मैंने मल्लू आंटी की चुदाई की- Mallu Aunty Ki Chudai
- By : Admin
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हाई फ्रेंड, मेरा नाम नारंग है और मैं राजस्थान का रहने वाला हु। मैंने आज तक बहुत साड़ी सेक्स वेबसाइट पर बहुत सी सेक्स कहानिया पड़ी है। लेकिन, ये वेबसाइट मेरी पसंदीदा है। इसलिए मैं आज यहाँ पर अपना सेक्स एक्सपीरियंस शेयर कर रहा हु।
ये मेरी रियल स्टोरी है। मुझे शादीशुदा आंटी और भाभी ज्यादा पसंद है और मैं सपने में भी उन्ही की चुदाई करता हु और उनके कामुक बदन की कल्पना करते ही, मेरा लंड फुंकारने लगता है।
वैसे भी आंटी के साथ सेक्स का फायदा ये है, कि उन्हें ज्यादा गाइड करने की जरूरत नहीं होती। वो पहले से ही बहुत एक्सपीरियंस होती है।
सेक्स की पहली क्लास मल्लू आंटी से ली- Mallu Aunty Ki Chudai
लंड की प्यासी मल्लू आंटी के साथ चुदाई- Mallu Aunty Ki Chudai
उन्हें पता होता है, कि कैसे क्या करना है। मेरी भी एक ऐसे ही आंटी थी, बहुत सुंदर और उनका फिगर तो मानो लाजवाब है। मैं जब भी उन्हें देखता था या उनके बारे में सोचता था, मेरा लंड ७ इंच लम्बा हो जाता है। मैं हमेशा ही उनको चोदने के फ़िराक में रहता था।
बहुत बार कोशिश करी, मगर हिम्मत नहीं हो पाती थी। पहले मुझे कुछ मालूम ही नहीं था, मगर जब से मैंने सेक्स कहानी पढनी शुरू की है और उसमे सिद्यूज़ करने की ट्रिक पता चले है, तो मुझे सब समझ आ गया।
मै आंटी को बुरी नज़र से देखने लगा। जब कभी भी वो मेरे सामने आती, तो मैं जानबूझकर अपने लंड को मसलता और जान कर तना हुआ लंड दिखा कर मज़ा लेता। अब शायद आंटी को भी कुछ – कुछ समझ आने लगा था।
मेरी किस्मत तब खुली, जब एकदिन मैंने नोटिस किया, कि आंटी मेरे तने हुए लंड को देख रही है। इससे मुझे समझ आ गया, कि आंटी भी मुझमे इंटरेस्टेड है, बस अब तो मुझे मौके का इंतज़ार था।
एकदिन मैं अपने कॉलेज से अपने घर आ रहा था, कि मुझे मेरी आंटी दिखाई पड़ी। उनका घर भी मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता था। मेरा लंड उन्हें देखते ही खड़ा हो गया। मैंने आंटी को लिफ्ट दी।
वो मेरी बाइक पर बैठ गयी और रास्ते में ब्रेकर के कारण, उनके बूब्स मेरी पीठ पर टकरा रहे थे। इस से मैं और भी ज्यादा उतेजित होने लगा था। मैंने आंटी से कहा, कमर पर हाथ रख लो। जैसे ही उन्होंने मेरी कमर में पीछे से हाथ डाला, मुझे लगा कि मेरी पूरी बॉडी में करंट दौड़ गया हो।
मैंने फिर से ब्रेक लगाया, तो उनका हाथ मेरे तने लंड को छु गया। उन्होंने हाथ वहीँ रखे रखा। अब तो मैं समझ गया था, कि मेरी लाटरी है और हम उनके घर के बाहर पहुच गये।
मैंने आंटी को कहा – अब मैं चलता हु, क्योंकि मुझे लगा, कि उनके घर उनके बच्चे और उनके पति होंगे। मैं जाना तो नहीं चाहता था, पर मज़बूरी थी। तो जाना जरुरी था। तभी आंटी ने कहा – घर नहीं आओगे? मैंने कहा – फिर कभी।
मगर आंटी नहीं मानी और मुझे घर के अन्दर आने के लिए मजबूर किया। मैंने देखा, घर पर कोई नहीं था। मुझे ये देख कर बहुत ख़ुशी हुई और मुझे लगा, कि अब मैं अपनी सेक्सी आंटी के साथ टाइम बिता सकता हु।
आंटी चाय बनाने चली गयी। तभी मैंने देखा, कि उनके अंडरगारमेंट्स सूखने के लिए रस्सी पर टंगे है। मैं झट से वहां गया और सूंघने लगा। बहुत ही मनमोहक खुशबु थी। आंटी ने मुझे देख लिया। मगर कुछ बोला नहीं और मैं चुपचाप चेयर पर आकर बैठ गया।
मैंने सिर उठाकर देखा, तो आंटी की नज़र मेरे तने हुए लंड पर थी। मैंने कुछ साहस दिखाया और उनके पास जाकर बैठ गया और उनसे पूछा – आंटी, क्या देख रही हो? आंटी शर्मा गयी।
