टेलर ने ब्लाउज के साथ मेरी चुत भी फाड़ दी | Tailor Sang Hindi Sex Chudai
- By : Admin
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मेरा नाम अंशिका है. मेरी शादी हुए पांच साल हो गए हैं. मेरा एक चार साल का बेटा है. मेरा रंग गोरा है, शादी के इतने साल बाद भी मेरे बदन की कसावट बहुत कालिताना है. खरबूजे के समान स्तन, सांचे में ढला बदन, तीखे नाक नक्श. हम किराये के घर में रहते हैं. मकान मालिक का परिवार भी इसी घर में रहता है. हमें घर की ऊपरी मंजिल मिली है. वो लोग नीचे रहते हैं.
मेरे मोहल्ले के कई मर्द मुझे वासना भरी नगाहों से घूरते रहते हैं. हर आदमी जो मुझसे मिलता है, वो वासना भरी नजरों से मेरे स्तनों को जरूर देखता है.
मेरे पति एक कम्पनी में काम करते है. उनके कम्पनी में अक्सर पार्टियां होती रहती हैं. पर मैं पार्टियों में जाना पसंद नहीं करती हूँ. उनके सीनियर मुझ पर गलत नजर रखते हैं और दारू के नशे में अक्सर कुछ न कुछ गलत बोल ही जाते हैं.
ऐसे ही एक बार उनके एक सीनियर ने उनसे नशे में पूछ लिया था- मिस्टर मिस्त्री … आपका प्रमोशन हुए कितना टाईम हो गया है? मेरे पति बोले कि बहुत टाईम हो गया सर. सीनियर ने कहा- तुम्हें प्रमोशन चाहिए कि नहीं?
ये बोले- हां चाहिए है सर.
सीनियर ने कहा कि तो एक काम कर, अभी ग्यारह बजे हैं. मैं होटल के कमरे में ऊपर जा रहा हूं. आधे घन्टे बाद अपनी बीवी को मेरे कमरे में पहुंचा देना और सुबह आठ बजे आकर उसे ले जाना. कल दस बजे तेरी टेबल पर प्रमोशन लेटर होगा. ये बोले तो कुछ नहीं, पर उस घटना के बाद से उन्होंने मुझे किसी भी पार्टी में जाने के लिए फोर्स नहीं किया.
फिर एक दिन अचानक मेरे पति बोले- बीना, दस दिन बाद एक पार्टी है, शायद मेरा प्रमोशन हो सकता है. तुम्हें चलना ही पड़ेगा और वो भी जरा बन ठन कर. मैं चाहता हूं कि तुम थोड़ी ज्यादा सेक्सी दिखो.
मैंने उनकी बात मान ली क्योंकि मेरे पति उस दिन बहुत खुश लग रहे थे. मगर मुझे अभी भी ये समझ नहीं आ रहा था कि पति ने प्रोमशन के लिए पार्टी है इसका क्या मतलब है? क्या वो मुझे किसी के साथ लिटाना चाहते थे. मगर मेरे पति मेरी इज्जत को लेकर इतने अधिक सम्वेदनशील हैं कि मुझे अपनी ही सोच पर चिढ़ आने लगी.
सब तैयारी करके मैंने एक साड़ी चुन कर उन्हें दिखाई, तो वो बोले- साड़ी तो ठीक है, पर ब्लाउज थोड़ा मार्डन होना चाहिए.
इन्होने तो ये बोल दिया, पर मैंने न ही कभी मार्डन टाईप ब्लाउज पहना था और न ही मेरे पास ऐसे ब्लाउज थे.
तो मैंने अपनी एक फ्रेंड से सलाह ली. मेरी फ्रेंड ने मुझे एक लेडीज टेलर का नाम बताया और मुझे वहां जाने को कहा. साथ में उसने ये भी जोड़ दिया कि वो आजकल औरतों में बहुत फेमस है.
उसकी ये बात मुझे समझ में नहीं आई और न मैंने इस पर कोई ध्यान दिया.
अगले दिन जब मेरे हसबेंड आफिस चले गए और मेरा बेटा नानी के घर. तब मैं साड़ी और ब्लाउज पीस लेकर टेलर के दुकान को चल दी.
