नए पड़ोस में भाभी को फ़्लैट में ले जाकर चोदा
- By : Admin
- Category : Sister-In-Law Fuck Stories
सेक्सी भाभी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस में नयी भाभी किराये पर रहने आई. मेरा दिल उस पर आ गया मगर वो भाव नहीं दे रही थी. मैंने उसे कैसे चोदा फिर?
दोस्तो, मेरा नाम अनवर है. मैं एक मस्त लड़का हूँ और ऊपर वाले ने मुझे हैंडसम भी बनाया है.
इस वेबसाइट पर ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आप सबको यह सेक्सी भाभी पोर्न कहानी पसन्द आएगी.
मैं मुंबई के चेंम्बूर इलाक़े में रहता हूँ. मेरी बिल्डिंग 5 माले की है और मैं 5वें माले पर रहता हूँ.
हमारे यहां फ्लैट कम भाड़े में मिल जाते हैं. हमारे यहां रूम को लेकर कोई मच मच भी नहीं होती थी तो हर कोई हमारी बिल्डिंग में आने की सोचता था.
तो हर महीने कोई ना कोई आता जाता रहता है. एक दिन की बात है, हमारी बिल्डिंग पर एक सज्जन आए. तब मैं नीचे बाहर ही खड़ा था और मोबाइल देख रहा था. फिर भाभी जैसी औरत आती दिखी तो मैं तो उसे देखता ही रह गया.
कमाल की आइटम थी.
मैं उसको अभी देख ही रहा था कि तभी उस भाभी ने मुझसे पूछा- मुझे यहां कोई रूम मिल सकता है क्या? मैंने कहा- हां, यहां एक रूम खाली है. मैं उसके बूब्स देख रहा था तो उसने कहा- मुझे भाड़े पर रूम चाहिए, किससे बात करनी होगी?
इतने में उसका पति पीछे से आया और वो मुझसे बात करने लगा.
मैं उसे बिल्डिंग के मैनेजर के पास ले गया और कहा कि आप इस बंदे से आगे की बात कर लो. उसका पति मैनेजर से बात करने लगा और मैं भाभी के पास आ गया. वो किसी से फोन पर बात कर रही थी.
उसकी मदमस्त जवानी को देख कर मैं भी सोचने लगा था कि ये भाभी इसी बिल्डिंग में रहने आ जाए तो मैं भी इसका स्वाद ले सकूँ. फिर मैनेजर से उस आदमी ने अपनी बात खत्म की और सब नक्की कर लिया. वो आदमी बाहर आया और उसने मुझे बताया कि सब सैट हो गया है. कल आते हैं.
वो आदमी नीचे जाने लगा और उसने अपनी पत्नी को चलने के लिए कह दिया. वे लोग अगले दिन शिफ्ट होने वाले थे.
फिर वो भाभी मेरे पास आई और थैंक्यू बोल कर उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया. मैंने उसके हाथ में अपना हाथ देकर मिला लिया. उसका हाथ छुआ तो मेरे जिस्म में मानो करेंट दौड़ गया. मैं कुछ देर उसका हाथ पकड़े हुए चुपचाप खड़ा रहा.
उसने हाथ दबाते हुए कहा- कहां खोए हो?
मैंने हाथ छोड़ते हुए कहा- आं हहां … इट्स ओके. क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ? उसका नाम कशिश था और उसके पति का नाम बाबू खां था. साला नाम से चूतिया लग रहा था.
भाभी गांड मटकाती हुई नीचे जाने लगी.
मैं अपना लंड सहलाता उसे जाते हुए देखता रहा.
मैंने जब से उस भाभी को देखा तो क्या बताऊं दोस्तो, मेरा लंड पैंट में ही खड़ा हो गया था और अंडरवियर से बाहर आने को तड़फने लगा.
भाभी के इतने बड़े बड़े बूब्स कि साला हाथ में ही ना आए, एक दूध को दबाने के लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़े. उसकी गांड देख कर तो साला नामर्द का भी खड़ा हो जाए.
मैं अगले दिन का इन्तजार कर रहा था कि कब भाभी आएगी और उसे देख कर आंखों से उसे चोद सकूँगा.
