सेक्सी पड़ोसन आंटी को मौका देख कर चोदा | Indian Aunty Sex Hindi Kahani
- By : Admin
- Category : Sex Stories, XXX Story
दिल्ली में अँसल के बंगला सोसाइटी में, मिनी शर्मा अपने बंगले की खिड़की पर खडी हो कर गली में बाहर का नज़ारा देख रहीं थीं. मिनी एक बहुत की खूबसूरत औरत थीं – गोरा रंग, लम्बा कद, काले लम्बे बाल, . उनका बदन एक संपूर्ण भारतीय नारी की तरह भरा पूरा था. मिनी एक जिन्दा दिल इंसान थीं जिन्हें जिन्दगी जी भर के जीना पसंद था. मिनी इस घर में अपने हैण्डसम पति वी रंगीला और अपनी बेटी डॉली के साथ रहती थी. डॉली यूनिवर्सिटी में फाइनल इयर की क्षात्र थीं. मिनी एक गृहणी थीं. वी रंगीला एक सॉफ्टवेयर कंपनी में ऊंची पोस्ट पर थे. मिनी को ये बिलकुल अंदाजा नहीं था की उसकी जिन्दगी में काफी कुछ नया होने वाला है.
मिनी के सामने वाला घर कई महीनों से खाली था. उसके पुराने मालिक उनका मोहल्ला छोड़ कर दिल्ली चले गया थे. आज उस घर के सामने एक बड़ा सा ट्रक खड़ा था. उसके ट्रक के बगल में एक बीएमडब्ल्यू खडी थी जिसमें गुड़गावां का नंबर था. लगता था गुड़गावां से कोई दिल्ली मूव हो रहा था. पुराने पडोसी काफी खडूस थे. मोहल्ले में कोई उनसे खुश नहीं था. मिनी मन ही मन उम्मीद कर रही थी कि नए पडोसी अच्छे लोग होंगे जो सब से मिलना जुलना पसंद करते होंगे.
मिनी ने देखा की उस परिवार से तीन लोगों थे. पति पत्नी शायद 40 प्लस की उम्र में होंगे. उनकी बेटी मिनी की अपनी बेटी डॉली की उम्र की लग रही थी.
मिनी ने अपने पति रंगीला को पुकारा, “जानू, जल्दी आओ. हमारे नए पडोसी आ चुके हैं”
रंगीला लगभग दौड़ता हुआ आया और बाहर का नज़ारा देखते ही उसकी बांछे खिल उठीं. बाहर एक हैण्डसम आदमी की बहुत ही सेक्सी पत्नी अपने बॉब कट हेयर स्टाइल में एकदम कातिल हसीना लग रही थी. जैसे जैसे वो चलती थी, उसकी चून्चियां उसकी टी-शर्ट में इधर से उधर हिलती थीं. इसी बीच रंगीला की नज़रों में उनकी कमसिन जवानी वाली बेटी आई. रंगीला का तो लंड उसके पाजामें के अन्दर खड़ा होने लग गया. नए पड़ोसियों की बेटी ने लो-कट टी-शर्ट पहन रखी थी. इसके कारण उसके आधे मम्मे एकदम साफ़ दिखाई पड़ रह थे. उसके मम्मे उसके मम्मी की भांति सुडौल थे जो एक नज़र में किसी को भी दीवाना बना सकते थे. उसने बहुत छोटे से शॉर्ट्स पहन रखे थे जिससे उसके गोर और सुडौल चूतड़ दिखाई पड़ रहे थे.
रंगीला सारा नज़ारा अपनी पत्नी मिनी ने पीछे खड़ा हो कर देख रहा था. रंगीला ने पीछे से मिनी को अपने बाँहों में भर लिया. उसके हाथ मिनी के दोनों चुचियों पर रेंगने लगे. मिनी मुस्कराई और उसने अपनी गुदाज चूतडों को रंगीला के खड़े लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया. इससे रंगीला का खड़ा लंड मिनी की गांड की दरार में गढ़ने लगा.
