शादी में मिली प्यारी भाभी की चूत चोदी | Bhabhi Sex Story
- By : Admin
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मैं आपको अपनी सच्ची इंडियन भाभी Xxx स्टोरी सुना रहा हूँ.
मेरे मामा की लड़की की शादी थी तो हमें वहां जाना था.
घर के सब लोग कार से चले गए थे, सिर्फ मैं अपनी बुलेट बाइक लेकर गया था.
मामा का शहर मेरे घर से करीब सौ किलोमीटर दूर था और मुझे बुलेट से लम्बी ड्राइव करने में मजा आता था.
मैं उधर गया, तो मामा मामी से मिलकर उनके लड़कों के साथ शादी के कामों में लग गया.
शाम के 5 बजे सब खाने की तैयारी करने लगे.
बहुत सारे मेहमान आए थे तो हम सब भाई मिल कर मेहमानों के खाने व ठहरने की व्यस्था करने में लग गए.
कुछ देर बाद मैं अपने दूसरे मामा के घर गया.
वहां देखा तो मेरे दूर के मामा का लड़का रमेश अपनी पत्नी के साथ आया हुआ था.
रमेश और उसकी बीवी मतलब मेरी प्यारी भाभी, मुझे देख कर बड़े खुश हुए.
पहले तो मेरी नजर भाभी पर ऐसी नहीं थी मगर आज उनकी मुस्कान में कुछ ख़ास था तो दिल मचल गया था.
मैं रमेश भाई से मिला.
भाभी से मैं कम बात कर रहा था तो भाभी मेरे शर्मीलेपन का मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद मैं भाई भाभी से मिलकर बाहर निकल गया.
अब मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूं.
मेरी भाभी की उम्र सिर्फ 23 साल है. उनकी शादी को अभी सिर्फ़ छह महीने ही हुए थे.
भाभी का रंग एकदम दूध जैसा सफेद है. उनका फिगर तो सही अंदाजा नहीं था पर वो ना ज्यादा मोटी थीं, ना ही पतली.
उनका चेहरा बहुत खूबसूरत था, एकदम किसी हीरोइन की तरह लगती थीं.
हम गुजरातियों में शादी की अगली रात को डांडिया रास होता है.
खाने के बाद डीजे आ गया था तो सब गरबा खेलने आ गए.
मुझे गरबा खेलने का बहुत शौक है तो मैं कुछ जल्दी ही पंडाल में आ गया था.
कुछ देर बाद सबने गरबा डांस करना चालू कर दिया.
मैं मेरी मौसी की दो लड़कियां और हम सब भाई गरबा खेलने लगे, सबने बहुत इंजॉय किया.
भाभी भी खूब नाची थीं.
वहां मुझे एक लड़की पर बहुत प्यार आ रहा था.
उसका नाम प्रीति था.
हम दोनों एक दूसरे पसंद करने लगे थे.
प्रीति मुझे देखती हुई गरबा खेल रही थी और स्माइल दे रही थी.
मैं उसे बहुत पसंद करने लगा था.
ये बात भाभी देख रही थीं.
रात 3 बजे तक गरबा चलता रहा.
फिर सब सोने जाने लगे.
मैं और मेरी मौसी की दो लड़कियां और 3 भाई हम सब चल दिए.
हमें जाता देख कर भाभी भी हमारे साथ चल दीं.
हम सब घर में आ गए.
मुझे बहुत भूख लगी थी.
मैंने मामी से कहा कि मुझे भूख लगी है.
मामी ने खाना लगा दिया.
मैंने सबको बुलाया.
तभी रमेश भाई ने बोला- तेरी भाभी को भी बुला ले, उसे भी भूख लग आई होगी.
मैंने भाभी से खाना खाने को बोला.
तो भाभी बोलीं- आप खाने बैठो, मैं अभी आती हूं.
हम सबने खाना खा लिया.
मैं अभी भी खा रहा था.
तभी भाभी भी आ गईं और मेरे साथ खाने लगीं.
भाभी ने धीरे से कहा- प्रेम जल्दी से खाना खाकर मत उठ जाना. मेरा साथ देना.
तो मैंने हां में सर हिला दिया.
मैं धीमे धीमे खाना खाने लगा.
तभी भाभी ने धीमे से कुछ कहा, जो मुझे समझ नहीं आया.