उस समय सुबह के दस बज रहे थे, जब मैं टेलर के दुकान पहुंची. बाहर बोर्ड लगा था ‘राज टेलर्स’
मैं दुकान के अन्दर चली गई. दुकान बहुत ही बड़ी थी और एसी की ठंडी हवा आ रही थी.
काउंटर पर दो जवान लड़के खड़े थे. मैंने उनसे कहा- मुझको राज साहब से मिलना है.
एक ने मुझसे काम पूछा, तो मैंने बताया कि मुझे एक मार्डन ब्लाउज सिलवाना है.
उसने मुझसे पूछा कि इस शॉप का पता आपको किसने दिया है?
मैंने अपनी फ्रेंड का नाम बता दिया.
अगले ही पल उसका रूखा सा रवैया एकदम से बहुत ही नम्र हो गया. उसने मुझे सोफे पर बैठाया, मुझे पानी और गिलास में कोल्डड्रिंक लाकर दी.
उसने कहा- अंकल अन्दर काम कर रहे हैं. मैं उन्हें बुला कर लाता हूँ.
मैं बैठ कर कोल्डड्रिंक पीने लगी और वो भागता हुआ अन्दर चला गया.
लगभग पांच मिनट के बाद एक हैन्डसम नौजवान काउंटर पर आया और सामान रख कर मुझे बुलाया.
उसने मुझसे आने का कारण पूछा, तो मैंने उसे बता दिया. उसने मुझसे ब्लाउज पीस मांगा और मुझे एक एलबम दे दिया. एलबम में कई डिजाईन के ब्लाउज थे, जिनकी कारीगरी बेमिसाल थी.
पन्ने पलटते पलटते एक डीप गले की पीठ पर डोरी वाली ब्लाउज पर मेरी नजर रूक गई. मुझे डिजाईन अच्छा लगा.
उसने भी देखा और कहा- मैडम जैसे आपके स्तनों की कसावट है, उस पर ये बहुत जंचेगा.
उसके इस तरह के कमेन्ट पर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा, पर फिर लगा कि ये तो टेलर्स की सामान्य सी भाषा है.
उसने कहा- मैडम, आएं … पहले नाप ले लेते हैं.
ये कह कर वो इंची टेप लेकर मेरे पास आ गया.
मैं अचानक ही कह उठी- कोई लड़की नहीं है नाप लेने के लिए?
वो हंसा और बोला- हैं … दो हैं … पर आज छुट्टी पर हैं. वैसे भी आजकल ये आम है कि लड़के भी औरतों का सही नाप ले लेते हैं.
मुझे अपने ही सवाल पर शर्म आ रही थी. खैर … वो नाप लेने लगा. बीच बीच में वो मेरे स्तनों को पकड़ कर उठा देता, जिससे ठीक नाप ले सके.
उसकी इस हरकत से मेरे अन्दर कुछ कुछ सनसनी होने लगी थी मगर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. मैं खुद भी ये शो नहीं करना चाहती थी कि मुझे सनसनी हो रही है.
उसके नाप लेने के बाद मैं उससे जरा दूर खड़ी हो गई.
उसने कहा- मेरे पास पहले से इस डिजाईन के बने हुए ब्लाउज हैं. आप उनमें से एक ट्राई करके देख लीजिए, फिर बताईएगा. वैसे आपकी साईज क्या है?
मैंने शरमाते हुए कहा- बत्तीस.
उसने कहा- ओके … मैंने नापा तो था पर एक बार आपसे पूछना इसलिए ठीक लगा कि आप कौन से नम्बर की ब्रा पहनती हैं, उससे ब्लाउज का नाप समझ में आ जाएगा. आप बैठिये, मैं एक मिनट में हाजिर होता हूं.
उसकी भाषा इतनी अधिक खुली हुई थी कि मुझे तो शर्म सी आने लगी थी. मगर ये उसका पेशेवराना अंदाज समझ कर मैं चुप बनी रही.
वो अन्दर कमरे में चला गया … और दो तीन मिनट में वो एक वैसा ही ब्लाउज लेकर वापस आ गया.
उसने मुझे ब्लाउज दिया और एक दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहा- मैडम, आप उस रूम में ट्राई कर लीजिए.
