भाई को सीडयूज़ कर के चुदाई की- Bhai Behen ki Chudai

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हेलो फ्रेंड, मैं आरती रांची से हु। अभी मैंने क्लास १२थ कम्प्लीट किया है। मुझे सेक्स कहानिया पढने का बाद शौक है और मैं काफी पहले से ही सेक्स कहानिया पढ़ रही हु। सेक्स की कहानी पढ़ कर मेरी चूत एकदम गीली हो जाती थी और मैं चुदवाने के लिए कुछ भी करने के लिये तैयार थी।

मैं दिखने में बहुत सुंदर हु। मेरा विटेल स्टेटस ३४ – २८ – ३४ का है। मेरा बॉयफ्रेंड भी है। मैं उस से चुदवा चुकी हु। मुझे लंड चुसना पसंद है और मुझे उसका पानी पीना बहुत अच्छा लगता है।

चलिए अब मैं आपको ज्यादा बोर नहीं करती हु और सीधे अपनी कहानी पर आती हु। ये एक रियल स्टोरी है। हम लोगो के घर में केवल चार मेम्बर है। मेरे मम्मी पापा, मैं और मेरा बड़ा भाई। मम्मी पापा दोनों गवर्नमेंट जॉब में है और सुबह ९ बजे चले जाने के बाद, शाम को ६ बजे के बाद ही घर पर आते है। भाई मेरे से ४ साल बड़ा है और वो बीटेक फाइनल इयर का स्टूडेंट है।

भाई ने रंडी बनाया-1 Bhai Behen ki Chudai (XXX Story in Hindi)

मेरे १२थ के एग्जाम के बाद मैं फ्री थी और घर पर ही दिन भर रहती थी। छुटिया होने कि वजह से मैं अपने बॉयफ्रेंड से भी नहीं मिल प् रही थी। सारा दिन सेक्स स्टोरीज पढ़ती थी और अपनी चूत में ऊँगली कर के अपने आप को शांत करती थी। लेकिन फिर भी ऊँगली होती ऊँगली है। उसमे लंड वाला मजा नहीं आता है। मैं तो अब लंड के लिए तरस रही थी और तड़प रही थी।

एक दिन, मैं दोपहर में खाली पड़ी हुई सेक्स स्टोरीज पढ़ रही थी। वो स्टोरी एक भाई और बहन वाली थी। किस तरह से भाई ने अपनी बहन को सीडयूज़ किया था और मजे लिए थे। पढ़ते वक्त मेरी चूत गीली हो गयी थी और मुझे लंड कि कमी महसूस होने लगी थी।

मैंने भी सोचा, क्यों ना भैया पर ये ट्रिक आजमा कर देखा जाए। समार्ट भी है। जवान भी है। उन्हें भी तो मजा करने का दिल करता होगा। अगर भैया पट गए, तो मेरा काम भी हो जाएगा और उनको भी मजे मिल जायेंगे। मुझे घर पर भी सब कुछ मिल जाएगा। कहीं बाहर मुह मारने कि जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

मेरे भैया देखने में बहुत स्मार्ट है और मेरी बहुत साड़ी फ्रेंड उनको लाइन मारती है। हम लोगो शुरू से ही बहुत क्लोज रिलेशनशिप मेन्टेन रखते है। लेकिन सेक्स रिलेटेड टॉपिक पर हम दोनों कभी भी बात नहीं हुई।

तो मैंने सोचा, मैंने सोचा कि भैया घर पर ही है। ट्राई कर के देखते है। मैं अपने रूम से बाहर आई। भैया ड्राइंग रूम में ही थे। वो सोफे पर सो रहे थे। टीवी चालू था। ऐसा लग रहा था, कि भैया टीवी देखते हुए ही सो गए थे। टीवी पर कोई रोमेंटिक मूवी चल रही थी। जिस में काफी बोल्ड सीन चल रहे थे।

मैंने भैया को आवाज़ दी। लेकिन वो उठे नहीं। मैंने उनको थोडा हिलाया, फिर भी वो नहीं उठे। मुझे लगा, कि वो बहुत ही गहरी नींद में सो रहे है। सोते हुए भी उनकी पेंट पर उभर बना हुआ था। ऐसा लग रहा था, जैसे कि वो कोई सेक्सी सपना देख रहे हो?

मैं तो उनके उभार को देख कर मचल सी गयी। मेरी चूत पानी छोड़ रही थी। मैंने धीरे से अपना हाथ भैया के उभार पर रखा और तुरंत उठा लिया। फिर मैंने भैया को देखा। भैया आराम से सो रहे थे।

मेरी थोड़ी सी हिम्मत बढ़ी और मैंने फिर से उनके उभार को टच किया। मुझे पहली बार भाई का लंड अच्छे से फील हुआ। उनके लंड का साइज़ बहुत बड़ा था। होगा कोई ९ इंच मोटा और काफी मोटा भी था। मेरी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी। पानी चूत से निकल कर जांघो पर बहने लगा था।

धीरे से हिम्मत कर के, मैंने भैया की बेल्ट को ओपन किया और पेंट और अंडरवियर को थोडा नीचे कर के उनके लंड के दर्शन कर लिए। भैया ने अपनी झांटे साफ़ की हुई थी। उनका लंड बड़ा ही सुंदर दिख रहा था। एकदम गोरा और गुलाबी।

उनके लंड को देख कर मेरी तो साँसे ही रुकने लगी। भैया अभी भी सो हो रहे थे। उनका लंड मेरे दोनों हाथो में भी नहीं आ रहा था। मैंने सोचा, आज तो मैं चुदवा कर ही रहूंगी। भैया का कोई भी रेस्पोंस नहीं आ रहा था।

मुझ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने उनके लंड पर किस कर दिया। फिर मैंने अपना मुह लंड पर लगा दिया और धीरे – धीरे उनके लंड को चूसने लगी। उनका थोडा सा ही लंड मेरे मुह में आ रहा था।

लंड चुसना तो मुझे पहले से ही पसंद था। भैया के बड़े लंड को चूसने में मजा आ रहा था। मैं तो खो ही सी गयी थी उनके लंड को चूसने में और मैंने ये भी नहीं सोचा था, कि अगर भैया उठ गए तो क्या होगा?