मैंने उनसे पूछा भी नहीं.
उन्होंने कहा- क्यों प्रेम, कुछ बोलते नहीं हो क्या?
मैंने उनकी तरफ देखा मगर कुछ कहा नहीं.
भाई ने भाभी का कमेन्ट सुन लिया, उन्होंने कहा- वो बहुत शर्माता है.
भाभी हंसने लगीं और बोलीं- मैं आपकी भाभी हूँ. मुझसे क्या शर्माना?
मैं कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप अपने खाने की प्लेट मोरी पर रखने जा रहा था.
भाभी ने कहा- रुको, मैं रख देती हूँ. तुम जाओ सो जाओ.
भाभी को नहीं पता था कि मैं कितना कमीना हूं. वो तो अभी खुला नहीं था. जिस दिन खुल गया, उस दिन भाभी की खोल कर रख दूँगा.
दूसरे दिन सुबह सब उठे और तैयार होने लगे.
मैं भी तैयार हो गया.
बारात आने ही वाली थी, तो मैंने शेरवानी पहनी.
मुझे कपड़ों का बहुत शौक है.
मैं तैयार होकर नीचे आया.
सब अपने फोन से फोटो ले रहे थे.
मैंने भी अपने फोन में अपनी फोटो ले ली.
भाभी मुझे देख रही थीं और दूर से मुझे इशारे से कह रही थीं कि शानदार लग रहे हो.
कुछ देर बाद बारात आई तो लड़कियां और भाभी मुझे लाइन दे रही थीं.
शाम को सब खत्म हुआ.
बहन की विदाई हो गई, बारात भी चली गई.
तभी मेरी मौसी की लड़की आई और मुझे बाजार चलने को कहा.
मैंने हां बोल दिया.
भाभी और मेरी मौसी की दो लड़कियां भी चलने को तैयार हो गईं.
हम सब कार से बाजार चले गए.
उधर हम सभी ने बाजार से अपने अपने काम खत्म किए और पानी पूरी खाकर वापस आ गए.
शाम को खाना खाकर सब सो गए.
सुबह जल्दी उठ कर तैयार होकर मैं घर के लिए निकल गया और कुछ देर बाद घर पर पहुंच गया.
रास्ते में फोन में मैसेज की टोन बजी.
देखा तो किसी का हाय का मैसेज आया था.
मैंने देखा, तो नम्बर अनजान होने के कारण समझ में नहीं आया कि कौन ने भेजा है.
मैंने पूछा- कौन?
जवाब आया- तुम्हारी भाभी.
मैं- भाभी … नहीं, मैंने अब भी नहीं पहचाना?
भाभी- अरे कल शाम को पानी पूरी खाने गए थे … वो हूँ!
मैं- ओह भाभी आप?
भाभी- हां मैं … घर पहुंच गए?
मैं- हां भाभी, बस अभी आया.
भाभी- कल तुम शेरवानी में बहुत अच्छे लग रहे थे!
मैं- थैंक्स भाभी.
भाभी- वैसे तुम्हें वो लड़की बहुत पसंद थी ना!
मैं डर गया.
मैंने पूछा- कौन सी भाभी?
भाभी- घबराओ मत, मुझे सब पता है. मैं किसी से नहीं कहूँगी. तुम मुझे अपनी फ्रेंड ही समझो.
मैं- हां भाभी, वो लड़की मुझे बहुत पसंद है.
भाभी- मुझे सब मालूम है. उस लड़की को भी तुम बहुत पसंद हो.
मैं बहुत खुश हो गया.
मैंने भाभी को थैंक्स बोला.
भाभी- मुझे मामी ने बताया कि वो लड़की तुम्हें बहुत प्यार से देख रही थी. शायद भाभी मेरी इसी बात से इम्प्रेस हो गई थीं.
फिर मेरी उनसे बातें होने लगीं.
वो मेरे साथ सेक्सी बातें भी करने लगी थीं.
अब हम दोनों अच्छे फ्रेंड बन गए, फोन पर चैट चलने लगी.
रात में भी काफी देर देर तक चैट होती थी.
भाभी का घर मेरे घर से पचास किलोमीटर दूर था.
वो बड़ा शहर था, मेरा उधर आना जाना होता रहता था.