मिनी ने धीरे से हँसते हुए पूंछा, “डार्लिंग! तुम्हारा लंड किसे देख के खड़ा हो गया?”
रंगीला बोला, “दोनों को देख कर. तुमने देखा की उनकी लडकी ने किस तरह के कपडे पहने हैं”?
“वो बहुत हॉट है न? जरा सोचो अपनी डॉली अगर ऐसे कपडे पहने तो?” मिनी बोली.
रंगीला के हाथ अब मिनी के ब्लाउज के अन्दर थे. वो उसकी ब्रा का आगे का हुक खोल रहा था. रंगीला मिनी की चुचियों को अपने हाथों में भर रहा था और धीरे धीरे मसल रहा था. रंगीला को अपनी चुचियों के साथ खेलने के अनुभव से मिनी भी गर्म हो रही थी.
वो बोली, “रंगीला डार्लिंग! आह.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे खुशी हुई की नए पड़ोसियों को देख कर तुम्हें “इतनी” खुशी हुई… अब मुझे तुम्हें यहाँ बुला कर उन्हें दिखाने का इनाम मिलेगा ना?”
मिनी की कातिल अदाएं
रंगीला मिनी को जोर जोर से चूमने लगा. उसने मिनी का गर्म बदन अपने ड्राइंग रूम में बिछे हुए कालीन पर खींच लिया. उसके हाथ अब मिनी के स्कर्ट के अन्दर थे, उसकी उंगलिया उसकी गीली चूत पर रेंग रहीं थी. मिनी ने अपनी टाँगे पूरी चौड़ी कर रखीं थीं. हालांकि दोनों के विवाह को 19 साल हो गए थे, पर दोनों आज भी ऐसे थे जैसे उनका विवाह 19 घंटे पहले ही हुआ है – जब भी उन्हें जरा भी मौका मिलता था, चुदाई वो जरूर करते थे.
रंगीला ने अपना पजामा उतार के अपने लंड को आज़ाद किया. मिनी इस लंड को अपनी चूत में उतार के चोदने के लिए एकदम तैयार थी. मिनी को चुदाई बहुत पसंद थी. वो वाकई चुदवाना चाहती थी. पर रंगीला को चिढाने के लिए उसने बोला,
“रंगीला डार्लिंग… नहीं…डॉली के घर आने का टाइम हो गया है. वो कभी भी आ सकती है”
रंगीला ने अपना लौंडा मिनी के चूत के मुहाने पर टिका के एक हल्का सा धक्का लगाया जिससे उसके लंड का सुपाडा मिनी की गीली चूत में जा कर अटक सा गया. मिनी ने अपनी गांड को ऊपर उठाया ताकि रंगीला का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस सके. रंगीला धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगा ताकि वो अपनी पूरी तरह गरम चुकी पत्नी की गांड के धक्कों को मैच कर सके और बोला,
“अच्छा को कि डॉली किसी दिन हमारी चुदाई देख ले…कभी कभी मुझे लगता है कि उसकी शुरुआत करने की उम्र भी अब हो गयी है.”
मिनी ने अपने पैर रंगीला की गांड पर लपेट लिए और अपनी भरी आवाज में बोली,
“अरे गंदे आदमी…यहाँ तुम अपनी पत्नी की ले रहा है और साथ में अपनी बेटी को चोदने के सपने देख रहा है…सुधर जा….”
