हिंदी कहानी सर्च करके अन्तर्वासना स्टोरी मिली फिर चूत मिली
- By : Admin
- Category : Antarvasna Sex Story, Desi Chudai, Hindi Sex Story, Real Sex Story
मैं गाँव में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। उन दिनों मैंने नया नया इंटरनेट सीखा था, मैं इन्टरनेट पर hindikahani.co.in सर्च किया करता था, तभी मुझे अन्तर्वासना स्टोरी मिली थी.
यहीं मेरे गांव में ठीक मेरे घर के बगल वाले घर में एक लड़की रहती थी, उसका नाम लवली था और वो मेरे साथ स्कूल में पढ़ती थी। मैं उसे तभी से चाहता था। वैसे वो मुझे फ्रेंड ही मानती थी, पर मैं उसे दिल ही दिल में बहुत चाहता था। हम लोग बचपन से ही साथ-साथ कई तरह के खेल खेलते रहे थे, जैसे कभी कबड्डी, कभी कुश्ती।
उसी बहाने मैं उसके मम्मों को छू लिया करता था। वैसे उस समय उसके चूचे थोड़े छोटे थे.. मगर छूने पर काफी अच्छे लगते थे।
मुझे सेक्स का ज्यादा पता नहीं था मगर मैं सेक्स के बारे में जानना चाहता था तो मैंने नेट कनेक्शन लिया और उस पर हिंदी सेक्स.कॉम सर्च कर रहा था कि तब मुझे अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स की साईट मिली. यहाँ से मैंने काफी कुछ सीखा.
अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली सेक्स स्टोरी है। यह कहानी 4 साल पहले शुरू हुई थी, तब मैं एग्जाम की तैयारी कर रहा था. मैं और लवली इकट्ठे बैठ कर पढ़ते थे.
एक दिन लवली के घर पर कोई नहीं था। सारे लोग किसी रिलेटिव के शादी में गए हुए थे और एग्जाम नजदीक थे, लवली नहीं गई थी। इस दौरान मैं उसके घर पर पढ़ने जाता ही था।
उस दिन पढ़ते-पढ़ते काफी रात हो गई थी.. वो चाय बनाने चली गई।
मेरे मन में ख्याल आया कि आज अकेले में उसके चूचे दबाने को किसी तरह मिल जाएं तो मजा आ जाए। फिर अचानक से मेरे दिल में ये ख्याल पक्का हुआ और मैं किचन की तरफ आ गया।
मैंने लवली से बोला- तुम तो हमेशा मेरे से हर खेल में हार जाती हो, कभी हमसे जीतोगी भी या नहीं?
वो बोली- वो तो मैं हमेशा इसीलिए हार जाती हूँ क्योंकि मेरे जीतने से तेरी इज्जत चली जाएगी।
फिर मैं बोला- चलो आज ये बात भूल कर जीत कर दिखाओ।
बोली- ठीक है.. चलो कुश्ती लड़ते हैं।
मैं भी बोला- ठीक है आ जा।
फिर हम लोग बेडरूम में आए और हाथ में हाथ डाल कर लड़ने लगे। फिर धीरे-धीरे मैंने दांव लगा कर उसके मम्मों को पकड़ लिया और दबाने लगा। मुझे मजा आने लगा तो अब मैं अनजाना सा शो करके कभी उसके चूचे और कभी गांड पकड़ कर उसे गिराने लगा।
एक बार तो दांव ऐसा लगा कि मैं उसके शरीर पर पूरा चढ़ गया और उसके पेट की तरफ से टॉप में हाथ करने लगा।
तभी वो कुछ समझ गई और बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ भी तो नहीं।
वो बोली- मैं सब समझ रही हूँ.. तुम मेरे दूध दबा रहे थे।
फिर मैं बोला- वो तो गलती से दब गया था।
‘अच्छा.. तो कोई बात नहीं..’ वो बोली।
‘तुम्हें अच्छा लगा?’ मैं बोला।
तो बोली- हाँ कुछ अलग सा होने तो लगा था।
फिर मैं बोला- मुझे तुम्हारे दूध देखना है।
वो बोली- पर तुम किसी को बोलोगे तो नहीं?