मगर मैं भाभी के घर नहीं जाता था.
भाभी ने एक बार बताया- तुम्हारे भैया ठीक से सेक्स नहीं कर पाते हैं.
ये सुनकर मेरे कान खड़े हो गए.
मुझे समझ में आने लगा कि भाभी चुदवाने मचल रही हैं.
मैंने बोला- आपकी क्या मदद कर सकता हूं?
भाभी ने बोला- मैं टाइम आने पर बोलूँगी. बुलाऊंगी तो आ जाओगे ना!
मैंने कहा- प्रेम नाम है मेरा … कभी नाम को महसूस करके बुलाना भाभी. कसम से जिदगी भर याद रखोगी!
कुछ दिन बाद भाभी का कॉल आया- तुम घर आ जाओ, हम दोनों मजे करेंगे.
मैं खुश हो गया और बाइक लेकर जल्दी से भाभी घर चला गया.
उस दिन रास्ते में कुछ ट्रेफिक ज्यादा था तो मुझे कुछ देर लग गई.
भाभी के घर पहुंचा तो देखा भैया बैठे हुए थे.
भैया बोले- अरे प्रेम, कैसे हो तुम?
मैं- एकदम ठीक हूँ भैया.
भैया ने कहा- आज अचानक यहां कैसे आना हुआ?
मैंने कहा- मैं कपड़े खरीदने आया हूं.
तो भैया ने कहा- अच्छी बात है. तुम सही आ गए. अब एक मेरा काम भी कर दो.
मैंने कहा- हां भैया बताएं.
भैया- तुम्हें घर में कोई काम तो नहीं है ना?
मैंने कहा- अरे भैया, मैं आजकल बिल्कुल फ्री हूँ.
भैया- ये बढ़िया है. दरअसल मैं दो दिन के लिए बाहर जा रहा हूं. तुम अपनी भाभी के पास यहीं रुक जाओगे?
मैंने हां बोल दिया- हां भैया … बस मैं घर पर फोन किए देता हूँ.
भैया ने कहा- वो मैं भी कहे देता हूँ … मिलाओ फ़ोन.
मैंने घर पर फोन लगाया और मम्मी से बात की. भैया ने भी मेरी मम्मी से बात की और उन्हें मेरे रुकने के लिए कह दिया.
थोड़ी देर बाद भैया निकल गए.
भैया के निकलने के थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को पहली बार उस नजर देखा था, जिसके लिए उन्होंने मुझे बुलाया था.
भाभी के चेहरे पर कंटीली मुस्कान थी और वो मेरी तरफ देख कर अपने होंठों पर जीभ फेर रही थीं.
सच में बहुत ही कामुक भाव से भाभी मेरे लंड की मां चोद रही थीं.
मैंने बुदबुदा कर कहा- फट जाएगा.
भाभी हंस कर देखने लगीं और बोलीं- फट जाने दो.
मैंने कहा- फिर फटे फटाए से मजा लोगी क्या?
भाभी कुछ नहीं बोलीं बस मेरी तरफ मादक भाव से देखती रहीं.
अचानक से उन्होंने एक अंगड़ाई ली.
उनके तने हुए दूध देख कर मेरा लंड पैंट में तोप सा खड़ा हो गया.
मैं और भाभी एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे.
उन्होंने अपनी एक उंगली से मुझे करीब आने का इशारा किया.
मैं भाभी की तरफ गया, तो भाभी ने मुझे बांहों में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे में खो गए और चुम्बन करने लगे.
तभी भाभी को अचानक से दरवाजे खुले होने का अहसास हुआ और वो मुझसे अलग होकर दरवाजे बंद करने चली गईं.
फिर मेरे करीब आकर भाभी ने कहा- अभी अभी तुम्हारे भैया घर से निकले हैं. उन्हें कुछ सामान याद न आ जाए और वो वापस घर न आ जाएं. तुम थोड़ी देर रुको. मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ.
मैंने ओके कह दिया और सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा.
भाभी मेरे लिए चाय बनाने के लिए किचन में चली गईं.
कुछ देर बाद भैया का फोन आया कि वो बस में बैठ गए हैं.
उनके फोन आने के बाद से मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने पीछे से जाकर भाभी को पकड़ लिया और उन्हें किस करने लगा, उनके बूब्स दबाने लगा.