रंगीला ने मिनी को दनादन फुल स्पीड में चोदना चालू कर दिया. उसका लंड मिनी की चूत के गीलेपन और गहराइयों को महसूस कर रहा था. मिनी आह आह कर रही थी और अपनी चूत को रंगीला के लंड पर टाइट कर रही थी. रंगीला को मिनी की चूत की ये ट्रिक बेहद पसंद थी. रंगीला ने धक्कों की रफ़्तार खूब तेज कर दी और वो मिनी की चूत में झड़ने लगा. मिनी ने अपने चूत में रंगीला के लंड से उसके वीर्य की गरम धार महसूस की और वो भी झड़ गयी. मिनी झड़ते हुए इतनी जोर से चिल्लाई की उसकी अवाज नए पड़ोसियों तक भी शायद पहुची हो. दोनों एक दुसरे से लिपटे हुए थोड़े देर पड़े रहे. फिर रंगीला के अपना लौंडा उसकी चूत से निकाला उसे होठों पर चूमा और बाथरूम की तरफ चला गया.
मिनी ने अपने कपडे ठीक किये और वापस खिड़की पर चली गयी ताकि देख सके की नए पड़ोसी अब क्या कर रहे हैं.
अब मम्मी और बेटी शायद घर के अन्दर थे और पिता बाहर खड़ा हुआ था. रंगीला बाथरूम से लौट आया और उसने मिनी के गर्दन के पीछे चूमा. मिनी गर्दन के पीछे चूमा जाना बहुत पसंद था. मिनी ने अपनी भरी आवाज में बोला
“मज़ा आया रंगीला. मुझे बहुत अच्छा लगता है जब तुम कहीं भी और कभी भी मेरी लेते हो..”
“ओह यस बेबी…इस शहर का सबसे टॉप माल तो तू है न…”
कहते हुए रंगीला ने मिनी की गांड पर एक हल्की चपत लगाईं.
मिनी हंसने लगी और रंगीला की बाहों में लिपटने लगी और बोली,
“थैंक्स डार्लिंग….मैं टॉप माल हूँ..और तुम्हारी बेटी डॉली? क्या तुम उसे हमारे खेल में जल्दी शामिल करने की सोच रहे हो?”
“पता नहीं बेबी….पर मुझे लगता है इस मामले में किसी तरह की जल्दबाजी ठीक नहीं है”
मिनी को फिर से अपनी गांड में कुछ गढ़ता हुआ सा महसूस हुआ. उसे रंगीला का ये कभी भी तैयार रहने का अंदाज़ बड़ा भाता था. मिनी जब रंगीला से मिली थी तब तक सेक्स के प्रति उसका रुझान कुछ ख़ास नहीं था. पर रंगीला के साथ बिठाये पहले 6 महीने में मिनी एक ऐसी औरत में तब्दील हो गयी जिसे हमेशा सेक्स चाहिए. वो एक दुसरे के लिए एकदम खुली किताब थे. उन्हें एक दुसरे की पसंद, नापसंद, गंदी सेक्सी सोच सब बहुत अच्छी तरह से पता था. वो दोनों बहुत दिन से अपने १८ वर्ष की बेटी को अपने सेक्स के खेल में लाने की सोच रहे थे. जब भी मौका मिलता, वे दोनों इस विषय में चर्चा करना नहीं चूकते थे. मिनी को ये अच्छी तरह से पता था की डॉली का काम तो होना ही है, आज नहीं तो कल …
रंगीला खिड़की से झांकता हुआ बोला,
“अपना नए पडोसी की बॉडी तो एकदम मस्त है और देखने में भी हैण्डसम है. उसे उतार लो शीशे में. किसी दिन जब मैं ऑफिस में हूँ, तुम उसे किसी बहाने से यहाँ बुला कर जम कर चोदना”
मिनी आनंदातिरेक से भर उठी. उसकी एक और कल्पना थी की वो अपने पति रंगीला के अलावा किसी गैर मर्द के साथ यौन सुख का आनंद ले. रंगीला को ये बात पता थी. वो इस बारे में अक्सर बात करते थे. वो सेक्स करने के दौरान गैर मर्द वाला विषय अक्सर ले आते थे. ऐसा करने से इससे उन्हें चुदाई में अतिरिक्त आनंद मिलता था.
मिनी और रंगीला दोनों एक दुसरे के पसंद अच्छी तरह समझते थे. शायद यही उनके खुश वैवाहिक जीवन का राज था.
