तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा का चुदाई अखाड़ा- Group Sex Stories
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उन दिनों मैं बहुत बुरे फेज़ से गुज़र रहा था मेरी गर्ल फ्रेंड तृप्ति ने मुझे बिना कोई रीज़न दिए डंप कर दिया और फिर बात भी करनी बंद कर दी थी, इस ट्रॉमा के दो कारण थे और वो ये कि एक तो हम दोनों शादी करने वाले थे और दुसरे वो इतना अच्छा सेक्स करती थी कि उसे भुलाना नामुमकिन था।
ऐसे में एक दिन मुझे उसकी बेस्ट फ्रेंड प्रियंका का फोन आया, वो नर्सिंग की स्टूडेंट थी और उसे इंटर्नशिप के लिए मेरी मदद चाहिए थी क्यूंकि मेरे क्लाइंट्स में हॉस्पिटल्स भी थे।
मैंने उसे दो तीन क्लाइंट्स के मेल आई डी दे दिए और फिर बात नहीं की, एक दिन उसका मेसेज आया “थैंक यू” तो पलट के मैंने भी लिख दिया “इट्स ओके”। मेरे रूड होने का कोई कारण नहीं था पर मैं तृप्ति के साथ जुड़ी किसी चीज़ से कोई रिलेशन नहीं रखना चाहता था, और ये तो उसकी बेस्ट फ्रेंड थी।
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पता नहीं क्यूँ प्रियंका मुझे आए दिन मेसेज करने लगी और कुछ दिन तक इन्ग्नोर करने के बाद मैंने भी रेगुलर रिप्लाई देना शुरू कर दिया। प्रियंका ने एक दिन मुझे शराब पी कर कॉल कर दिया, हालाँकि पी तो मैंने भी रखी थी लेकिन मैं फिर भी होश में था और उसने उसी हालत में मुझे कहा “मैं तुम्हे बतौंगी कि तृप्ति ने तुम्हे क्यूँ छोड़ा” और फिर उसने फ़ोन काट दिया।
अगले दिन मैंने प्रियंका को दो तीन फ़ोन किए पर उसने नहीं उठाया और दोपहर बाद ही उसका फ़ोन आया, मैंने उस से पूछा “तुम क्या बताना चाहती थी” तो उसने कहा “मुझे याद नहीं” फिर जब मैंने याद दिलाया तो बोली “हाँ वो सब मैं अब तुम्हे ज़रूर बतौंगी, कल सन्डे है तो कल मिल लेना”।
मैं उस दिन देर रात टाक दारू पी कर यही सोचता रहा कि ये ऐसा क्या जानती होगी, यही सोचते सोचते मुझे नींद आगई। अगले दिन मैं सुबह लेट उठा लेकिन फटाफट तैयार हो कर प्रियंका के रूम पर पहुँचा, जहाँ वो मेरा इंतज़ार कर ही रही थी। उसने बहुत अच्छी ड्रेस पहनी थी और वहां उसकी एक रूम मेट भी थी जिसका नाम विनीता था।
मैंने प्रियंका से पूछा “बताओ क्या बात थी” तो उसने कहा “बताती हूँ ऐसी भी क्या जल्दी है, मैगी बनायीं है खाओगे” मैंने हाँ में सर हिला दिया तो प्रियंका की रूममेट विनीता प्लेट में मैगी लगा कर ले आई। हमने मैगी खाई और मुझे सिगरेट पीने की तलब हुई तो मैं बालकनी में जाने लगा लेकिन प्रियंका ने मुझे कहा “सिगरेट यहीं पी सकते हो मैं भी पी लूंगी”।
हम दोनों सिगरेट पीने लगे और विनीता भी अपने रूम में जा कर सिगरेट पीती हुई किताबों में सर खपाने लगी, विनीता केमिस्ट्री में पी एच डी कर रही थी सो वो हमें अकेला छोड़ कर पढने में बिजी हो गई।
प्रियंका ने मुझे बताना शुरू किया कि किस तरह तृप्ति मेरे फोन को इग्नोर करती थी, बिजी नहीं होने के बावजूद मुझे बेवक़ूफ़ बना कर बाद में किसी और लौंडे के साथ घूमती फिरती थी।