भाभी की आह्ह निकल गई.
भाभी- रुको प्रेम.
मैंने बोला- भाभी, अब नहीं रुका जाता.
भाभी मेरी तरफ मुड़ीं और पागलों की तरह किस करने लगीं.
सच में मुझे तो बहुत मजा आ रहा था.
अब मैं भाभी के बूब्स दबाने लगा.
वो मादक आवाजें निकालने लगीं.
मैंने ब्लाउज के बटन खोले तो देखा कि भाभी ने काले रंग की ब्रा पहनी थी.
मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को मम्मों से अलग कर दिया.
आह … क्या मस्त रसीले चूचे थे भाभी के … एकदम भरे हुए और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल.
मैं तो बौरा गया और भाभी के एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.
भाभी भी गर्मा गईं और मस्त आवाजें निकालने लगीं- आह्हह उम्म्म प्रेम … चूसो मेरे बूब्स … आह मैं कब से इस मजे की राह देख रही थी … चूसो मेरे राजा.
मैंने उनके दोनों चूचों के साथ खेलना शुरू कर दिया था और उसी बीच मैंने उनके घाघरे का नाड़ा खोल दिया.
भाभी का घाघरा नीचे गिर गया.
मैं झट से नीचे बैठ गया और उनकी पैंटी को नीचे खींच कर उतार दी.
आह … क्या मस्त कचौड़ी सी फूली हुई चिकनी चूत थी.
मैंने पहली बार ऐसी एकदम गुलाबी चूत देखी थी.
भाभी जब तक मुझे हटातीं, तब तक मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर फेर दी थीं.
‘इस्स आह मर गई … आह प्रेम … क्या कर दिया.’
भाभी की गर्म आह निकली और उन्होंने मेरे बाल पकड़ लिए.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो उन्होंने बेडरूम में चलने का कहा.
मैं उन्हें अपनी गोदी में उठा कर कमरे में ले गया और उनके पलंग पर लिटा दिया.
भाभी जैसे ही चित लेटीं, मैंने उनके पैर चौड़े कर दिए और उनकी रस भरी चूत पर अपनी लपलपाती हुई जीभ लगा दी.
आह … मजा आ गया.
भाभी के मुँह से फिर से लम्बी अहह निकल गई.
मुझे चूत चाटने में मजा आता है तो मैं पागलों की तरह चूत चाटने लगा.
भाभी- आह प्रेम … प्लीज़ ऐसा मत करो.
मगर मैं कहां रुकने वाला था, मैं चाटता जा रहा था.
थोड़ी देर बाद भाभी अकड़ने लगीं और मेरा मुँह चूत पर दबाने लगीं.
वो तेज आवाज करती हुई झड़ गईं.
मैं भाभी की चूत से निकला सारा पानी पी गया.
अब मैंने लंड को चूत के मुँह के पास रखा और लंड का एक झटका मारा, तो आधा लंड घुस गया.
भाभी चिल्ला दीं- आह धीरे प्रेम … दर्द हो रहा है.
थोड़ी देर रुक कर मैं एक और जोर का धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.
भाभी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं.
मैं उन्हें किस करने लगा.
भाभी अब धीरे धीरे गांड उठा रही थीं तो मैंने उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
Xxx इंडियन भाभी को किस करते करते मैं चोदता गया. कभी उनके बूब्स चूसता तो कभी होंठ.
अब भाभी फुल मस्ती में टांगें हवा में उठाए हुए चुद रही थीं और मादक आवाजें निकाल रही थीं.
“अहह उम्मम प्रेम … क्या चोदते हो राजा … आह तुमसे चुदवाने में बड़ा मजा आ रहा है … आह चोदो मेरे राजा और जोर से.”
मैंने स्पीड बढ़ा दी.
ऐसे ही मैंने भाभी को 20 मिनट तक हचक कर चोदा.
अब मैं झड़ने वाला था तो मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.
भाभी पहले ही एक बार झड़ चुकी थीं.
वो मेरे साथ फिर से झड़ गईं.
उसके बाद मैंने भाभी की तीन बार और चुदाई की और नंगा ही सो गया.
दो दिन में मैंने भाभी की चूत का भोसड़ा बना दिया.
वो मुझसे चुदवा कर बेहद खुश थीं.
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