उनके पडोसी का सामन अब तक अनलोड हो चुका था. वो मूविंग ट्रक के ड्राईवर से कुछ बात कर रहा था. उसने एक पतली टी-शर्ट और टाइट शॉर्ट्स पहन रखे थे. रंगीला ने मिनी के कान के पीछे का हिस्सा चूमते हुए पूछा,
“मिनी, उसके टाइट शॉर्ट्स में उसका सामान देख रही हो? मुझे पक्का पता है कि तुम उसका लौंडा मुंह में लेकर चूस डालोगी न? सोचो न उसका लंड तुम्हारे मुंह में अन्दर बाहर हो रहा है.”
मिनी गहरी साँसे ले कर कुछ बडबडायी. रंगीला ने उसकी स्कर्ट उठा दी और अपना लौंडा उसकी गांड की दरार में रगढ़ने लगा. मिनी आगे झकी और अपने चूतडों को उठाया. रंगीला ने अपना लंड मिनी की चूत के छेद पर भिड़ाया और एक ही झटके में पूरा घुसेड़ दिया. मिनी इस अचानक आक्रमण से सिहर सी उठी. उसकी सीत्कार से पूरा कमरा गूंज उठा.
मिनी बोली,
“यस..रंगीला सार्लिंग…चोदो मुझे…हाँ मुझे पडोसी का लंड बड़ा मजेदार दिख रहा है….मैं किसी दिन जब तुम ऑफिस में होगे …उसे यहाँ बुलाऊंगी …और जम के चुदवाउन्गी…..आह…आह…पेलो….”
जल्दी ही रंगीला मिनी की चूत में झड गया. मिनी को रंगीला से चुदना और साथ में पडोसी को ले कर गंदी गंदी बात सुनने में बड़ा मज़ा आया.
रंगीला ने अपना लंड मिनी की चूत से निकाल लिया और ऊपर शावर लेने चला गया. ऊपर से बोला.
“मिनी, तुम जा कर हेल्लो हाय कर के आ जाओ. और उन्हें शाम को बाद में चाय नाश्ते के लिए इनवाईट लेना”
बाद में, रंगीला जब शावर से निकला, उसने देखा मिनी वहां खडी हो कर कपडे उतार रही थी, नीचे ब्रा नहीं पजानू थी.
“ओह… तुम्हारी ब्रा को क्या हुआ जानेमन?” रंगीला ने पूछा.
“वो मैंने पड़ोसियों से मिलने जाने के पहले उतार ली थी.” मिनी ने आँख मारते हुए बोला.
“ह्म्म्म..तो पड़ोसियों ने तुम्हारे शानदार मम्मे ठीक से ताके की नहीं” रंगीला ने पूछा.
“शायद…. एनी वे, बंसल्स यानी की हमारे नए पडोसी शाम को 6:00 बजे आयेंगे. ओह रंगीला वो बहुत अच्छा आदमी है…अब तुम देखते जाओ..वो जिस तरह से मुझे तक रहा था..मुझे लगता है की मेरा बरसों पुराना सेक्सी सपना पूरा होने वाला है…”
बंसल्स ठीक शाम 6:00 बजे पहुँच गए. सब ने एक दुसरे से परिचय किया. हर आदमी एक दुसरे को टाइट हग कर रहा था. डॉली वहां खड़े हो कर आश्चर्य से इन सब का मिलाप देख रही थी. मिनी को जब जय ने हग किया तो वो इतना टाइट हग था की मिनी उसका मोटा और लम्बा लंड अपने बदन पर गढ़ता हुआ महसूस कर सकती थी. जय ने अपना हाथ मिनी की गांड पर रखा और हलके से मसला. मिनी ने घूम कर इधर उधर देखा – रंगीला सुनीता लगभग उसी हालत में थे. कोमल और डॉली पीछे के दरवाजे से निकल रहे थे. मिनी ने जय से नज़रें मिलाईं और मुस्कराई और फुसफुसाई
“ध्यान से जय…जरा ध्यान से”
इस बात का मतलब था की मेरी गांड से खेलो जरूर पर तब जब कोई देख न रहा हो.