मैं रूम की तरफ बढ़ी, तो उसने मुझे रोका और कहा- मैडम ब्लाउज को बिना ब्रा के ट्राई कीजिएगा … नहीं तो साईज और फिटिंग का अंदाजा नहीं हो पाता है. और हां अभी अभी मैंने रूम का फर्श धोया है.
मुझे समझ नहीं आया कि अभी अभी रूम का फर्श धोया है, इसका क्या मतलब हुआ.
मैंने सर हिला दिया और ट्रायल रूम में घुस गई. मैंने साड़ी उतारी, तो पाया कि वहां हैगर ही नहीं था.
मैंने सर बाहर निकाला और एक लड़के को आवाज दी. मैंने उसे बताया कि हैंगर नहीं है.
उसने कहा कि आज सुबह ही कारपेन्टर हैंगर निकाल कर बनाने के लिए ले गया है.
मैंने बुदबुदाते हुए कहा- अजीब मुसीबत है, फर्श भी गीला है.
उस लड़के ने एक पल सोचा, फिर बोला- मैडम एक काम कीजिए … आप अपने कपड़े मुझे दे दीजिए, मैं सामने वाली अलमारी में रख देता हूं. आपको जब चाहिए होंगे, तो आवाज दे दीजिएगा, मैं वापस ला दूंगा.
वो ये सब इतनी मासूमियत से बोला कि मैंने उसे दो मिनट रूकने को कहा.
मैंने ब्लाउज ब्रा उतारे तो न जाने कुछ सोच कर साड़ी भी उसे दे दी. साड़ी नीचे गिरने से गीली हो सकती थी इसलिए मैंने उसे दे दी थी.
वो भी बिना कुछ बोले चला गया.
अब मैंने ब्लाउज पहना, पर तभी एक दिक्कत समझ आई कि अपनी पीठ पर डोरी कैसे बांधू.
थोड़ी देर सोचने के बाद मैंने बाहर झांका. बाहर दोनों लड़के नहीं थे, पर राज खड़ा था.
वो मेरे पास आया और उसने पूछा- कोई परेशानी?
मैंने उसे बताया, तो उसने दरवाजे को धक्का दिया और अन्दर आ गया.
मैं सिर्फ पेटीकोट में थी और ऊपर सिर्फ वो डोरी वाला अधखुला ब्लाउज था.
वो मुझे देखते हुए बोला कि लाइए मैं बांध देता हूँ.
मैं थोड़ा सकुचाई, पर फिर भी उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई. उसने एक एक करके डोरी बांधना शुरू की, तीन डोरी में अंदाजा हो गया कि ये ब्लाउज थोड़ा टाईट है.
उसे भी अंदाजा हो गया, तो उसने डोरी खोलना शुरू किया और बोला- मैडम लगता है, ये छोटा है, मैं इससे बड़ा साईज लेकर आता हूं.
मेरे कुछ बोलने से पहले ही उसने मेरी बांहों से खुद ही ब्लाउज निकाला और बाहर निकल गया.
ब्लाउज उतरा तो मैं ऊपर से नंगी हो गई थी. उसने भी इतनी जल्दी ब्लाउज उतारा था कि मुझे अपने स्तनों को छुपाने का मौका भी नहीं मिला. मैं कुछ कहती, पर तब तक वो बाहर जा चुका था.
मैंने झट से अपने स्तनों को बांहों से छुपा लिया.
थोड़ी देर बाद वो वापस आया और उसके हाथ में एक नया ब्लाउज था. उसने मुझे दरवाजे के बाहर से ही आवाज दी और मुझे ब्लाउज पकड़ा कर बाहर से ही चला गया.
मैंने ब्लाउज पहन लिया और उसे आवाज लगाई. वो अन्दर आया और मेरे ब्लाउज की डोरियों को बांधने लगा.
अब तक मैं उसके प्रोफेशनलिज्म की कायल हो गई थी. उसने गांठ बांध दी और मुझे बांहें उठाने को कहा.
मैंने बांहें उठा दीं और वो गौर से फिटिंग देखने लगा और कहा- ये साइज़ सही है … यही फिट आएगी. मैं इसी साईज में सिल देता हूं.