अगले दिन शाम के कुछ 6 बजे थे. वो लोग अपने कुछ सामान के साथ आते हुए दिखे. भाभी भी कुछ सामान लेकर चढ़ रही थी तो मैंने आगे बढ़ कर उसकी मदद की और बोला कि सामान मैं ले लेता हूँ.
वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी. मैंने उसकी मुस्कान देख कर उस दिन एक बार फिर से सोच लिया कि कैसे भी करके मैं इस भाभी को पटाऊंगा और साली की बेहिसाब चुदाई करूंगा. अब वो मेरे पड़ोस वाले फ्लैट में रहने लगे थे.
मैं भी भाभी पर लाइन मारने लगा था पर भाभी सामने से कभी भाव ही नहीं देती थी. मैंने न जाने कितनी बार तो उसके सामने ही अपना लंड खुज़ाया पर फिर भी उसने कोई भाव नहीं दिया. कुछ दिन बाद मैं समझ गया कि ये माल हाथ में आने वाला नहीं है. मैंने उसे देखना ही छोड़ दिया.
ऐसे ही टाइम बीतता गया.
एक दिन मुझे फ़ेसबुक पर उसकी रिक्वेस्ट आई तो मैंने बेमन से एक्सेप्ट कर ली. मैंने कुछ समय बाद फ़ेसबुक पर एक फोटो अपलोड की तो उसने लाइक किया. मैंने उसका लाइक देखा तो मन में आया कि भाभी से बात की जाए. उसे मैंने मैसेज किया और अपना नंबर लिख कर छोड़ दिया.
मैंने मैसेज में लिखा कि अगर बात करनी हो, तो व्हाट्सैप पर आ जाओ.
उसका कोई जवाब नहीं आया. मैंने फिर से उम्मीद छोड़ दी. तकरीबन एक हफ्ते बाद उसने सामने से कॉल किया.
मेरे लिए ये अनजान नम्बर था.
मैंने फ़ोन उठाया और हम दोनों ने बात की. बातों ही बातों मैंने बोल दिया- मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ. लेकिन उसने मना कर दिया और फोन रख दिया. कुछ दिनों बाद वापस भाभी से चैट पर बात हुई और हम दोनों फ्रेंड बन गए.
अब हम दोनों चैट पर काफी समय बिताने लगे थे, हमारे बीच काफी नजदीकी ही गई थी. ऐसे ही चलता रहा.
एक दिन की बात है. मैंने उससे कहा- चलो मूवी चलते हैं. वो रेडी हो गयी. हम लोग मूवी देखने चले गए. अब मुझे चान्स मिला और मैं उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था.
मैंने मूवी देखते समय उसके कंधे पर हाथ डाला और यूं ही फेरता रहा.
जब उसने कोई आपत्ति नहीं की, तब मैंने थोड़ी देर बाद धीरे से अपना हाथ उसके एक दूध पर रख दिया.
उसने मना नहीं किया. क्या बताऊं दोस्तो, मैं पागल हो गया था. मैंने और कुछ नहीं सोचा, बस सीधा उसका दूध दबाया और गाल पर किस कर दिया.
वो मुझे दूर करने लगी पर मैंने उसे छोड़ा नहीं. थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं उसके टॉप में हाथ डालकर ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबाने लगा.
वो आंह आह करने लगी. मैंने उसके कान में कहा- चलो लॉज में चलते हैं. उसने बोला- नहीं. यहीं ठीक है.
मैंने कहा- इधर पूरा मजा नहीं आएगा. वो हंस दी और बोली- पूरा मजा लेने से क्या मतलब है तुम्हारा?
मैंने कहा- तुम्हारी चुदाई करना है मुझे!
वो बोली- नहीं चुदाई नहीं.
मैंने बोला- चलो यार, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.
शायद चुदासी तो वो भी हो गई थी तो कुछ देर नाटक करने के बाद वो रेडी हो गयी. हम दोनों ने मूवी बीच में ही छोड़ दी और मैं उसको थियेटर के सामने ही एक लॉज में ले गया.
उधर मैंने एक एसी कमरा बुक किया और हम दोनों कमरे में अन्दर आ गए.
हम दोनों बेड पर बैठ गए और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. साथ ही कपड़ों के ऊपर से उसके बूब्स दबाना भी आरम्भ कर दिया.