थोड़ी देर बाद, मुझे भैया का ख्याल आया। तो मैंने उनकी तरफ देखा। वो उठ चुके थे और मुझे ही देख रहे थे। भैया ने कुछ नहीं बोला। मैंने फिर से उनके लंड को चुसना शुरू कर दिया। शायद उनको लंड चुस्वाना अच्छा लग रहा था।

अब मैंने पुरे मजे ले कर उनके लंड को चुसना और चाटना शुरू कर दिया। जितना अन्दर मैं उनके लंड को ले सकती थी, मैं उनके लंड को अन्दर ले रही थी। भैया मेरे बालो को सहला रहे थे और अपने लंड को पूरा का पूरा मेरे मुह में डालने कि कोशिश कर रहे थे।

भैया से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उन्होंने मुझे अपने उप्पर खीचा और किस करने लगे। मैंने भी उनके किस का जवाब बहुत अच्छे से देना शुरू कर दिया था। उन्होंने मेरी पूरी जीभ को अपने मुह में ले कर चुसना शुरू कर दिया और कि देर कि किस करने के बाद, भैया ने मेरा टॉप उतार दिया।

मैं घर में ब्रा नहीं पहनती हु। तो टॉप के उतारते ही, मेरी चुचिया आजाद हो गयी और भैया के फेस के सामने झूलने लगी। भैया उनके देख कर पागल से हो गए और वहशी की तरह मेरे चूचो को प्रेस करने लगे थे।

दुसरे चुचे को उन्होंने अपने मुह में दबा लिया और उसको मस्ती में चूसने लगे। भैया इतनी जोर से चूची को दबा रहे थे, कि मुझे दर्द होने लगा था। लेकिन मैंने उनको मना नहीं किया और मजे लेती रही।

अब लगा जैसे भैया को भी नहीं रहा जा रहा है। उन्होंने मुझे अपने लंड के ऊपर बैठा लिया और कमर पकड़ कर, एक ही बार में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं तो दर्द से कहरा ही पड़ी। चूत गीली होने के बावजूद मेरी चूत इतने बड़े लंड के अन्दर जाते ही, मुझे ऐसा फील हुआ जैसे कि कोई गरम रोड मेरे अन्दर जा रही हो। भैया नीचे से धक्के पर धक्के लगाये जा रहे थे। मेरे मुह से जोर – जोर से अहः।। हाहाह।। अहः कर के कराहट निकल रही थी। मेरी इन आवाजो को सुन कर भैया को भी जोश आने लग गया था।

१० मिनट चोदने के बाद, उन्होंने पोजीशन चेंज की और मुझे सोफे पर लिटा दिया। मेरे दोनों पैरो को अपने कंधो पर रख कर मुझे जबरदस्त चोदने लगे। उनका लंड पूरा अन्दर तक जा रहा था।

ऐसा लग रहा था, कि उन का लंड मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा हो। मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था। लेकिन दोस्तों, उस दर्द में भी मुझे एक सेक्सी मजा आ रहा था। कभी लंड अन्दर, कभी लंड बाहर।। वो मेरे अन्दर ठोकर मार रहा था। मजा ही आ गया था मुझे।

फिर कुछ देर तक चोदने के बाद, उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत से निकाल लिया और मेरे मुह में घुसा दिया। इतनी देर चोदने के बाद भी, भैया का वीर्य अभी तक नहीं गिरा था। फिर उन्होंने कुछ देर चुस्वाने के बाद, मुझे टेबल पर सुला दिया और मुझे चोदने लगे। इस बार उनकी स्पीड कुछ ज्यादा ही थी।

कुछ देर चोदने के बाद, भाई ने अपना पूरा माल मेरी चूत में ही निकाल दिया। मैं तो आज पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी। कुछ देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और फिर उन्होंने मुझे किस करना चालू कर दिया, अब तो ये हम लोगो कि डेली रूटीन हो गयी थी।

ये सिलसिला यहीं तक नहीं थमा था। भाई ने मेरी गांड भी मारी और फिर उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिल कर मुझे ग्रुप में भी चोदा। भाई और भाई के दोस्तों के साथ मुझे जितना मजा आया, उतना तो मुझे कभी मेरे बॉयफ्रेंड ने भी नहीं दिया था। उनकी चुदाई के साथ – साथ, मेरी चुदवाने की ठरक भी बढती गयी। लेकिन दोस्तों, वो कहानी फिर कभी।

अभी तो आप मुझे ये लिखना, कि आप को मेरी ये रियल लाइफ स्टोरी अपने भाई से चुदवाने कि ट्रिक कैसी लगी? आप अपने कमेंट से मुझे ये जरुर बताना।

मेरी सारी सहेलियों को एडवाइज है, कि अगर घर में उनका छोटा या बड़ा भाई है। तो बाहर मुह मार कर चुदवाने से पहले घर में छुपे हुए लंड से चुदवाओ। वो आपकी इच्छा कभी भी बिना शर्त के करेगा। सही कहा ना मैंने।

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