मैंने सर हिलाया और कहा- मेरे कपड़े वापस ला दो.
उसने सर हिलाया और बाहर चला गया. दो मिनट बाद वापस आया और बोला- मैडम एक प्रॉब्लम हो गई है, मेरे एक नौकर दिनेश, जिसने आपके कपड़े अलमारी में रखे थे. वो खाना खाने घर चला गया है. गलती से अलमारी का चाबी साथ ले गया है.
ये सुनकर मैं परेशान हो उठी- कब तक आ जाएगा?
उसने लाचारी भरे चेहरे से कहा- कभी आधे घन्टे में भी आ जाता है, तो कभी एक घन्टे में.
मैंने कहा- तब तक ऐसे ही बैठूं क्या?
उसने कहा- मजबूरी है, आप एक काम कीजिए, अन्दर वाले कमरे में चलिए, वहां कोई नहीं आता.
मैंने सोचा कि कोई आ जाएगा, तो फालतू में जिल्लत हो जाएगी. इससे अच्छा है अन्दर ही बैठ जाऊं.
ये सोच कर मैं उसके साथ अन्दर वाले कमरे में चली गई.
अन्दर एक टेबल रखी थी और एक सोफा. मैं सोफे पर बैठ गई. वहां वो शायद काम करता था. सारे सामान यहां वहां बिखरे पड़े थे.
मैं सिर्फ एक ब्लाउज और पेटीकोट में उसके सामने बैठ गई. थोड़ी देर ऐसे ही बैठने के बाद उसने मेरी तरफ देखा.
मैंने भी उसे देखा तो उसने कहा- मैडम इस टाईप के ब्लाउज बनवाने की कोई खास वजह है?
अब तक मैं उसकी तरफ से एकदम से बेफिक्र हो गई थी. मुझे उससे बात करने में मजा भी आने लगा था.
मैंने उसे सब बता दिया, तो उसने कहा- सिर्फ ब्लाउज पहनने से आप सेक्सी नहीं दिखेंगी.
मैंने उसका मतलब पूछा, तो उसने कहा- जैसा कि आप देख रही हैं कि ये ब्लाउज बिना बांह का है … और मैं देख रहा हूं कि आप अपनी बगलों के बाल सिर्फ काटती हैं, शेव नहीं करती हैं. ये ब्लाउज के आपकी रौनक बिगाड़ देगा … फिर आप पेटीकोट भी बहुत ऊँचा बांधती है. आपको नाभि के नीचे बांधना चाहिए. आप खड़े हो जाइए, मैं बताता हूं.
उसने इतनी गम्भीरता से ये सब कहा था कि मुझे उसकी बात मानने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई.
मैं खड़ी हो गई तो उसने मुझे पेटीकोट नीचे सरकाने को कहा, मैं उसके प्रोफेशनलिज्म की पहले ही कायल हो चुकी थी, सो पेटीकोट नीचे सरकाती गई.
आखिरकार वो नाभि से कुछ इंच नीचे तक चला गया.
उसने कहा- अब ठीक है.
मैंने भी खुद को आईने में निहारा और मुझे ठीक लगा.
उसने कहा- अब बगल के बाल की बात.
मैंने उससे साफ़ कहा- मुझे शेव करने से काफी प्रॉब्लम होती है, मेरी चमड़ी छिल जाती है.
उसने कहा- मैडम ये काम इम्पोर्टेड सैट से करना चाहिए. मैं आपको दिखाता हूँ.
वो गया और अलमारी से एक शेविंग सैट निकाल लाया और उसने वो सैट मुझे दिखाया. मैंने सब सामान देखा और काफी अच्छा लगा.
उसने कहा- इस किट से शेविंग करना चाहिए, चलिए मैं आपको एक डैमो दिखाता हूं. आपकी एक बगल शेव कर देता हूं.
उसकी बात सुनकर मैं एकदम से हड़बड़ा गई. मैंने कहा- नहीं नहीं … रहने हो, मुझे दे दो, मैं खुद कर लूंगी.
उसने कहा- अरे मैडम ये इम्पोर्टेड सैट है और एक एक्सपर्ट को ही इस्तेमाल करना चाहिए.