सब लोगों ने ड्राइंग रूम पार कर के पेटियो में प्रवेश किया. मिनी ने वहां सैंडविच, समोसे, चाय वगैरह लगवा रखे थे. रंगीला और मिनी एक दुसरे के देख कर बीच बीच में मुस्करा लेते थे. रंगीला ने ध्यान दिया की उनकी बेटी डॉली एक वहां अकेली लडकी थी जिसने ब्रा पजानू हुई थी.
कोमल हर बहाने से अपने शरीर की नुमाइश कर रही थी. उसे पता था की रंगीला उसे देख देख के मजे ले रहा है.
जय की पत्नी सुनीता काफी खुशनुमा स्वभाव की थी. तब वो झुक कर खाना अपनी प्लेट में डाल रही थी, उसके लो-कट ब्लाउज से उसके मम्मे दिखते थे. रंगीला को यह देख कर बड़ा आनंद आ रहा था. वैसे सुनीता और मिनी दोनों की दिल्ली की लड़कियां थीं. शायद इसी लिए इस मामले में दोनों काफी खुले स्वभाव की थीं.
सब लोग नाश्ता खाते हुए एक दुसरे से बात कर रहे थे. कोमल और डॉली जल्दी से गायब हो गए. शायद वे दोनों डॉली के रूम में बैठ कर कुछ मूवी देख रहे थे. मिनी जय को अन्दर ले कर गयी और उसे दिखाने लगी की उनका इम्पोर्टेड स्टोव कैसे काम करता है. सुनीता रंगीला को देख कर मुस्कुरा रही थी.
“सो ये मोहल्ला मजेदार है की नहीं रंगीला. हम जब गुड़गावां से मूव हो रहे थे, तो वहां के पड़ोसियों को छोड़ने का बड़ा अफ़सोस था हमें. हम उनसे काफी करीब भी आ चुके थे”
सुनीता ने पूछा.
रंगीला मुस्कराने हुए सुनीता के मस्त उठे हुए मम्मे देख रहा था. उसने उसे देखा और जवाब दिया,
“मुझे लगता है आप लोगों के आने से मोहल्ले में नयी रौनक आ जायेगी.”
सुनीता मुस्कराई और बोली,
“ये मुझे एक इनविटेशन जैसा लग रहा है रंगीला. जब हम लोग थोडा सेटल हो जाएँ, तुम और मिनी हमारे साथ एक शाम गुजारना.”
रंगीला बोला,
“ओह उसमें तो बड़ा मज़ा आएगा. हम लोग आपके गुड़गावां के पड़ोसियों वाले खेल भी खेल सकते हैं उस दिन”
“रियली? क्या तुम और मिनी वो वाले खेल खेलना चाहोगे?” सुनीता ने चहकते हुए पूंछा.
सुनीता मनो ये पूँछ रही हो, “अरे रंगीला तो तुम्हें मालूम भी है की हम कौन सा खेल खेल खेलते हैं वहां?”
रंगीला मन ही मन मुस्कराते हुए मना रहा था कि भगवान् करे तुम उसी खेल की बात कर रही हो जिसमें उसे सुनीता की स्कर्ट के अन्दर जाने का मौका मिले.
वह आँख मारते हुए बोला
“सुनीता, अगर तुम सिखाने को तैयार को वो खेल तो हम लोग सीखने में बड़े माहिर हैं
ऐसी गर्म बातें सुनते ही रंगीला का लंड न चाहते हुए भी थोडा टाइट हो गया. सुनीता ने ये बात तुरंत नोटिस की. वो अपने होठों को होठों से चबाते हुए मुस्कराई और रंगीला की तरफ थोडा झुक गयी. उसका बलाउज थोडा खुल सा गया और रंगीला को उसकी गुलाबी और मस्त टाइट चुचियों का मस्त नज़ारा दिख गया. उसने चुचियों का अपनी आँखों से सराहते हुआ कहा,
“हमको लगता था की हमें दोस्ती करने में थोडा वक़्त लगेगा. पर तुम लोगों से मिल कर लगता है की मैं गलत था.”