प्रियंका की बातें सच भी लग रहीं थी और झूठ भी क्यूंकि मैं तृप्ति को अब भी कहीं ना कहीं बहुत चाहता था और उसके खिलाफ कुछ भी सुनना मुझे पसंद नहीं था, प्रियंका ने तृप्ति की हर वो बात बताई जो उसने मेरे साथ रहते हुए ग़लत की थी। जैसे की एक साथ दो दो बॉय फ्रेंड रखना,
मुझे बीमारी का बहाना दे कर दुसरे लौंडों के साथ पार्टियां करना और जो बात मुझे सबसे ज्यादा हर्ट कर गई थी वो ये कि तृप्ति सिर्फ मेरा यूज़ कर रही थी क्यूंकि उसे अपने कंपनी के लिए क्लाइंट्स चाहिए थे वो साली कभी भी मुझसे शादी नहीं करना चाहती थी।
मैं इन बातों को ले कर ख़ासा हर्ट हुआ था और बस वहां से निकलना चाहता था लेकिन प्रियंका के कहने पर वहीँ रुक गया क्यूंकि उस ने बेड के नीचे से वोडका की बोतल निकाल ली थी और शराब को छोड़ कर जाना मेरी तो शान के खिलाफ रहा है।
प्रियंका और मैंने दो दो नीट शॉट्स लगाए और प्रियंका ने चुन चुन के तृप्ति की बेवाफयियों के गुणगान शुरू कर दिए, मैंने कहा “देख यार वो जो है वो है लेकिन अब उसके बारे में और कुछ मत बोल” प्रियंका ने कहा “बोलूँगी हज़ार बार बोलूँगी,
साली को जब मैंने कहा था “प्लीज़ इसके साथ ऐसा मत कर अगर तुझे नहीं करनी तो मैं शादी कर लेती हूँ, अच्छा आदमी है तो बोली थी कि मैं यूज़ कर के छोड़ दूँ तब रख लेना मेरे इस सेनेटरी पैड को”।
बस ये सुनते ही मैंने वोडका की बोतल उठाई और गटागट खींच गया और बोला “हाँ मैं हूँ सेनेटरी पैड, ले उसका यूज़ किया हुआ तू भी यूज़ कर ले” तो प्रियंका ने मेरे खींच के थप्पड़ लगा दिया और बोली “तुम जानते ही नहीं तुम्हारी कद्र क्या है” और फिर मुझे गले लगा लिया।
मुझे लगा था कि शायद इसके साथ मुझे सच्चा प्यार मिलेगा, लेकिन अगले ही पल मुझे प्रियंका ने बताया कि उसकी अब सगाई हो चुकी है और वो अब इस प्यार व्यार के रस्ते पर नहीं जाएगी। मेरे टूटे हुए दिल पर और थोड़ी वोडका डाल कर मैंने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन वो तो और भड़क गयी थी।
मैंने प्रियंका को टाइट हग किया और पागलों की तरह चूमने लगा, उसने भी मुझे जगह जगह चूमना शुरू कर दिया और उस एक्साइटमेंट की हीट में उसने मेरे टी शर्ट को फाड़ दिया और मेरे सीने को चूमने और काटने लगी, मैंने हवास के उस जोश में जोर से कहा “तृप्ति तुम मुझे पागल कर देती हो” तो प्रियंका ने मुझे एक थप्पड़ और मार कर कहा “अभी भी उस रंडी को भुला नहीं तू” और रोने लगी।
मैंने उसे चुप करने की कोशिश की तो वो मुझसे दूर जाने लगी मैंने उसे ज़बरदस्ती अपने पास खींचा और कहा “देख प्रियंका उसका नशा उतरने में वक़्त तो लगेगा ही ना” तो प्रियंका बोली “आज मैं तुझे ऐसा नशा चढ़ाऊँगी जो न सिर्फ उसका नशा उतरेगा बल्कि ऐसा नया नशा चढ़ेगा जो कभी नहीं उतरेगा”।
प्रियंका ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और उसका काटना चूमना अब तक जारी था, मैं भी उसे जगह जगह चूम और काट रहा था साथ ही उसके चूचे भी मसल रहा था। उसका भरा हुआ बदन और उसके बड़े बड़े चूचे उसकी जवानी में एक्स्ट्रा एलिमेंट थे लेकिन उसका चूमना मुझे भारी पड़ रहा था क्यूंकि उस से मेरी उत्तेजना और बढ़ रही थी,