मैंने कहा- रहने दो, मैं ऐसे ही ठीक हूं.
मगर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे टेबल की तरफ ले जाने लगा और कहा- आप हमारी खास ग्राहक हैं, ये सर्विस हमारे तरफ से फ्री है. आप फालतू में डर रही हैं. आप अपनी उन फ्रेंड से पूछ सकती हैं, मैंने उनको भी ये सर्विस दी है.
मुझ पर उसके व्यक्तितव का न जाने कैसा असर हो गया था कि मैं मना न कर सकी और टेबल तक चली गई.
उसने मुझे टेबल पर लेटने को कहा और मैं टेबल पर मंत्रमुग्ध सी लेट गई.
उसने सामान एक बगल रखा और कहा- मैडम एक प्रॉब्लम है, ये ब्लाउज किसी और के ऑर्डर का है, ये खराब हो जाएगा. आप इसे उतार दीजिए और ये तौलिया डाल लीजिए.
उसने मुझे एक तौलिया दिया और बाहर चला गया. मैंने धीरे से ब्लाउज उतार कर साईड में रख दिया और तौलिये से स्तनों को ढक कर लेट गई.
थोड़ी देर बाद वो जग में पानी लेकर आ गया. उसने मुझे बांहें ऊपर करने को कहा और मेरी बगल में शेविंग क्रीम लगाने लगा.
मुझे एक मर्द के हाथों से अपनी बगलों में क्रीम लगवाने से मस्ती सी चढ़नी लगी. वो बड़ी नफासत से मेरी बगलों में क्रीम लगा रहा था. उसकी हरकत से ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये बंदा मेरी चुदाई करने की तैयारी कर रहा है. मैं बस उसके साथ अपनी बगलों में होती सनसनी का मजा लेने लगी.
पूरी तरह से क्रीम लगने के बाद उसने एक रेजर लिया और शेविंग करना शुरू कर दिया. धीरे धीरे उसने दोनों बगलों को बड़े आराम से शेव कर दिया.
फिर पानी से धोकर बोला- मैडम, महसूस करके देखिए.
मैंने हथेली से अपनी बगल को छूकर देखा, तो बहुत चिकनी महसूस हुई. मैं उसके काम से प्रभावित हो गई थी.
अचानक उसने मेरी नाभि के पास देखा और मुस्कुरा दिया.
मैंने उत्सुकता में पूछा कि क्या हुआ?
उसने कहा- मैडम आप नाभि के पास भी शेव नहीं करती हैं. पर आप जब साड़ी पहनेगी, तो ये अगल से दिखेगा. आप कहें तो आपको सच में सेक्सी बना देता हूँ. पहली बार ये फ्री है, अगली बार से चार्ज लगेगा. मैं आपको परी बना सकता हूँ.
मैंने अन्दर ही अन्दर मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है.
उसने अपने नौकर को आवाज दी- मुकेश पानी लेकर आओ.
एक मिनट बाद उसका नौकर पानी लेकर आ गया और टेबल पर पानी रख दिया.
उसने कहा- मालिक मैं जाऊं?
राज बोला- नहीं, तुम रूको और काम सीखो, भविष्य में तुम्हें ही सम्भालना है.
वो रूक गया और बगल में खड़ा हो गया. राज ने मेरी नाभि के नीचे के बालों पर ब्रश से क्रीम लगाई और शेव करने लगा. पूरी शेव करने के बाद मैंने उस हिस्से को भी छुआ और फर्क महसूस किया.
राज बहुत पास आकर नाभि के पास देखने लगा.
मैंने पूछा- क्या देख रहे हो?
उसने कहा- आपके यहां से बाल नीचे की तरफ जा रहे हैं. नाड़े के कारण बन नहीं रहा है.
इतना कह कर उसने अचानक ही मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोला और एक झटके से पेटीकोट नीचे सरका दिया. पेटीकोट मेरी टांगों से होता हुआ निकल गया. मैंने पैंटी नहीं पहनी थी, तो मैं हड़बड़ी में उसका हाथ पकड़ने की कोशिश करने लगी.
पर देर हो गई थी. पेटीकोट कहां गया, पता ही नहीं चला. उसे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने एक झटके से मेरे स्तनों पर पड़े गमछे से मेरे चूत को ढक दिया.
