दो बदन एक जान- Girls Ass Fucking
- By : Admin
- Category : First Time Sex, Fuck in Relationships, Fuck Stories, Girlfriend ki Chudai, Girls Ass Fucking, Real Sex Story, Virgin Girl, XXX Story
घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी और मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी आन पड़ी थी। पापा ही घर में काम आने वाले थे और उनकी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी थी इसलिए उनके इलाज में काफी ज्यादा खर्चा लग चुका था जिससे कि घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी।
मैंने भी अपने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और मैं भी अब नौकरी की तलाश में इधर उधर भटकने लगा था। मुझे एक नौकरी मिली उसमें मेरी महीने की तनख्वाह 15000 थी, मैं सोचने लगा कि मैं अब पूरी मेहनत कर के अपने परिवार का भरण पोषण करूंगा।
मैंने पूरी मेहनत की लेकिन पापा के देहांत के बाद सब कुछ बिखरता चला गया। पापा के देहांत के बाद मेरे ऊपर ही घर की और भी ज्यादा जिम्मेदारी आन पड़ी थी और मेरी बहन महिमा की शादी की जिम्मेदारी भी मेरे कंधों पर ही थी।
उसकी उम्र भी निकलती जा रही थी वह भी उम्र के 27 वर्ष में पहुंच चुकी थी सब लोगों को इस बात की काफी चिंता सताने लगी थी।
मां भी अक्सर मुझे इस बारे में कहती कि गौरव बेटा महिमा की शादी अब हम लोगों को करवा देनी चाहिए लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए परंतु मैंने भी किसी प्रकार से महिमा की शादी करवा दी।
हालांकि उसके लिये मैंने अपने दोस्तों से पैसे लिए थे और मुझे वह पैसे लौटाने भी थे। थोड़े बहुत पैसे मैं लौटाता जा रहा था और अब मैं काफी ज्यादा परेशान भी रहने लगा था मेरी परेशानी का कारण सिर्फ यही था कि मैं अपनी जिंदगी में कुछ अच्छे से कर नहीं पा रहा था।
मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी और अब मेरी छोटी बहन की कॉलेज की पढ़ाई का खर्चा भी मुझे ही देना पड़ रहा था जिससे कि मैं काफी ज्यादा परेशान होने लगा था।
मेरी जिंदगी में सिर्फ दुख ही दुख था। एक दिन हमारे ऑफिस में एक लड़की ने ज्वाइन किया उसका नाम सुहानी है सुहानी से पहले तो मेरी इतनी बातचीत नहीं थी पहले सिर्फ हम लोग काम को लेकर ही बातें किया करते थे लेकिन धीरे-धीरे हम लोग एक दूसरे से बात करने लगे।
जब हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे तो मैं अब सुहानी को समझने लगा था और वह भी मुझे समझने लगी थी। शायद यही वजह थी कि सुहानी को मैं पसंद करने लगा था और सुहानी भी कहीं ना कहीं मुझे पसंद करने लगी थी लेकिन हम दोनों ने अब तक यह बात किसी को भी नहीं बताई थी।
ना तो मैंने सुहानी से इस बारे में कुछ कहा और ना हीं सुहानी ने मुझे इस बारे में कुछ कहा था हम दोनों के दिल में ही यह बात थी। मैं चाहता था कि सुहानी को मै इस बारे में बता दूं लेकिन मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं सुहानी को इस बारे में बता पाता परंतु मुझे अब हिम्मत तो दिखानी ही थी और मैंने सुहानी से इस बारे में बात की।
एक दिन दोपहर के वक्त हम दोनों लंच कर रहे थे उस दिन मैंने सुहानी को अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने सुहानी को अपने दिल की बात कही तो उसे भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और उसने तुरंत ही मेरे प्रपोज को स्वीकार कर लिया।
हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे लेकिन मेरे साथ सबसे बड़ी परेशानी यह थी की मैं अपनी आर्थिक परेशानी से जूझ रहा था यह बात सुहानी को अच्छे से मालूम थी। उसके बाद सुहानी ने भी मेरी काफी मदद की और जब भी मुझे पैसों की आवश्यकता होती तो सुहानी मेरी मदद कर दिया करती।