प्रियंका ने मेरी जीन्स उतारी और मेरी जाँघों पर चूमने लगी मेरे आंड और लंड भी मसलते हुए चूम रही थी। मैंने कहा “देख मेरा जल्दी छूट जाएगा ऐसे करेगी तो” उसने जवाब दिया “कोई बात नहीं घर की खेती है फिर खड़ी कर लेंगे” ये कह कर वो मेरे लंड को मसलते हुए चूसने लगी और हिला हिला कर चूसने से मेरा लंड शर्मनाक स्थिति में झड़ गया जिसे देख कर वो मुस्कुराई और बोली “चोदते टाइम जल्दी मत झड़ना मैं बहुत भूखी हूँ”।
मैं शर्मसार हुआ पड़ा था और वो अब भी मेरे लटके हुए लंड से खेल रही थी, मेरा लंड उसके चाटने और चूमने से तुरंत ही वापस खड़ा हो गया और प्रियंका ने खड़े हो कर अपनी चूत मेरे मुंह पर टिका कर कहा “इसे चाट और आज इसकी अच्छे से सेवा कर, तृप्ति से ज्यादा तिर्प्त कर देगी ये तेरे लंड को”।
तृप्ति का नाम सुनकर मेरा गुस्सा बढ़ गया मैं वोडका का एक बड़ा घूँट भरा और प्रियंका की नर्म गुदगुदी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत में से एक स्मेल आरही थी जो पहले पहले तो बुरी लगी लेकिन फिर मुझे उस स्मेल की आदत पड गई और मैं उसे जमकर चाटने और चूसने लगा।
उसकी चूत के फड्को को चूसते हुए मुझे याद आया कि तृप्ति की चूत चाटने में कैसा मज़ा आता था क्यूंकि उसकी चूत हमेशा खुशबु से भरी होती थी और एक भी झांट नहीं बिलकुल साफ़, पर यहाँ माजरा दूसरा था और फिर भी मैं मज़े ले रहा था और वो चटवाते हुए मज़े ले भी रही थी और दे भी रही थी।
प्रियंका की सिस्कारियों की आवाज़ इतनी जोर की हुई कि उसकी रूममेट विनीता भी वहीँ आगई, जिसे देख कर एक बार तो प्रियंका ठिठक कर रुक गई लेकिन फिर उसे भी इशारे से बुला लिया। मैंने देखा की प्रियंका भी अपनी टी शर्ट कैपरी उतार कर प्रियंका के पास आगई और उसने भी अपनी चूत मेरे मुंह पर टिका दी,
मैं एक साथ दो दो चूतें चाट रहा था और वहां प्रियंका और विनीता एक दुसरे को चूमते हुए एक दुसरे के चुचे मसल रही थीं। एक बारगी तो मुझे लगा की आज तो गुरु अपन फंस गए लेकिन फिर मैंने चेलेंजिंग सिचुएशन को ओपोर्चुनिटी बना लिया।
मैंने हौले से थोडा ऊपर खिसका और मैंने पविनीता के चुचे सहलाने शुरू किया तो प्रियंका ने जेलस हो कर मेरा हाथ अपने चुचों पर रख दिया जिसके जवाब में विनीता मेरे लंड पर मुंह लगाकर उसे चूसने और चूमने लगी।
प्रियंका और विनीता को ऐसे दो बिल्ली और बंदर के खेल में उलझा कर मैं एक तरफ तो उनकी जेलेसी के मज़े ले रहा था साथ ही मैं उन दोनों की जवानी को बढ़ बढ़ के एक्सप्लोर कर रहा था, विनीता मेरा लंड चूस रही थी तो प्रियंका ने मेरे होंठों पर कब्ज़ा कर लिया और उन्हें चूमने लगी।
विनीता ने अब लंड को अच्छे से खड़ा कर के उसे अपनी चूत में पेल लिया और ये देख कर प्रियंका ने कहा “मैंने इसे इतनी मेहनत से खड़ा किया और तू इसके मज़े लेगी अब” तो विनीता ने कहा “तू इधर आ ना मेरी जान मैं तुझे मज़े देती हूँ” इसके बाद प्रियंका की चूत विनीता के मुंह पर और विनीता की चूत मेरे लंड पर बिजी हो गए।
थोड़ी देर बाद प्रियंका और विनीता ने अपनी अपनी जगहें बदल लीं, अब प्रियंका की गरमा गरम चूत में मेरा लंड फंसा था और विनीता को अपने मुंह से सेटिस्फाई कर रही थी प्रियंका।