मुझे तो समझ नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है. मैं सन्न सी पड़ी थी बस.
थोड़ी देर में उसने कहा- मैडम आप लेटी रहिए, यहां कोई नहीं आएगा. मैं आपका पूरा मेकअप कर देता हूं.
मैंने कुछ नहीं कहा.
उसने मेरे पैरों से गमछे को घुटनों के ऊपर चूत तक सरकाया और ऊपर से मेरी चूत तक सरकाया. अब गमछा मेरे लिए बस चड्डी के बराबर रह गया था. इसके अलावा मेरे बदन पर एक कपड़ा भी नहीं था. मैं पशोपेश में थी.
जब उसने कहा- मैडम आप पैरों में वैक्सिंग नहीं करती है, लाईए मैं आपके लिए कर देता हूं.
उसने मुकेश से कुछ कहा और मुकेश बाहर चला गया. थोड़ी देर बाद वापस आया, तो उसके हाथ में क्रीम का डिब्बा था.
उसने राज से पूछा- मैं लगाऊं?
राज ने सर हिला दिया.
मुकेश ने क्रीम मेरी जांघों और पैरों पर डाल दी और तेल की तरह मालिश करके लगा.
राज ने कहा- आज रात को जब आप अपने पति की बांहों में जाएंगी, तो उन्हें फर्क महसूस होगा.
मैंने भी महसूस किया कि धीरे धीरे मेरे पैरों और जांघों के बाल निकल रहे थे.
मुझे आज मर्दाना हाथों से अपनी चूत में बेहद उत्तेजना होने लगी थी. मैं बिना विरोध किए चुपचाप पड़ी रही. मेरी चूत की सनसनी ने कुछ ऐसा कर दिया था जिसे वो महसूस नहीं कर रहा था. वो ये था कि मेरी चूत धीरे धीरे गीली हो रही थी. मैं बस आज मजे के इस दरिया में बहे जा रही थी.
राज ने नाभि से नीचे के हिस्से को भी शेव करना शुरू किया. जब शेविंग का काम खत्म हुआ, तो उसने धीरे से मेरी चूत से कपड़ा हटा कर उसे अगल रख दिया.
उसने कहा- जैसा कि मैंने सोचा था, आप अपनी चूत के बाल भी साफ नहीं करती हैं.
अब तक मुकेश की मालिश भी हो चुकी थी और वो मेरे सर के पास आकर खड़ा हो गया था.
राज ने बिना मुझसे पूछे मेरी चूत पर क्रीम लगाना शुरू कर दिया. जैसे ही उसने चूत पर रेजर लगाने की कोशिश की मुझे अपनी हालत का अंदाजा हो गया.
मैं उठने को हुई, तो मुकेश ने मेरे कंधों को पकड़ कर कहा- मैडम क्या कर रही हैं. मालिक आपको परी बना रहे हैं. रेजर से कट जाएगा, लेटे रहिए.
मैं लेट गई और वो आराम से मेरी चूत को शेव करता रहा. उसके हाथों ने जब मेरी चूत की फांकें पकड़ कर झांटों को साफ़ किया तो मेरी हालत काफी खराब हो गई थी.
जब राज मेरी चूत के बालों की सफाई का काम पूरा कर चुका, तो उसने मेरे चूत को मेरी हथेली से छुआया और फर्क महसूस करने को कहा.
मैं तो शर्म से गड़ी जा रही थी. फर्क क्या महसूस करती.
उसने मुझे फोर्स करके पलटा और मुझे पेट के बल कर दिया और मेरे चूतड़ों पर हेयर रिमूवर क्रीम लगाने लगा.
मुकेश ने भी मेरी पीठ पर क्रीम लगा दी और वे दोनों मेरी मालिश करने लगे. दो मिनट में काम पूरा हुआ और दोनों हाथ धोने चले गए.
मैं वैसे ही नंगी पड़ी रही.
दो मिनट बाद वे दोनों वापस आए. उन्होंने मुझे खींच कर टेबल से उतारा और झुका कर खड़ा कर दिया.