मैंने बोला- नहीं बोलूंगा।
वो मुस्कुरा कर मेरे करीब आ गई।
फिर मैंने उसका टॉप उतारा, वो उस समय ब्रा नहीं पहनती थी। उसके छोटे-छोटे चूचे काफी टाइट थे। मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे मुँह में भर कर चूसने लगा।
वो गनगना गई और मेरा लंड मेरी हाफ पेंट में खड़ा हो गया।
वो बोली- तेरा ये बड़ा कैसे हो गया?
मैं बोला- तुम्हारे दूध देख कर।
वो मेरी पेंट नीचे खिसका कर उसे देखने लगी।
फिर मैंने उसे बताया कि इसी से बच्चा होता है, मैंने उसे लंड के बारे में और बहुत सी बातें बताईं।
वो भी मजा लेने के मूड में आ गई तो मैंने उसका स्कर्ट उतारा और देखा कि वो लाल कलर की छोटी सी पेंटी पहनी हुई थी। मैंने उसे भी उतार दिया।
और कहानी पढ़ें
- Group Sex Stories
- Hindi Desi Chudai
- Hindi Sex Story
- Honeymoon
- Hot Aunty ki Chudai
- Hot Bhabhi ki Chudai
- Incest Sex Story
- Indian Housewife
- Mami ki Chudai ki Kahani
- Miss Teacher
- Most Popular Sex Stories
फिर मैंने उसकी चूत को देखा.. उस पर अभी छोटे-छोटे से ही बाल आए थे। मैं धीरे-धीरे उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा। उसकी मदभरी सीत्कार निकलने लगी। वो थोड़ी-थोड़ी कामुक आहें भी भरने लगी थी।
इसके बाद मैंने उसकी चुत पर धीरे से अपना लंड फेरा और लंड से उसकी चुत को सहलाने लगा, वो आहें भरती रही। काफी देर तक मैं ऐसे ही करता रहा, फिर चुत चिकनी हो गई तो मैं धीरे से उसकी चूत में लंड को डालने लगा। लंड का सुपारा चुत की फांकों में फंसते ही वो छटपटा सी गई और रोने लगी।
मैंने उसे चुप कराया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसना शुरू कर दिया। इसी के साथ मैं लंड को भी चुत के अन्दर ठेलने लगा। वो अन्दर ही अन्दर रो रही थी और उसकी चूत से थोड़ा सा खून आने लगा था। उसकी आँखों से आंसू गिर रहे थे लेकिन कुछ देर लंड अन्दर-बाहर करने के बाद उसे भी मजा आने लगा था।
दस मिनट बाद मैंने उसकी चूत और मम्मों पर अपना मुठ निकाल दिया।
फिर हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे.. इसके बाद हम लोग बाथरूम में जाकर साथ में नहाये और काफी देर तक फिर से उसके पूरे बदन को और मम्मों को खूब रगड़ा और चूसा।
इसमें फिर से गर्मी बढ़ गई तो एक बार फिर से मैंने चूत मारी और उस रात को हम लोग नंगे ही सो गए।
फिर बाद में मैंने उसकी गांड भी मारी.. इसमें भी उसकी काफी चिल्ल-पों हुई लेकिन लंड ने अपनी मनमानी कर ही ली।
जैसा कि मैंने ऊपर भी लिखा था कि अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, मुझे उम्मीद है आपको पसंद आई होगी।
यह 12वीं क्लास की कहानी थी, अब मैं फिर से 4 साल बाद बीटेक कंपलीट करके वापस घर जा रहा हूँ। घर पहुँच कर फिर से उसको चोद कर अगली सेक्स स्टोरी लिखता हूँ। आप कमेंट्स कर सकते हैं।
मेरी सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए धन्यवाद।
No Comments