मुझे काफी अच्छा लगता जब सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ होते हैं और हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताया करते लेकिन किस्मत को शायद यह मंजूर नहीं था और सुहानी और मुझे अलग होना पड़ रहा था। इसके पीछे की वजह यह थी कि सुहानी के परिवार वाले मुझे कभी पसंद करते ही नहीं थे।
जब मैं सुहानी की फैमिली से मिला तो उन लोगों ने मेरे और सुहानी के रिश्ते को साफ तौर पर ठुकरा दिया और कहा कि तुम सुहानी को खुश नही रख पाओगे। मैं सुहानी की जिंदगी से दूर जाना चाहता था लेकिन मैं सुहानी से दूर नहीं हो पा रहा था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए।
सुहानी ने भी मुझे समझाने की कोशिश की सुहानी अपने परिवार के खिलाकर जाकर मुझसे शादी नहीं कर सकती थी। मैंने सुहानी को कहा कि सुहानी मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह पाऊंगा। सुहानी ने मुझे कहा कि गौरव मुझे मालूम है तुम मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाओगे और मेरे लिए भी इज बहुत ही मुश्किल की घड़ी है लेकिन तुम तो जानते ही हो कि मेरी फैमिली तुम्हारे साथ कभी भी मेरी शादी नहीं करवायेगी और मेरे पास भी कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
सुहानी के परिवार वालों ने सुहानी की सगाई करवा दी थी मैं इस बात से और भी ज्यादा परेशान हो चुका था लेकिन सुहानी ने मेरा साथ नहीं छोड़ा था वह हमेशा ही मेरी मदद करती जब भी मुझे उसकी जरूरत होती तो वह हमेशा मेरे साथ खड़ी रहती।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, ऐसी स्थिति में मैं कुछ भी नहीं पा रहा था और मैं इस बात को अच्छे से समझ चुका था कि सुहानी मेरी जिंदगी से दूर जा चुकी है और सुहानी मेरी जिंदगी में कभी भी लौट कर नहीं आएगी।
Office की कुंवारी लड़की की कीमत वसूल चुदाई | Hindi Sex Kahani
सविता भाभी जैसी भाभी को कल रात बहाने से बुलाया और पूरी रात चोदा
सुहानी की शादी का कार्ड जब मेरे हाथ में आया तो मैं बहुत ज्यादा टूट चुका था और सुहानी ने उसके बाद ऑफिस भी छोड़ दिया था तो उससे मेरी ज्यादा बात भी नहीं हो पाती थी।
मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था मैं अंदर ही अंदर टूटता जा रहा था मेरे पास और कोई भी रास्ता नहीं था मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए मैं मानसिक रूप से काफी ज्यादा तनाव में आने लगा था।
सुहानी चाहती थी मैं उससे मिलू। एक दिन सुहानी ने मुझे मिलने के लिए अपने घर पर बुला लिया। मैं भी चोरी छुपे सुहानी को मिलने के लिए उसके घर पर चला गया।
मैं सुहानी को देखकर अपने आपको रोक नहीं पाया मैं उससे काफी दिनों बाद मिल रहा था मैंने सुहानी को कहा देखो सुहानी मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकता हूं और मैं तुम्हारे बिना अपने आपको अधूरा महसूस कर रहा हूं।
सुहानी ने मुझे कहा गौरव मुझे मालूम है मैं भी तुम्हारे बिना एक पल नहीं रह सकती हूं लेकिन मेरे पास अब शादी करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। मैंने सुहानी को गले लगा लिया सुहानी मेरी बाहों में थी और मुझे सुहानी को अपनी बाहों में लेकर काफी अच्छा लग रहा था। सुहानी ने मेरे होठों को चूम लिया।