दोनों ने गीला तौलिया लिया और मेरे बदन को झुका कर पौंछने लगे. मुकेश सामने था और जैसे ही मैंने उसे देखा तो करन्ट सा लगा.
वो एकदम नंगा था.
मैंने झुके हुए ही हड़बड़ी में उससे पूछा- ये क्या है?
उसने टॉवेल साईड में रखा और मेरी चूत को अपने हथेली से पकड़ लिया.
वो हल्के हल्के से मेरी चूत मसलते हुए बोला- मैडम आपकी सेवा करनी है. ये पूरी गीली हो गई है, तो हम दोनों इसे भी आराम दे देते हैं.
इतना कहते मुझे ही पीछे से एक लंड चूत में घुसता हुआ महसूस हुआ. मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो राज था. पर अब मैं उसे रोकने के स्थिति में नहीं रह गई थी. उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. मुकेश मेरे दोनों स्तनों से खेलने लगा और निप्पलों को एक एक करके चूसने लगा.
मुझे भी इस समय अपनी चूत की आग शांत होती सी महसूस होने लगी थी.
मैंने धीरे से मुकेश के सर को अपनी चूचियों पर दबाते हुए सहलाया, तो वो समझ गया कि मैं चुदाई का मजा लेने लगी हूँ.
उसने मेरी चूची खींचते हुए कहा- मालिक का काम सीख रहा हूं, भविष्य में मुझे ही संभालना है.
मैंने उससे कहा कुछ नहीं, बस मुस्कुरा दी और लंड का मजा लेते हुए हंसते हुए उसे दूध पिलाने लगी.
मुकेश अपना मजा लेकर हटा, तो राज ने उसे बाहर जाने को कहा.
वो बाहर चला गया और राज मेरे दोनों स्तनों को पीछे से पकड़ कर जबरदस्त धक्के लगाने लगा. वो मेरे स्तनों को मसल भी रहा था. उसके धक्के ने मुझे भी चरम पर पहुंचा दिया था, सो हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया.
वो मुझे बांहों में उठा कर बाथरूम में ले गया और आराम से नहलाया. फिर मैंने उसी के सामने कपड़े पहने. उसने मुझे दो दिन बाद दोपहर में आकर ब्लाउज ले जाने को कहा.
मैं दुकान से बाहर आ गई और घर जाने के बजाए अपनी फ्रेंड के घर चली गई. मैंने अपनी फ्रेंड को हर बात बताई. उसने मुझसे प्यार से पूछा- तुझे आत्मग्लानि तो नहीं हो रही है न?
मैंने शरमाते हुए न कह दिया.
उसने कहा- तेरे पति का तेरे पति के सीनियर जानबूझ कर प्रमोशन रोक देते हैं. इस बार भी नहीं होगा. सबकी तेरे पर लार टपकती है. तू सबको एक एक बार अपने बदन का मजा दे देगी, तो तेरे पति का जल्दी जल्दी प्रमोशन होने लगेगा.
मैंने धीरे से कहा- ये कभी नहीं मानेंगे.
उसने कहा- उसे बताना जरूरी है क्या? आज टेलर के दुकान कर जो हुआ वो भी बताएगी क्या?
मैंने हंसते हुए न कह दिया.
उसने कहा- अभी पार्टी को एक हफ्ते से ज्यादा हैं. मैं तेरे पति के सीनियर्स से तेरी एक दो मीटिंग करवा देती हूं. तू उन सबको अपने बदन का मजा दे देना. फिर तेरे पति का प्रमोशन हो ही जाएगा.
मैंने धीरे से कहा- इनको पता तो नहीं चलेगा?
उसने कहा- नहीं रे! मैं ख्याल रखूंगी.
मैंने उससे कहा- मैं तैयार हूं. पर इसके बदले तुझे क्या चाहिए?
उसने कहा- मेरे पति की … और दोनों भाई की तुझ पर बड़ी लार टपकती है. कई बार बोल भी चुके हैं.
मैंने हंसते हुए कहा- ठीक है मुझे ये भी मंजूर है.
मुझे खुद भी टेलर मास्टर के लंड से चूत में मजा आ गया था. अलग अलग लंड लेने का मजा मुझे कितनी लज्जत देगा, ये मैंने आज ही जाना था.
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