे और ब्रा नहीं पहनने की वजह से नाईटी के बाहर से ही दिखने लगे, सुमी ने मेरे किस का जवाब एक हॉर्नी किस्म के किस से दिया और अब हम दोनों एक दुसरे को जमकर चूमने लगे। मेरे हाथ जहाँ सुमी को चूमते वक़्त उसकी गांड, जांघों और चुचों को सहला रहे थे वहीँ सुमी का हाथ मेरे ल्न्न्द पर रेगुलरली चल रहा था।
सुमी का कण्ट्रोल छूट गया और वो मेरे सामने अपनी नाईटी उतार कर बिलकुल नंगी खड़ी हो गई। इस उम्र में भी सुमी का बदन देखने लायक था, हालाँकि उसके चेहरे पर उम्र थोड़ी झलकती थी लेकिन बदन तो गदराया हुआ था और चूत चुदने के इंतज़ार में एक दम गुनगुनी हुई पड़ी थी।
बिना बालों वाली उस चूत को देखते ही मेरी इच्छा हुई की इसे अभी चाट लूँ क्यूंकि मैं चूत चाटने का गज़ब शौक़ीन हूँ और जानता हूँ की शादीशुदा औरतें अपनी चूत चटवाने के लिए कितनी बेताब होती है।
मैंने सुमी को अपने पास खींचा और उसके पूरे बदन को चूमने लगा, सुमी खड़ी खड़ी अपने बदन पर मेरे होठों का सपर्श महसूस कर रही थी और एक नागिन की तरह बलखा रही थी। वो सिसकारियाँ लेती हुई कभी अपने बालों को बिखेर कर उन में उंगलियाँ फिराती तो कभी अपनी उँगलियों को मुंह में ले कर चूसने लगती,
मैंने जैसे ही उसकी गोरी गोरी गांड पर अपने दांत गड़ाए और जोर से काटा तो उसकी चीख निकल गई। सुमी अब भी लहरा रही थी और मेरे होंठों के स्पर्श का मज़ा ले रही थी और तभी मैंने उसकी जाँघों को चूमते हुए उसकी चूत पर अपने होंठ रखे तो वो चिहुँक उठी।
सुमी ने मेरे बालों को कस के पकड़ लिया और मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया बस इसी वक़्त मैंने नीचे बैठ कर उसकी लेफ्ट टांग को सोफे पर रखवा दिया और उसकी चिकनी लेकिन गुदाज चूत को रस ले ले कर चाटने लगा,
सुमी की सिसकारियाँ पूरे हॉल में गूँज रहीं थीं। वो अब भी अपनी गांड मटका रही थी और उसकी चूत जिसे मैंने चाट चाट कर गीला कर दिया था अब रस बरसाने लगी थी, सुमी पसीने पसीने होने लगी और मैंने भी मौका देख कर उसे सिंगल वाले सोफे पर बिठा दिया।
अब जैसे ही मैंने अपना लंड निकाला तो सुमी बावली हो गई क्यूंकि ऐसा लंड उसने शादी से पहले अपने टीचर का ही देखा था जिसने उसे चुदाई करना सिखाया था और या फिर आज मेरा ही देखा था।
सुमी ने कहा “प्लीज़ मुझे अपना लंड दो ना मैं इसे खूब प्यार करुँगी” तो मैंने कहा “सुमी मेरी जान अभी तो इसे तुम्हारी चूत में तहलका मचाना है और इसे प्यार करने के लिए पूरी रात पड़ी है” तो वो बोली “ठीक है डालो मेरी चूत में इस राक्षस को और हाँ पूरी रात नहीं पूरा वीकेंड है, अब तुमसे जी भर के चुदना है मुझे”।
पूरा वीकेंड सुनकर मेरी बाँछें खिल गई क्यूंकि वैसे भी मेरे पास इस वीकेंड कुछ नहीं था और भल्ला जो मेरा भला कर के गया था उसकी भी तो इज्ज़त रखनी थी। मैंने सुमी की चिकनी गुदगुदी चूत के मुहाने पर अपना लंड रखा और मेरा मोटा सारा लंड उसकी चूत में पैवस्त हो गया, सुमी चीख पड़ी “ऊऊओह्ह मार डाला” वो दर्द के मारे कांपने लगी थी और ये कम्पन उसकी टांगों में भी फील होने लगी थी।
सुमी चीखे जा रही थी और मैं धक्के लगाए जा रहा था, सोफे के हत्थे पर सुमी की टांग टिकी हुई थी जिस में रेगुलरली मुझे कम्पन महसूस हो रहा था तो मैंने सुमी से कहा “तुम्हे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है क्या” इस पर वो बोली “अरे बड़ी मुश्किल से तो ऐसा कुछ मिला है जिस से दर्द हो, तुम बस मुझे जी भर के चोदो मैं सारा दर्द झेल लुंगी”।
मैं मुस्कुराया और उसके चुचे दबाते हुए उसकी चूत में अपने लंड का धतिंग नाच करने लगा, सुमी उछल उछल के मेरा लंड ले रही थी और उसकी चूत झड़ चुकी थी लेकिन मैं धक्के लगाने बंद नहीं किए। सुमी को मैंने उसी छोटे सोफे पर अधलेटा किया और उसकी दोनों टाँगें उठा कर उसकी कमर को हवा में लटका लिया और फिर से पेलने लगा।
सुमी बराबर चीख चीख कर मेरे लंड के उत्साह को बढा रही थी, उसकी ऐसी धुआँधार चुदाई बरसों में नहीं हुई थी और शायद इसीलिए वो ख़ुशी ख़ुशी में दोबारा झड़ गई। अब मेरे धक्के भी तेज़ हो चले थे क्यूंकि मेरा लंड भी फाइनल राउंड पर ही था सो मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसे पीछे से चोदने लगा,
बस एक करारे झटके ने सुमी की ज़बरदस्त चीत्कार निकाल दी और मेरा लंड झड़ गया उसकी चूत में। सुमी मेरे हाथ से छूटते ही पास्ट हो कर वहीँ कारपेट पर लेट गई तो मैं भी उसके पास जा लेटा, वो कराह भी रही थी और मुझे लगातार चूम भी रही थी।
इसके बाद हमने सन्डे दोपहर तक चुदाई का ऐसा मौसम बनाया कि सुमी को मज़ा आ गया, अब जब भी भल्ला साहब बहार जाते हैं तो उनकी बीवी के सेक्स एकाउंट्स मैं ही चेक करके सुधारता हूँ।
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