आंटी के साथ कोटा में सेक्स कोचिंग- Hot Aunty ki Chudai
- By : Admin
- Category : Hot Aunty ki Chudai, Mallu Aunty Ki Chudai
१६-१८ वर्ष की आयु काफ़ी नाज़ुक और नादान होती है। इस आयु मे ग़लतिया होना स्वाभाविवक है। मैं मुकेश दिल्ली के केंद्रीय विद्यालय मे पढ़कर १२ की परीक्षा २००८ मे पास की।
मैं उस वक़्त १७ वर्ष का जिम बॉडी वाला ५ फीट १० इंच लंबा युवा हो गया था। जिम मे पसीना खूब बहाता था , परंतु घर वालो ने मुझे इंजिनियरिंग करने को कहा। एक मध्यमवर्ग के सपने काफ़ी होते है।
मैं भी मध्यमवर्ग से हूँ। आगे इंजिनियरिंग की तैयारी करने की ठान कर दिल्ली से कोटा की यात्रा आरंभ की। निज़ामुद्दीन से कोटा के लिए जनष्ताब्दी गाड़ी है । जो रात्रि में ८।१० बजे कोटा स्टेशन पहुँचा देती है।
आंटी की चुदाई उसके ही घर में- Aunt Fucking Stories
१२।४५ ब्जे ट्रेन आई और मैं सेकेंड क्लास में अपनी सीट पे बैठ गया। कोटा मैं पहली बार जा रहा था। घर वालो को मेरी समझदारी और ताक़त का यकीन था। इसलिए मुझे अकेले जाने दिया। मेरी खिड़की की तरफ वाली सीट थी। मैं सीट पर बैठ कर ट्रेन के चलने की इंतेजार करने लगा।
“बेटा क्या तुम मेरी जगह बैठ सकते हो?”
मैने मूड के देखा तो एक ३८ वर्ष की महिला थी। वो मुझसे खिड़की वाली सीट माँग रही थी। मैं उन्हे माना ना कर सका। और उनकी सीट जो मेरे बगल वाली ही थी पर मैं बैठ गया।
ट्रेन १३।२० बजे प्लॅटफॉर्म से चली , मथुरा आने से पहले वो आंटी ने मुझसे पूछा
बेटा ये कोटा कब तक पहुँचती है?
मैं: ८ बजे सही समय है। अगर लेट ना हुई तो।
आंटी : तुम भी वहीं जा रहे हो?
मैं: हाँ आंटी जी
आंटी : कोचिंग कर रहे हो?
मैं: जी आंटी बस दाखिला लेने जा रहा हूँ।
आंटी : अच्छा बेटा।
फिर आंटी कुछ सोचने लग गयी। लग रहा था वो कुछ परेशान थी। खैर मैने स्टेशन आने पे कुछ चिप्स के पैकेट और कोक ली। मैने आंटी को कहा की चिप्स खा ले। उन्होने मेरी तरफ देखा और चिप्स निकाल के पूछा बेटा तुम्हारा नाम क्या है।
मैं: मुकेश
आंटी : पहली बार कोटा जा रहे हो?