रंगीला और सुनीता की नज़रें एक दुसरे से मिलीं. रंगीला किसी भी लडकी से इतनी जल्दी नहीं घुला मिला था. दोनों को बहुत अच्छी तरह से पता था की उनके दिमाग में क्या खिचड़ी पाक रही थी. रंगीला सुनीता को जल्दी से जल्दी चोदना चाह रहा था. सुनीता को ये बात बहुत साफ़ दिखाई पड़ रही थी. और सबसे बड़ी बात तो ये थी की रंगीला को सुनीता के स्कीम बड़ी अच्छे तरह से पता थी.
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रंगीला मुस्कराया और बोला,
“मैं हमारे खेल खेलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रजा हूँ.”
“वो तो ठीक है मिस्टर रंगीला, पर तुम्हारी बेगम मिनी का क्या”
सुनीता ने पूछा.
“मुझे लगता है की उसे भी ये खेल पसंद आएगा, हम दोनों ने कुछ करते हुए इस बारे में कई बारे में बात करी है” , रंगीला बोला.
“कुछ करते हुए ..हाँ.. पर क्या करते हुए?” सुनीता ने उसे चिढाया.
“वही जो मैं तुम्हारे साथ करना चाह आहा हूँ.” रंगीला ने अंततः बोल ही डाला. उसने ये मान लिया था की जय को इससे कोई समस्या नहीं है.
सुनीता ने रंगीला के खड़े लंड उसके शॉर्ट्स के अन्दर देखा और एक सिहरन भरते हुए बोला,
“अजीब सी बात है. अभी अभी खाया है पर फिर से कुछ खाने का दिल करने लगा”
रंगीला हंसने लगा और बोला,
“मुझे भी. क्या हमने कुछ और खाने के लिए तुम लोगों के सेटल होने का इंतज़ार करना पड़ेगा?”
“किस बात के लिए रंगीला” सुनीता ने उसे फिर से चिढाते हुए पूछा.
रंगीला को सुनीता का ये चिढाने का अंदाज़ बड़ा भाया. वो बोला
“वही बात जिसमें मुझे तुम्हारे सारे ओपेनिंग्स भरने का मौका मिले.”
“ओह..बात तो ये है की मैं तो बिलकुल तैयार हूँ, अभी के अभी.. पर तुम कल सुबह हमारे यहाँ क्यों नहीं आ जाते…हम मिल कर अपने खेलों की प्रक्टिस जम कर करेंगे …”
“किस वक़्त””
“दस बजे? हमारा दरवाजा खुला छोड़ देंगे. बस आ जाना. और रंगीला साहब…मुझे तुम्हारी ओपेनिंग्स भरने वाला खेल बहुत पसंद…बहुत…”
बाहर अँधेरा होने लगा था. वो दोनों वहां बैठ कर बात कर रहे थे. दोनों खड़े होते और उन्हें हाथ एक दूसरे के शरीर पर चल रहे थे मानों एक दुसरे में कुछ ढूंढ रहे हों. रंगीला के हाथ सुनीता की फिट गांड पर रेंग रहे थे, वो बीच बीच में उसके ब्लाउज में हाथ डाल कर उसके मम्मे मसल लेता. तो कभी पैंटी मन डाल कर उसकी चूत में उंगली डाल देता. सुनीता रंगीला के शॉर्ट्स में हाथ डाले बैठी थी और उसके खड़े लंड को अपने मुलायम हाथों से सहला रही थी. ये सोच कर की कल ये लंड उसकी चूत में होगा उसे एक अजीब सी सिहरन सी हो रही थी.