जब वह मेरे होठों को चूमने लगी तो मैं सब कुछ भूल कर उसके होठों को चूम रहा था और मैंने अपने हाथ को उसके स्तन पर लगाया। मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया तो वह गर्म होने लगी और मेरे अंदर की गर्मी भी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मैं अब अपने आपको रोक ना सका और सुहानी के कपड़ों को खोलने लगा था।
मैने जब उसकी ब्रा को उतार कर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो वह मचलने लगी। मै उसके स्तनों को चूसने लगा मैं उसके स्तनो का रसपान करता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और उसे भी बड़ा अच्छा लगता।
मैं उसके निप्पलो को चूसे जा रहा था और वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी सुहानी मुझे कहने लगी मुझसे अब रहा नहीं जाएगा। मैंने सुहानी की पैंटी को नीचे उतार कर उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
मेरी चुदाई की दास्तान कार में चुदाई
पाएल की चूत का पायल बजायी
मैं उसकी चूत को अपनी उंगलियों से सहला रहा था मैं अपनी उंगली को उसकी चूत पर फेर रहा था तो उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी चूत के अंदर अपनी उंगली डालने की कोशिश कर रहा था।
वह मुझे अपनी योनि में उंगली डालने नहीं दे रही थी लेकिन जब उसने मेरे लंड को देखा तो वह भी अपने आपको रोक ना सकी और हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा लेने के लिए तैयार हो चुके थे।
मैंने अपने लंड को सुहानी की योनि के ऊपर रगडना शुरू किया तो मेरे लंड से भी पानी निकलना शुरू हो चुका था और सुहानी की योनि से अब पानी बाहर की तरफ आने लगा था। मैं पूरी तरीके से तड़पने लगा था और सुहानी की चूत गर्म होने लगी।
मैंने सुहानी की चूत पर अपनी उंगली को सटाया तो उसकी चूत इतनी ज्यादा गीली हो चुकी थी कि वह एक पल के लिए भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया। उसकी योनि में मेरा लंड जाते ही सुहानी की चूत से खून की पिचकारी बाहर निकलने लगी और सुहानी गरम हो गई।
वह एक पल के लिए भी रह नहीं पा रही थी और मैं भी अब रह नहीं पा रहा था। मैंने सुहानी से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। सुहानी कहने लगी मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी है।
मैं देखा सुहानी की चूत से गर्म पानी बाहर की तरफ को निकलता जा रहा है जिससे कि मेरी गर्मी और लगातार बढ़ती जा रही है। सुहानी की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिलाकर उसको तेजी से चोदना शुरू कर दिया था।
जब मैं उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी और मुझे कहती तुम मुझे और तेजी से चोदो। मैंने उसे बहुत ज्यादा तेजी से चोदना शरू कर दिया था।
मैं जिस प्रकार से उसे चोद रहा था उससे वह पूरी तरीके से मजे में आने लगी और मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगा। सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रही थे।
सारी रात पड़ोस की दोनों बहनों को एक साथ चोदा | Padosan Ki Chudai
मुन्नी हुई मेरे लंड की शौक़ीन- Desi Chudai
मैंने सुहानी की चूत से निकलती हुई गर्मी को इतना ज्यादा बढ़ा दिया था कि वह मुझे कहती मुझे और तेजी से चोदो। उसने अपने पैरों के बीच में मुझे जकडना शुरू किया उसकी योनि से पानी बाहर निकल चुका था।
जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपने माल को गिराया तो वह बहुत खुश हो गई और मुझे कहने लगी आज मजा आ गया। सुहानी की शादी हो चुकी थी लेकिन सुहानी और मेरे बीच अब भी प्यार है।
सुहानी मेरे साथ आज भी अच्छे से रहती है जैसे कि पहले रहा करती थी। मैं काफी खुश हूं कि सुहानी और मैं साथ में सेक्स करते हैं।
No Comments