मैंने बिना और कुछ बोले या सुने हुए, उनके लिपस पर किस कर लिया। फिर मैंने आंटी से पूछा – क्या आपको मेरा चाहिए? मैंने उनके जवाब का इंतज़ार किये बिना ही, अपनी जीन्स और अंडरवियर उतार दिया।
मेरा ७ इंच का खड़ा लंड उनको सलामी दे रहा था। अब आंटी से भी रहा नहीं गया और वो एक भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी। उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और सीधे मुह में डाल दिया।
मुझे बहुत मज़ा आया और इस एक्स्सित्मेंट में मैं चीख उठा। आंटी ने मेरे लंड को पूरा मुह में ले लिया और फिर उन्होंने मेरी शर्ट उतार दी और मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए। मैं भोचक्का रह गया, उनका फिगर देख कर। मैंने उनके बूब्स अपने हाथ में लिए और जोर – जोर से दबाने लगा और चूसने लगा। मैंने आंटी को थैंक्स बोला।
फिर आंटी लेट गयी और दोनों पेरो को फैला लिया। मुझे न्योता देने लगी। मैं भी तैयार था और मैंने अपना लंड उनकी चूत पर एडजस्ट किया और एक जोर का झटका मारा, तो मेरा आधा लंड उनकी चूत के अन्दर चले गया।
वो बहुत जोर से चिल्लाई। उनके आँखों से आंसू भी आ गये। मैंने कहा – आंटी, बहुत दर्द तो नहीं हो रहा? वो बोली – तेरे लंड को अन्दर लेने के लिए, इतना दर्द तो मुझे मज़ा दे रहा है। ये सुनकर मैंने उन्हें चूम लिया।
उनकी चूत काफी टाइट थी। दो बच्चो के बाद भी, उनकी चूत एकदम फ्रेश लग रही थी। मैंने आंटी से पूछा, आपकी चूत इतनी टाइट कैसे? वो बोली – मेन्टेन करना पड़ता है।
फिर मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा और करीब १५-२० मिनट के बाद, मैं झड़ने के कगार पर था, तो मैंने उनसे पूछा – आंटी, मैं झड़ने वाला हु। कहाँ करू? वो बोली – मेरी चूत के अन्दर। फिर उन्होंने अपनी टाँगे मेरे कमर से लॉक कर ली और मैं उन्हें जोर – जोर से चोदने लगा।
मैंने तक़रीबन ७ -८ स्पर्म के शॉट उनकी चूत के अन्दर छोड़ दिए। मैं थक चूका था। इसलिए उनके ऊपर ही आराम करने लगा। वो मेरी पीठ को सहला रही थी।
२ मिनट बाद, जब मेरा लंड छोटा हो गया और मैं उनकी उनकी चूत से निकालने लगा। तो मुझे आंटी ने रोका और कहा – उसे वहीँ रहने दो। तुम अभी जवान हो। तुम्हारा लंड जल्दी ही लम्बा हो जायेगा। उसके बाद, तुम मुझे और अच्छे से और देर तक चोदना।
मैंने उनका कहना माना और उनको २ बार और चोदा। फिर मैंने उनको कहा, कि आंटी अब मुझे आपकी गांड भी मारनी है। पहले तो उन्होंने मना कर दिया। मगर मेरी उतेजना देखकर वो मान गयी।
मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और फिर अपने लंड को तेल में सरोबार कर लिया। मैंने बहुत सारा तेल उनकी गांड के छेद पर लगा दिया और अब मैंने अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर सेट किया।
आंटी ने मुझे पूछा – दर्द तो नहीं होगा ना।। मैंने कहा – आंटी, मैं बिकुल धीरे से ही डालूँगा। आपको बहुत मज़ा आयेगा। मैंने खूब अच्छे से उनकी गांड मारी और तक़रीबन २ घंटे के बाद, हम सो कर उठे। तो आंटी बहुत खुश लग रही थी।
उन्होंने कहा – अब से तुम्ही मेरे साथ सेक्स करोगे। जब भी सेक्स करने का मन करे, तो मेरे पास आ जाना। मैं तुम्हे तैयार मिलूंगी। फिर मैं वहां से चले गया। आंटी को काफी बार चोदा।
जब भी मैं उतेजित होता, तो डायरेक्ट आंटी के पास चले जाता और वो मेरी प्यास बुझा देती। हम अब तक सारी पोजीशन में सेक्स कर चुके है और हर बार कुछ नया ट्राई करते है।
तो दोस्तों, आप को मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे आप लोगो के कमेंट का इतंजार रहेगा।
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