इसी बीच किसी के आने की आवाज ने उन्हें चौंका दिया और वो दोनों एक दम से अलग दूर हो कर खड़े हो गए थे मानों उनके बीच कुछ हुआ ही न हो.
जय और मिनी वापस आ गए थे. रंगीला ने देखा की मिनी उसकी तरफ देख कर मुस्करा रही थी. शायद वो सोच रही थी की उसके अनुपस्थिति में रंगीला और सुनीता के बीच क्या हुआ होगा. रंगीला भी ये सोच रहा था की जय ने मिनी के साथ क्या क्या किया होगा.
बाद में उस रात जब रंगीला और मिनी बिस्तर पर लेटे, मिनी बड़ी गर्म थी. वो एक मिनट के लिए रंगीला का लंड चूसती, तो दुसरे ही पल रंगीला का मुंह अपनी चूत में भिड़ा के अन्दर खींच देती. फिर अगले ही पल वह रंगीला को नीचे लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गयी और लगी उसे दनादान छोड़ने. मिनी को खुद पता नहीं था की वो चोद चोद कर कितनी बार झडी. जब वो आखिरी बार झडी तो वो रंगीला के ऊपर से जैसे साइड में बिस्तर पर कटे पेड़ की तरह गिर पडी.
“आज की चुदाई बड़ी ही मजेदार है मेरी जान.”
रंगीला थोडा ऊपर खिसका और मिनी की चुचियों से खेलते हुए बोला,
“मुझे लगता है की तुमने आज जय के साथ थोड़ी तो मौज की है पर जब तुम लौटे तो तुम्हारे चेहरे पर एक अजीब सा लुक था. हैं ना?”
मिनी थोड़ी हिचकिचाई उसने अपने हाथों से रंगीला का मुलायम पड़ गया लौंडा पकड़ लिया और उससे तब तक खेला जब तक की वो फिर से खड़ा बहिन हो गया. वो बोली,
“जय मुझे लाइन मार रहा था जोरों से. जब मैं उसे अपना स्टोव दिखा रही थी, वो पीछे खड़ा था. वो अपने हाथ मेरे हाथों के नीचे से ला कर मेरे मम्मे सहलाने लगा. और उसने मेरी गर्दन के पीछे किस भी किया.”
“और तुमने क्या किया बेबी डॉल?”
“पहले तो मैं वह चुपचाप खडी रही. मुझे विश्वाश नहीं हो रहा था की ये सब वास्तव में हो रहा है….. फिर मैं वापस उसकी तरफ घूमी….तुम्हें तो पता ही है की मैं ऐसे समय ब्रा नहीं पहनती ताकि मेरे तगड़े मम्मों की जम के नुमाइश कर सकूं…उसने मेरे मम्मों को देखा..और बोला – मिनी तुम्हारे मम्मे तो लाजवाब हैं.”
“इसके पहले की मैं कुछ कहती वो मेरे दोनों मम्मे मसलने लगा …मैं कुछ बुद्बुदाई..मुझे बड़ा आनंद आ रहा था….उसने मेरा ब्लाउज खोल दिया और मेरे मम्मों को एकदम नंगा कर के मसलने लगा …थोड़ी देर में मैने उसका हाथ हटा दिया और ब्लाउज के बटन लगा दिए.”
“तुम्हारा मन नहीं हुआ की जय को वहीं के वहीं चोद डालो मिनी मेरी जान!”