ये किसी रोलर कोस्टर राइड की तरह था और मैं इस में ससम्मान आमंत्रित था, प्रियंका और विनीता ने आँखों ही आँखों में एक डील की और दोनों घोड़ी बन कर मेरे लंड कर इंतज़ार करने लगी तो मैंने भी तुरंत अपनी पोजीशन बदली और कभी विनीता की चूत में तो कभी प्रियंका की चूत में अपनी लंड कर प्रकोप धाने लगा।
शय पहले प्रियंका ने जो मेरा लंड चूसा था उसी के पुन्य प्रताप से मेरा लंड झड़ ही नहीं रहा था और मैं बराबर दोनों की चूत में अपने लंड का कहर बरपा रहा था।
अब मेरा लंड विनीता की चूत को धकाधक्क छड़ो रहा था और मेरी ऊँगली प्रियंका की चूत में आग लगा रही थी, प्रियंका ने चिल्लाकर कहा “मेरी चूत ने क्या बिगाड़ा जो इसमें सिर्फ ऊँगली डाली जल्दी से लंड लगा दे नहीं तो आंड फ्राई कर के खा जाऊँगी तेरे”।
मैं थोडा घबराया लेकिन सिचुएशन अंडर कंट्रोल करने के लिए मैंने प्रियंका को धमाधम धक्के के साथ चोदा और वो झड़ गई विनीता ने उसके झड़ते ही अपनी चूत आगे कर दी तो उसे मना कैसे करता अब मैंने विनीता की ग़दर जवानी को पीसना शुरू किया तो मिनट भर में ही वो भी झड़ गई लेकिन अपना जवान तो अब तक खड़ा था इसलिए मैंने थकी हुई प्रियंका की गांड पर थूक लगा कर उसकी गांड में लंड पेल दिया।
विनीता ने प्रियंका की चीख सुनी तो वो भी उठ गई और प्रियंका का मुंह दबा दिया, प्रियंका ने इस से पहले शायद गांड नहीं मरवाई थी तो उसकी चीखें लगातार निकल रहीं थी और मैंने उसकी गांड मार मार के उसकी गांड में से खून निकाल दिया।
प्रियंका बोलने लगी “प्लीज़ छोड़ दे अब गली नहीं दूंगी” तो मैंने कहा “आज तो तेरी गांड में मेरे आंड भी डाल दूंगा और तेरी गांड का गुडगाँव बना के ही मानूंगा”।
ये सुन कर विनीता ने मुझे पीछे खींच और बोली “मारनी है तो एक्सपीरियंस वाली गांड मार न इस पर तो ज़ुल्म मत कर” मैंने कहा “तू साली इसकी वकालत कर रही है तो आज तेरी ही गांड में घुलाम अली का कॉन्सर्ट करवाऊंगा” ये कह कर मैंने अपना खून सना लंड प्रियंका की गांड में से बाहर निकाल कर उसी के टॉप से पौंछा और उसे विनीता की गांड में पेल दिया।
विनीता की गांड का छेद वाकई बड़ा था और वो काफी खेली खाई लग रही थी, प्रियंका अधमरी पड़ी थी लेकिन अब भी अपनी चूत सहलाती हुई बोल रही थी “हाँ इसकी गांड मार इसे तो अपने आधे गाँव का लंड खाने का एक्सपीरियंस है”
और यहाँ विनीता ने उफ़ तक भी नहीं निकाली वो तो बस अपने चुचे मसलती हुई बोली “मेरे नौ भाइयों और दो बह्नोयियों ने मुझे चोद चोद कर जवान किया है तेरे लंड का ज़रा भी असर नहीं होगा”।
मैंने गुस्से में और तेज़ धक्के लगाये और वहीँ झड़ गया, मेरा लंड झड़ते देख प्रियंका दौड़ी और एक दो पिचकारियों को अपने मुंह में कैच कर के पी गई। फिर उन दोनों ने बाथरूम में ले जा कर मेरे साथ अपने अपना सामान धोये और एक बार फिर मेरा लंड चूस के मुझे धन्य किया।
हम तीनों ने कुल डेढ़ दिन तक अलग अलग स्टाइल्स में बेशुमार चुदाई की और एक दुसरे को तृप्त किया, जैसे की प्रियंका ने कहा था अब मैं वाकई तृप्ति को भूल गया था और अक्सर उसे और विनीता को चोदने उनके रूम पर जाने लगा।
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