मैं: जी आंटी जी
आंटी जी अब मुझसे मेरे परिवार के बारे मे पूछा और मैने भी उनके बारे में पूछा । उनका नाम सुशीला था। वो दिल्ली में एक कंपनी में क्लर्क थी और कोटा में उन्हे अच्छी नौकरी के लिए बुलावा आया था।
बाते करते भरतपुर भी पार हो गया। आंटी ने सूट पहना था। उनका शरीर बार बार मुझसे छू जा रहा था। आंटी ने बताया की उनका तलाक़ हो चुका है, और अब उनका एकलौता लड़का १६ साल का हो चुका था और वो भी कोटा में पढ़ाई करता था।
आंटी के उरोज ३६ इंच के थे, और देखने मे उनका फिगर ३६-३२-३८ था। उनका नितंब काफ़ी बड़ा था। इसलिए बार बार मेरे से छू जाता था।
आंटी को बुरा नही लग रहा था क्योकि सीट ज़्यादा बड़ी नही थी जो उनके नितंब को संभाल सके। बीच मे हॅंड रेस्ट को भी उठा दिया था ताकि नितंब को आराम मिले
मेरा भी ध्यान रह रह कर आंटी जी के नितंब पे और बड़ी चुचियो पर जा रहा था। मेरे मासूम लंड में जवानी की तरंगे उठनी शुरू हो गयी।
शाम के ७ बज गये थे। अंधेरा होने लगा था। अचानक गंगापुर सिटी के पास ट्रेन रोक दी गयी। गंगापुर सिटी के पास किसानो ने आंदोलन किया था।
९ बजे तक ट्रेन वहीं रुकी रही। अब कोटा ११ बजे आने वाला था। लोग परेशन हो रहे थे। पर ट्रेन चलते ही सब ने चैन की सांस ली। आंटी ने अपने बेटे को कॉल किया
हेलो मम्मी नमस्ते ( लड़का)
बेटा ११बज जाएँगे आने मे।
मम्मी होस्टेल से पर्मिशन नही मिलेगी ( लड़का)
बेटा मैं कोटा पहुँच के बात करती हूँ ( आंटी)
आंटी से मैने पूछा तो उन्होने बताया की होस्टेल वाले ८ बजे के बाद किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नही देते। अब रात भर उन्हे स्टेशन पे बिताना होगा।
तभी मेरे दिमाग़ मे एक विचार आया की अगर मैं आंटी के साथ होटल में रुक जाउ तो दोनो का पैसा भी कम लगेगा और आराम भी हो जाएगा।
क्या सोच रहे हो बेटा ? आंटी ने मुझे सोचते देख पूछ लिया।
आंटी होटल मे रुके? डबल बेड रूम लेके?
ठीक है बेटा कोटा तो आए। पर होटल मे रूम केसे बुक करोगे?
आंटी वो इंटरनेट से, अभी कर देता हूँ ( मैं)
मेने तुरंत होटल के नंबर निकले और बात की। और एक डबल बेड की जगह एक सिंगल बेड रूम बुक करा दिया।
और आंटी से कहा बुकिंग कर दी है।
११ बजे ट्रेन कोटा पहुँच गयी।
मेने आंटी की समान उठाने मे मदद की। हम स्टेशन से बाहर निकले और पास के होटल जिसमे बुकिंग थी चल दिए। मुझे यकीन नही हो रहा था की मैं एक सेक्सी आंटी के साथ एक रहूँगा। और आंटी के चेहरे पे भी अनकही खुशी थी।
होटल के बुकिंग काउंटर पे मेने अपना नाम बताया और आंटी को अपना रिश्तेदार। रूम की चाभी ली और चल दिया। छोटा पर सॉफ होटल था। रूम मे एक बेड देख आंटी गुस्सा हो गयी। बोली २ बेड क्यू नही बुक कराए। मेने कहा बस यही एक रूम है। आंटी ने दरवाज़ा बंद किया और मुझसे बोली की नहाने जा रही है।
थोड़ी देर बाद आंटी ने आवाज़ लगाई। बेटा टॉवेल ले आना। बेग में अंदर है। मैने आंटी का बेग खोला तो उसमे मुझे कामसूत्र कॉन्डोम , सेक्सी पेंटी , डिल्डो , क्रीम और सेक्स की गोलिया मिली। साथ ही एक डायरी जिसमे काफ़ी सेठो के नंबर थे, मैं समझ गया था की आंटी रंडी है।
तभी आंटी की दुबारा आवाज़ आई। मैं टॉवेल लेके गया तो आंटी ने बाथरूम का दरवाजा पूरा खोल दिया। आंटी पूरी तरह नंगी थी। बालो ने चुचियो को ढकने की नाकाम कोशिश की थी। और योनि साबुन से छिपी हुई थी।
लाल रंग का तराशा गया बदन , होंठो की लालिमा , तीखे नयन , बड़े आकर के नितंब , लग रहा था की कोई परी नंग होके धरती पे आ गयी है।
मे थोड़ी देर तक बस देखता रहा उस खूबसूरती को। तभी आंटी ने कहा कभी किसी औरत को नंगा नही देखा?।
मैने कहा नही। इतनी खूबसूरत कभी नही। अचानक मैं होश में आ गया। आंटी को टॉवेल दी। और जाने लगा। तभी आंटी ने रोक दिया।। आगे क्या हुआ अगले पार्ट मे पढ़े।
No Comments