मिनी रंगीला का लंड को जोर से हिला रही थी. उसने रंगीला की आँखों में ऑंखें डाल के बोला,
“रंगीला, प्लीज बुरा मत मानना पर सच्चाई ये है की मेरा बस चलता तो उसे वहीँ पटक कर चोद देती उसे. अगर तुम दोनों दुसरे कमरे में नहीं होते तो भगवान् न जाने आज मैं क्या कर बैठती”
“ओह, मुझे मालूम है बेबीडॉल की तू क्या करती. तू अपनी टाँगे फैला कर जय का बड़ा और मोटा लौंडा अपनी प्यासी चूत में गपाक से डाल लेती ना? वैसे लगता है अब समय आ गया की हम अपना इतना पुराना सपना पूरा करें… जय और रीता स्वैप करने में पूरी तरह से इंटरेस्टेड हैं..तू क्या बोलती है मेरी जान? ”
मिनी पूरे उन्स्माद में भर चुकी थी. वो रंगीला के ऊपर चढ़ गयी और उसका लौंडा अपनी खुली चूत में भर कर उसे जम के छोड़ने लगी. जैसे वो ऊपर ने नीचे आती उसकी आज़ाद चुन्चिया हवा में उछल जाती थीं. उन दोनों की ये चुदाई बड़ी की स्पेशल थी क्योंकि पहली बार वो अपनी चुदाई में औरों को सामिल करने के काफी करीब थे.
मिनी ने अपनी हस्की आवाज में पूछा,
“क्या तुम पड़ोसियों के साथ ये सब करना चाहोगे? ओह..मुझे तो पहले से पता है की तुम सुनीता को चोदना चाहते हो. मुझे पता है की तुम मेरे अलावा और औरतों को चोदते हो और मुझे इससे कोई समस्या नहीं रहे है. तुमने मुझे हमेशा खुश रखा है…पर पड़ोसियों के साथ का ये सब तुम्हें ठीक रहेगा रंगीला? जय ने मुझे बोल ही रखा है की वो कहीं और मिल कर मेरी लेना चाहता है”
“ओह तो ये बात है बेबी डॉल! लगता है हमारे पडोसी समय बर्बाद करने में बिलकुल विश्वाश नहीं रखते हैं”
रंगीला ने भी मिनी को बताया कि इस दौरान सुनीता और उसके बीच में क्या हुआ. रंगीला मिनी की चूत में अपना लंड उछल उछल कर डालने लगा. मिनी को रंगीला का लौंडा अपनी चूत के अन्दर फूलता हुआ सा लगा. रंगीला धीमे धीमे से छोड़ने लगा और एक पल बाद ही जोर से चोदने लगता. पूरा कमरा चुदाई की मस्की गंध से भर सा गया. मिनी ने झुक कर रंगीला का लंड गपागप अपनी चूत में जाते देखा और रंगीला से पूछा,
“तो तुम मानसिक रूप से उस बात के लिए बिलकुल तैयार हो की जय मुझे छोड़ दे? तुम्हारा सुनीता को चोदना मुझे तो बड़ा अच्छा लगेगा….पर तुम गैर मर्द की मेरे साथ चुदाई देख सकोगे?”
“अगर तुम जय से चुदना चाह रही तो मुझे इससे कोई समस्या नहीं है बेबी डॉल. मेरी तो ये सब करने की वर्षों की तमन्ना थी.”
“ओह शिट रंगीला… मैं तो उस समय के लिए तरस रही हूँ जब जय मेरी ले रहा होगे और तुम मुझे उससे चुदते हुए देख रहे होगे. गैर मर्द से चुदने के विचार से मुझे मजा आने लगता है”
रंगीला ने मिनी को अपने सुनीता के साथ के अनुभव को अब विस्तार में बता रहा था और उसे चोद रहा था. इस समय मिनी को पता चला की उन्हें पड़ोसियों से मिलने अगली सुबह जाना है,
“ओह यस….तुम सुनीता को जोर से चोद देना रंगीला….ओह…आईईई…ई..ई…..मैं गयी रे… ” कहते हुए मिनी झड गयी.
दोनो एक दुसरे की बाहों में लिपट कर नंगे ही सो गए. उन्हें अगले दिन की सुबह का इंतज़ार था. उन्हें पता था की वो सुबह उनके जीवन में कई नए आयाम ले कर आयेगी.
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