कुछ देर के बाद वो सिसकारियां लेने लगी. मैंने फटाक से उसका टॉप उतार दिया और सलवार भी.
अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी.
मैं वो नज़ारा देख कर पागल हो गया और उसको धक्का देकर लिटा दिया. मैं उस पर चढ़ गया और उसके मम्मों को दबाने लगा, चूसने लगा.
फिर धीरे से मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसकी चूत के लहसुन पर हाथ फेरने लगा.
वो बोली- आह क्या कर रहे हो … उधर हाथ फेरोगे तो मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी.
मैंने कहा- तो क्या हुआ, मैं फिर से गर्म कर दूँगा. वो हंसने लगी और मेरे लंड को पकड़ने लगी.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चलता रहा. उसके बाद मैंने उसकी ब्रा और पैंटी निकाल दिए और साथ ही मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए.
मैं उसकी चूत चाटने लगा, चूत में जीभ और उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
दोस्तो, मैं बता दूं कि मुझे चूत चाटना बहुत पसन्द है.
उसने कहा- मुझे भी तुम्हारा चूसना है.
मैंने उसको 69 की पोजीशन में ले लिया और मैं फिर से उसकी चूत से खेलने लगा.
वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. कुछ ही देर में वो आआ अहा करने लगी और कहने लगी- अब जल्दी से चोद दो. मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
मैं भी तैयार हो चुका था और पूरी तरह से गर्म हो चुका था.
मैंने उसको चुदाई की पोजीशन में सीधा किया और उससे टांगें फैलाने को बोला. तब मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया रख दिया और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा. भाभी की चुदाई की कहानी हिंदी में
उसने चुदास भरे स्वर में सिसियाते हुए कहा- अब बस कर … जल्दी से डाल दो ना साले … लंड के लिए तड़फा रहा है कमीने मैं थोड़ा हंसा और मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रख कर हल्का सा धक्का मारा.
बहन की लवड़ी की चूत साली एकदम टाइट थी.
मेरा अभी सिर्फ़ सुपारा अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी- उई मम्मी रे … मर गई … आह निकाल … निकाल जल्दी से आह साले मेरी फट जाएगी. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ टिकाए और होंठ दबा कर किस करने लगा.
वो किस में दर्द भूलने लगी, उसकी आवाज भी निकलना बंद हो गई.
तभी मैंने फिर से ज़ोर का धक्का मारा और एक बार में ही पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
वो एकदम से छटपटाने लगी मगर मैंने उसे अपनी जकड़ में दबोचा हुआ था तो कुछ न कर सकी. मैं उसको चोदने लगा. वो गूं गूं करके चिल्लाने की कोशिश कर रही थी पर मैंने उसे चिल्लाने नहीं दिया.
कुछ धक्कों के बाद वो नॉर्मल हो गयी और मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैंने चूत से लंड निकाला और उसको घोड़ी बना लिया.
मैंने पीछे से उसकी चूत में एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया और फुल स्पीड में चोदने लगा.
वो भी मस्त होकर बोलने लगी- आह चोद मादरचोद … मुझे चोद दे साले … आह फाड़ दे मेरी चूत … आज खून निकाल दे … आह मेरा शौहर भी कभी मुझे ऐसे मज़े से नहीं चोदता!
मैं उसको चोदने में बिज़ी था और फुल स्पीड में चोद रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने उसको अपने लंड पर बिठाया और कूदने को बोला.
वो लंड पर कूदने लगी. उसके दूध हवा में मस्त उछल रहे थे. क्या बोलूं गाइस … वो क्या मस्त मजा दे रही थी.
इस बीच वो झड़ भी चुकी थी और हांफने लगी थी. मैंने समझ लिया कि इसकी चूत अब लंड से कुछ कह रही है.
मैं उसे नीचे लिटा कर चोदने लगा. काफी देर तक की चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था.
मैंने बोला कि मैं झड़ रहा हूँ. उसने बोला कि हां मेरे अन्दर झड़ जा. मैंने पूरा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.
वो चित लेट गयी और उसने मुझे ज़ोर से चूम लिया. उस दिन हम दोनों ने 3 बार जम कर चुदाई का मजा लिया.
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